Thursday, 23 October 2025

नो किंग्स प्रोटेस्ट: सड़कों पर 70 लाख अमेरिकी

 
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ रविवार को अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ। ऐसा लगा मानो पूरा अमेरिका सड़कों पर उतर गया हो। करीब 70 लाख से अधिक लोगों ने अमेरिका में 2600 जगहों पर नो किंग्स नाम से निकाली गई रैलियों में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ट्रंप की नीतियां अमेरिका को तानाशाही की ओर ले जा रही हैं। शिकागो शहर में 1 लाख, वाशिंगटन डीसी में 2 लाख, लॉस एंजिलिस सिटी में 50 हजार और सैन डिएगो शहर में 25 हजार प्रदर्शनकारी शामिल हुए। टाइम्स स्क्वायर, बोस्टन कॉमन और अटलांटा सिविक सेंटर जैसे इलाकों में भारी भीड़ उमड़ी। सिएटल में लोगों ने स्पेन नीडल के पास डेढ़ किलोमीटर लंबी परेड निकाली। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने लोकतंत्र, न्याय और नागरिक स्वतंत्रता पर हमला किया है। ओरेगन के एक शिक्षक ने कहा कि हम शांति से यह बताना चाहते हैं कि अमेरिका किसी राजा का देश नहीं है। उनका कहना है कि फेडरल सैनिकों की तैनाती रोकी जाए, इमिग्रेशन छापे बढ़े हों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा हो। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने विरोध करने से ज्यादा देशभक्ति कुछ नहीं है या फांसीवाद का विरोध करें जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारी ट्रंप की आप्रवासन शिक्षा और सुरक्षा नीति का भी विरोध कर रहे थे। अमेरिका समेत दुनिया भर में 2700 से ज्यादा नो किंग्स प्रदर्शन हुए हैं। लंदन स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर भी सैंकड़ों लोग जमा हुए। आयोजकों का कहना है कि वे प्रदर्शन ट्रंप की तानाशाही प्रवृतियों के खिलाफ एक प्रतिरोध है, इसे अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया जा रहा है। मैड्रिड और वर्सिलोना में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए। ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर वापसी के बाद से यह तीसरा जन आंदोलन है। इस आंदोलन से संघीय कार्पामों और सेवाओं पर असर पड़ा है। वाशिंगटन में प्रदर्शन में शामिल शान हावर्ड ने कहा कि उन्होंने पहले कभी भी विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लिया था, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने जिस प्रकार से कानून की अवहेलना की है उससे वह बहुत आहत हैं। नो किंग्स थीम का मकसद उन विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाना है जिनके कारण अमेरिका का जन्म हुआ, राजशाही और निरंकुशता को छोड़ा गया। गणतांत्रिक शासन प्रणाली को अपनाया गया। ये विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुए जब सीनेट में डेपोट्स और रिपब्लिकन के बीच गतिरोध के कारण सरकार का अधिकांश शट डाउन यानि बंद है, डेपोट्स मेडिकल बीमा और स्वास्थ्य संबंधी कार्पामों में कटौती को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा डेपोटिक शासित राज्यों में संघीय बल भेजने और अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने से इंकार किया कि उनकी कोई शाही महत्वकांक्षा है या वे किसी राजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने फॉक्स बिजनेस टीवी इंटरव्यू में कहा ये मुझे राजा कह रहे हैं। मैं राजा नहीं हूं। ट्रंप ने एआई वीडियो शेयर करते हुए इस पर प्रतिािढया दी। वीडियो में उनके सिर पर ताज दिखाई दे रहा है। वे एक लड़ाकू विमान में मास्क लगाकर बैठे हैं और जिस पर किंग ट्रंप लिखा है। प्रदर्शनकारियों पर बम बरसाते हुए दिख रहे हैं। 
-अनिल नरेन्द्र

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