Tuesday, 7 October 2025

कांटे की टक्कर दिखती है बिहार में


बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियां अपने चरम पर हैं। पार्टियों के बीच साधे जा रही सीटों के समीकरण के बीच भारतीय चुनाव आयोग ने एसआईआर यानि गहन मतदाता पुनरीक्षण के आंकड़े भी जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक बिहार में अब 7.42 करोड़ मतदाता हैं। अब बिहार चुनाव की घोषणा भी हो गई और 14 नवंबर 2025 को रिजल्ट भी आ जाएगा। पाठकों की जानकारी के लिए बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन के पास 122 सीटें होना जरूरी है। बिहार में फिलहाल जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घटक दलों वाली एनडीए सरकार है और आरजेडी के तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। विधानसभा में अभी भाजपा के 80 विधायक हैं। आरजेडी के 77, जेडीयू के 45 और कांग्रेस के 19, कम्युनिस्ट पार्टी के 11, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के 4, कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 2, कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया के दो, ओवैसी की पार्टी का एक और 2 निर्दलीय विधायक हैं। सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए जमकर रेवड़ियां बांट रही है। कहीं तो बिहार की 75 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपए पहुंच रहे हैं तो कहीं चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले सीएम नीतीश कुमार की तरफ से करोड़ों रुपए की योजनाओं की घोषणा हो रही है। महिलाओं के खातों में पैसे देने के बाद पीएम मोदी ने युवाओं के लिए करीब 62 हजार करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू की हैं। इनमें बिहार के लिए भी काफी योजनाएं हैं। इन योजनाओं से लगता है कि बिहार चुनाव सत्तारूढ़ केंद्र की एनडीए सरकार के लिए बहुत ज्यादा महत्व रखती है और केंद्रीय नेतृत्व किसी भी हालत में बिहार खोना नहीं चाहता। इन योजनाओं से लगता है कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान देकर चुनाव में जीत की संभावनाएं बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर महागठबंधन भी एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। एसआईआर, वोट चोरी और संविधान रक्षा इनके प्रमुख मुद्दे हैं। एनडीए की अंदरूनी खींचतान भी चिंता का विषय बना हुआ है। इस बार चुनाव में एक नया फैक्टर भी जुड़ गया है। वह है पीके यानि प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी। पीके ने बिहार में अपने आरोपों से तहलका मचा दिया है। उनके फिलहाल निशाने पर सत्तारुढ़ एनडीए सरकार के मंत्री हैं। प्रशांत किशोर अपनी जनसभाओं में जबरदस्त भीड़ खींच रहे हैं। देखना यह होगा कि यह किसकी वोट काटते हैं, एनडीए की या महागठबंधन की? अगर पीके 10-12 सीटें निकाल लेते हैं तो यह किंग मेकर की भूमिका में भी आ सकते हैं। बिहार में इस समय लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन बनाम जन सुराज पार्टी के बीच दिखती है। मैं व्यक्तिगत रूप से इन चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों पर विश्वास नहीं करता पर जो इन पर यकीन करते हैं उनकी जानकारी के लिए एक ताजा सर्वेक्षण का ब्यौरा दे रहा हूं। नीतीश कुमार, तेजस्वी या प्रशांत किशोर.... बिहार का कौन होगा अगला मुख्यमंत्री नाम के सी-वोटर का ताजा सर्वेक्षण आया है। 2025 में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है। हालिया सी-वोटर सर्वे ने दिखाया है कि तेजस्वी यादव अभी सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशांत किशोर ने लोकप्रिया में नीतीश कुमार को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है। कौन जीत रहा है यह कहना मुश्किल है, कांटे की टक्कर है। एनडीए, इंडिया गठबंधन और प्रशांत की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने लड़ाई दिलचस्प बना दी है। सवाल यह भी है कि क्या नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बन पाएंगे या फिर एनडीए की जीत होती है तो क्या भाजपा किसी नए मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करेगी। वहीं विपक्ष अगर जीतती है तो उसका कौन मुख्यमंत्री होगा क्योंकि अभी तक इस विषय पर कांग्रेस ने कुछ खुलकर नहीं बोला है। सी-वोटर सर्वे के अनुसार बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को लगभग 35 फीसदी लोगों ने भावी मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। जबकि नीतीश कुमार को इस सर्वे में तीसरी पसंद बताया गया है और उन्हें केवल 16 प्रतिशत लोगों ने चुना। जबकि दूसरे नंबर पर राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की लोकप्रियता इस सर्वे में सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री के रूप में 23 प्रतिशत तक पहुंच गई है। जैसा मैंने कहा कि मुझे इन सर्वेक्षणों पर यकीन नहीं है। इनसे बहरहाल इतना तो पता चलता ही है कि बिहार में कैसी सियासी हवा चल रही है। 
-अनिल नरेन्द्र

