Sunday 13 April 2014

जूनियर रमन सिंह यानी अभिषेक समेत 50 सीटों पर नेताओं के बेटे-बेटियां

16वीं लोकसभा चुनाव में कम से कम 50 संसदीय सीटें ऐसी हैं जिन पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत से लेकर राहुल और वरुण गांधी समेत विभिन्न दलों के राजनेताओं के बेटे एवं बेटियां अपना भाग्य आजमा रहे हैं। अधिकतर सत्तारूढ़ कांग्रेस के हैं। सांसद अभिजीत मुखर्जी अपनी मौजूदा सीट जगीरपुर (पश्चिम बंगाल) से कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं। वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम के बेटे कार्ति तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से पहली बार चुनाव में उतरे हैं। भाजपा नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत झारखंड की हजारी बाग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। संप्रग सरकार में पूर्व मंत्री मुरली देवड़ा के पुत्र मिलिंद, केरल के राज्यपाल शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेन्द्र, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र गौरव, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुनील दत्त की बेटी प्रिया, दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह और दिल्ली के पूर्व  मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश वर्मा को मिलाकर कुल 50 सीटों पर नेताओं के बेटे-बेटियां चुनावी मैदान में हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक   की राजनांदगांव से मैदान में हैं। एक साल पहले जब छत्तीसगढ़ में रमन सिंह तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के लिए विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब उनके बेटे अभिषेक उनके चुनाव अभियान की देखरेख में जुटे थे। इस बार अब आम चुनाव हो रहे हैं अभिषेक खुद उम्मीदवार हैं और अब पिता उनके लिए वोट मांग रहे हैं। अभिषेक के लिए भाजपा ने राजनांदगांव के रूप में ऐसी सीट का चुनाव किया जहां पिछली बार वह सफल रही थी। भाजपा ने निवर्तमान सांसद मधुसूदन यादव को हटाकर अभिषेक को टिकट दिया है। इससे पार्टी में थोड़ी नाराजगी भी फैली। अभिषेक क्षेत्र के लोगों को भरोसा दिलाने में लगे हैं कि वह राजनांदगांव के बेटे हैं। उनको मोदी की छवि और अपने राज्य की राजनीति पर पिता की पकड़ का भरोसा है। समर्थक उनको जूनियर रमन के बतौर देख रहे हैं। 33 साल के अभिषेक सिंह ने एक्सएलआई जमशेदपुर से एमबीए की है। सहज, सरल और ईमानदार छवि के माने जाते हैं। उनके चुनाव क्षेत्र में नारा भी चल रहा हैö`सरल, सहज, दिल का नेक, राजनांदगांव का बेटा अभिषेक।' अभिषेक का मुकाबला कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा से है जो वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। आम आदमी पार्टी के भास्कर द्विवेदी भी मैदान में हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मधुसूदन यादव यहां से जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के देवव्रत सिंह को करीब 1.19 लाख वोटों के अंतर से हराया था। इस बार यादव की जगह अभिषेक मैदान में उतरे हैं। अभिषेक के लिए चुनौती है कि वह पहला चुनाव लड़ रहे हैं। एक सिटिंग एमपी को हटाकर मैदान में आए हैं थोड़ा असंतोष पार्टी में होगा जिसका उन्हें तोड़ निकालना होगा पर पिता राज्य के मुख्यमंत्री हैं उनकी राज्य में पकड़ का लाभ अभिषेक को जरूर मिलेगा। यह एक अच्छा संकेत है कि मीसा भारती की तरह अभिषेक सिंह भी एक पढ़े-लिखे उम्मीदवार हैं और बेशक वंशवाद का आरोप लगता हो पर ऐसे युवाओं का राजनीति में स्वागत होना चाहिए।

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