Saturday, 4 October 2025

बंदियों की रिहाई तक बातचीत नहीं

कारगिल डेपोटिक अलायंस (केडीए) ने मंगलवार को कहा कि बंदियों की रिहाई तक केंद्र सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी। संगठन ने गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच की मांग की। वहीं केडीए ने लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के केंद्र के साथ बातचीत स्थगित करने के फैसले का भी समर्थन किया है। बीते 24 सितम्बर को हुई हिंसा में 4 लद्दाखियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए थे। मरने वालों में कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक त्सेवांग थारचिन भी शामिल थे। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि थारचिन के पिता का जो वीडियो सामने आया है। उससे पता चलता है कि पिता भी फौजी है, बेटा भी फौजी है, जिनके खून में देशभक्ति बसी है। फिर भी सरकार ने देश के वीर बेटे की गोलीमार कर जान ले ली, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो लद्दाख और अपने अधिकार के लिए खड़ा था। बता दें कि 24 सितम्बर को एलएबी द्वारा बुलाए गए बंद में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। 150 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया। आंदोलन का चेहरा बने सोनम वांगचुक को एनएसए में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में भेजा गया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने मंगलवार को कहा कि उनके पति सोनम वांगचुक को 26 सितम्बर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सोनम वांगचुक समेत अभी तक 60 भारतीयों को मैग्सायसाय अवार्ड मिला है। इनमें से 20 को भारत सरकार ने पदमश्री, पद्मभूषण भी दिया है। तो क्या सरकार एंटी नेशनल को भी ये सभी अवार्ड देती है। नवभारत टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट में डॉक्टर गीतांजलि ने सीधा सवाल किया कि अगर सोनम एंटी नेशनल थे तो यही सरकार उन्हें इतना पुरस्कृत क्यों कर रही थी। अभी एक महीने से ऐसा क्या हुआ? जो अच्छा काम कर रहा है उसको टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने अपने इंस्टीट्यूट को मिले कथित डोनेशन के बारे में कहा कि वह डोनेशन नहीं, बल्कि बाहर की यूनिवर्सिटी ने उनकी रिसर्च खरीदी थी। गीतांजलि ने कहा कि सरनेम और उनके हिमालय इंस्टीट्यूट ऑफ अल्ट्रनेटिव लद्दाख (एचआईएएल) के बारे में जो नैरेटिव फैलाया जा रहा है, वह सब सरासर गलत है। सीबीआई और आईटी से लेकर सभी को उन्होंने सुबूत दिए हैं कहीं भी कुछ नहीं मिला। गीतांजंलि ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी सिस्टम लद्दाख में दिखा तो हमारा सवाल यह है कि आपने यह सेफ्टी प्रोटोकॉल कैसे ब्रीच होने दिया? इसका जवाब हम नहीं बल्कि केन्द्राrय गृह मंत्रालय को देना चाहिए। उन्होंने सोनम के राजनीति में आने की बात को भी दरकिनार करते हुए कहा कि हर बार जब भी चुनाव आते हैं तो सभी राजनीतिक पार्टी उन्हें अप्रोच करती हैं लेकिन वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि तीन बार तो मेरे सामने ही उन्होंने इसे रिजेक्ट किया है। सरकार को हिंसा और डर की राजनीति बंद करके संवाद करना चाहिए। सोनम वांगचुक को देशद्रोही मानने को कोई भी तैयार नहीं है। जो आदमी भारतीय सेना के लिए सोलर टेंट बना सकता है ताकि हमारे सैनिक कड़ाके की ठंड से बच सकें वो देशद्रोही कैसे हो सकता है? चीन से सीधे टक्कर लेने वाले लद्दाखियों से ज्यादा देशभक्त देश में और कौन हो सकता है? आज लद्दाख में क्या स्थिति हैं भाषा की यह रिपोर्ट दर्शाती है। हितधारकों का कहना है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बड़े पैमाने बुकिंग पर रद्द होने से उद्योग को सर्वाधिक झटका लगा था, लेकिन अब लेह में हुई हिंसा से हिंसक पर्यटकों का भरोसा डगमगा गया है। एलएबी द्वारा बंद के दौरान हुई झड़पों के बाद 24 सितम्बर को लेह शहर में अनिश्चितकाल कर्फ्यू लगा दिया गया था जिसमें अब थोड़ी राहत दी गई है। लेह एपेक्स बॉडी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे में छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन कर रही है। लद्दाख में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। इस वजह से सारी बुकिंग रद्द होने लगी है और स्थायी हितकारियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री अपने कमरों में बंद हैं। केंद्र सरकार को लद्दाख की एहमियत समझनी चाहिए। वह चीन और पाकिस्तान से लगता बार्डर क्षेत्र है। लद्दाखियों ने हमेशा देश की सुरक्षा में अगली पंक्ति में भाग लिया है। केंद्र सरकार को तुरन्त शांति बहाल करनी चाहिए। सभी कैदियों को रिहाकर सारे केस वापस लेने चाहिए। ऐसा एपेक्स बॉडी का कहना है। उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्र सरकार इस ज्वलंत स्थिति का अविलम्ब समाधान करेगी। -अनिल नरेन्द्र

Thursday, 2 October 2025

कप हमने जीता, ट्राफी लेकर भागे पाकिस्तानी


लेकर भागे पाकिस्तानी एशिया कप में भारत की बादशाहत बरकरार रही। रविवार को दुबईं में खचाखच भरे स्टेडियम में टीम इंडिया ने पाक को पांच विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप अपने नाम किया। यह मैच जितना रोमांचक फील्ड पर था उतना ही रोमांचक मैच खत्म होने के बाद रहा। कांटे का मुकाबला देखने को मिला। आखिरी ओवर तक यह नहीं पता लग रहा था कि जीत किसकी होगी? इस मुकाबले में पाकिस्तान ने इस एशिया कप की सबसे शानदार ओपनिंग की। पाकिस्तान का एक समय में 113 रन पर सिर्प एक विकेट थी। लेकिन अंतिम ओवरों में उन्होंने 33 रन ही बनाकर अपनी 9 विकटें गंवा दी। भारतीय गेंदबाजों में सबसे सफल रहे वुलदीप यादव जिन्होंने वुल 30 रन देकर 4 विकटें लीं, पर महत्वपूर्ण पल तब था जब वरुण चव्रवर्ती ने ओपनिंग जोड़ी को तोड़कर साहिबजादा फरहान को आउट किया। यह गेम का टर्निग प्वाइंट था। पाकिस्तान 19.1 ओवर में वुल 146 रन ही बना पाया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ओपनर अभिषेक शर्मा दूसरी बॉल पर ही आउट हो गए, जिससे सबसे ज्यादा उम्मीद थी। कप्तान सूर्यंवुमार यादव एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए और 1 रन ही बनाकर निकल लिए। भारत अब मुश्किल में था। पाकिस्तान का पलड़ा भारी हो गया था पर तिलक वर्मा, संजू सैमसन और शिवम दूबे ने मोर्चा संभाला और अंतिम ओवर में तिलक के छक्के और रिंवू सिंह के चौके ने एशिया कप भारत के नाम कर दिया। बेशक मैदान में व्रिकेट का मैच तो यहीं खत्म हो गया पर एक दूसरा नाटक आरंभ हो गया। भारत ने जैसा पूर्व मैचों में हुआ था पाकिस्तानी खिलािड़यों से हाथ नहीं मिलाया।

यही नहीं टीम इंडिया ने एशिया कप ट्राफी भी नहीं ली। दरअसल फाइनल के बाद टीम इंडिया ने साफ मना कर दिया था कि वह पाकिस्तानी सरकार के मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे, लेकिन एशियन व्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष होने के नाते ट्राफी देने की जिद पर अड़े रहे। इसके चलते पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन भी काफी देरी से शुरू हुईं। जब भारतीय टीम के मेडल और ट्राफी लेने की बात आईं तो साइमन डूल ने कहा कि देवियों और सज्जनों, मुझे एशियाईं व्रिकेट परिषद ने सूचित किया है कि भारतीय व्रिकेट टीम आज अपने पुरस्कार नहीं ले पाएगी तो मैच के बाद की प्रस्तुती यहीं समाप्त होती है। भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से इंकार किया तो मोहसिन नकवी ट्रॉफी और मेडल लेकर अपने होटल चले गए। हालांकि उन्हें ऐसा करने का कोईं अधिकार नहीं था। यह ट्रॉफी न तो उनकी थी न ही पाकिस्तान की। बीसीसीआईं के सचिव देवजीत सैकिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम ऐसे व्यक्ति से ट्रॉफी स्वीकार नहीं कर सकते जो ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता है जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है और खुलेआम परमाणु बम हम पर गिराने की वकालत करता है। टीम इंडिया के इस पैसले का पूरे देश ने तहेदिल से स्वागत किया है। ट्रॉफी से कहीं ज्यादा तिरंगा, आत्मसम्मान मैटर करता है। ट्रॉफियां तो आती-जाती रहती हैं। भारतीय कप्तान सूर्यंवुमार यादव ने मैच के बाद एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया। पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर नौंवी बार यह खिताब जीतने के बाद सूर्यंवुमार यादव ने घोषणा की वह टूर्नामेंट में खेले गए अपने सभी मैचों की पूरी फीस भारतीय सेना को दान कर देंगे।

यह उनके लिए और पूरी टीम के लिए भावनात्मक और देशभक्ति पूर्ण पल था। भारतीय व्रिकेट वंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआईं) ने टीम के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए खिलािड़यों और सपोर्ट स्टाफ के लिए 21 करोड़ रुपए की घोषणा की है। अगर यह ट्रॉफी भारत के पक्ष में आईं तो हमें वुछ खिलािड़यों के विशेष योगदान की सराहना करनी होगी। वुलदीप यादव ने इस फाइनल मैच में न केवल 30 रन देकर 4 विकेट ही लिए बल्कि भारत की तरफ से टी-20 फाइनल में सबसे बेस्ट बॉलिंग करने वाले गेंदबाज बन गए। उन्होंने एक साथ इरफान पठान, चहल, हार्दिक और आरपी सिंह का रिकार्ड तोड़ दिया। अगर हम बल्लेबाजी की बात करें तो तिलक वर्मा का योगदान कभी न भूलने वाली पारी थी। भारत की जीत का तिलक असल में तिलक वर्मा को लगाना चाहिए। भारत की जीत के हीरो तिलक वर्मा रहे। पूरे टूर्नामेंट में भारत ने पाक पर जीत की हैट्रिक लगाईं। तिलक वर्मा ने भारत की पारी तब संभाली जब टीम इंडिया हार के कगार पर खड़ी थी और पाकिस्तानियांे को लग रहा था कि वह जीत गए हैं। तिलक 69 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं शिवम दूबे ने 33 रन बनाए।

147 रन का टारगेट भारतीय टीम ने 20वें ओवर की चौथी बॉल पर रिंवू सिंह के चौके के साथ हासिल कर लिया। हम टीम इंडिया को तहेदिल से बधाईं देते हैं और धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने तिरंगे की शान बचाईं।

——अनिल नरेन्द्र