Tuesday, 7 October 2025

कांटे की टक्कर दिखती है बिहार में


बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियां अपने चरम पर हैं। पार्टियों के बीच साधे जा रही सीटों के समीकरण के बीच भारतीय चुनाव आयोग ने एसआईआर यानि गहन मतदाता पुनरीक्षण के आंकड़े भी जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक बिहार में अब 7.42 करोड़ मतदाता हैं। अब बिहार चुनाव की घोषणा भी हो गई और 14 नवंबर 2025 को रिजल्ट भी आ जाएगा। पाठकों की जानकारी के लिए बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन के पास 122 सीटें होना जरूरी है। बिहार में फिलहाल जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घटक दलों वाली एनडीए सरकार है और आरजेडी के तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। विधानसभा में अभी भाजपा के 80 विधायक हैं। आरजेडी के 77, जेडीयू के 45 और कांग्रेस के 19, कम्युनिस्ट पार्टी के 11, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के 4, कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 2, कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया के दो, ओवैसी की पार्टी का एक और 2 निर्दलीय विधायक हैं। सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए जमकर रेवड़ियां बांट रही है। कहीं तो बिहार की 75 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपए पहुंच रहे हैं तो कहीं चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले सीएम नीतीश कुमार की तरफ से करोड़ों रुपए की योजनाओं की घोषणा हो रही है। महिलाओं के खातों में पैसे देने के बाद पीएम मोदी ने युवाओं के लिए करीब 62 हजार करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू की हैं। इनमें बिहार के लिए भी काफी योजनाएं हैं। इन योजनाओं से लगता है कि बिहार चुनाव सत्तारूढ़ केंद्र की एनडीए सरकार के लिए बहुत ज्यादा महत्व रखती है और केंद्रीय नेतृत्व किसी भी हालत में बिहार खोना नहीं चाहता। इन योजनाओं से लगता है कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान देकर चुनाव में जीत की संभावनाएं बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर महागठबंधन भी एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। एसआईआर, वोट चोरी और संविधान रक्षा इनके प्रमुख मुद्दे हैं। एनडीए की अंदरूनी खींचतान भी चिंता का विषय बना हुआ है। इस बार चुनाव में एक नया फैक्टर भी जुड़ गया है। वह है पीके यानि प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी। पीके ने बिहार में अपने आरोपों से तहलका मचा दिया है। उनके फिलहाल निशाने पर सत्तारुढ़ एनडीए सरकार के मंत्री हैं। प्रशांत किशोर अपनी जनसभाओं में जबरदस्त भीड़ खींच रहे हैं। देखना यह होगा कि यह किसकी वोट काटते हैं, एनडीए की या महागठबंधन की? अगर पीके 10-12 सीटें निकाल लेते हैं तो यह किंग मेकर की भूमिका में भी आ सकते हैं। बिहार में इस समय लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन बनाम जन सुराज पार्टी के बीच दिखती है। मैं व्यक्तिगत रूप से इन चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों पर विश्वास नहीं करता पर जो इन पर यकीन करते हैं उनकी जानकारी के लिए एक ताजा सर्वेक्षण का ब्यौरा दे रहा हूं। नीतीश कुमार, तेजस्वी या प्रशांत किशोर.... बिहार का कौन होगा अगला मुख्यमंत्री नाम के सी-वोटर का ताजा सर्वेक्षण आया है। 2025 में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है। हालिया सी-वोटर सर्वे ने दिखाया है कि तेजस्वी यादव अभी सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशांत किशोर ने लोकप्रिया में नीतीश कुमार को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है। कौन जीत रहा है यह कहना मुश्किल है, कांटे की टक्कर है। एनडीए, इंडिया गठबंधन और प्रशांत की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने लड़ाई दिलचस्प बना दी है। सवाल यह भी है कि क्या नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बन पाएंगे या फिर एनडीए की जीत होती है तो क्या भाजपा किसी नए मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करेगी। वहीं विपक्ष अगर जीतती है तो उसका कौन मुख्यमंत्री होगा क्योंकि अभी तक इस विषय पर कांग्रेस ने कुछ खुलकर नहीं बोला है। सी-वोटर सर्वे के अनुसार बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को लगभग 35 फीसदी लोगों ने भावी मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। जबकि नीतीश कुमार को इस सर्वे में तीसरी पसंद बताया गया है और उन्हें केवल 16 प्रतिशत लोगों ने चुना। जबकि दूसरे नंबर पर राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की लोकप्रियता इस सर्वे में सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री के रूप में 23 प्रतिशत तक पहुंच गई है। जैसा मैंने कहा कि मुझे इन सर्वेक्षणों पर यकीन नहीं है। इनसे बहरहाल इतना तो पता चलता ही है कि बिहार में कैसी सियासी हवा चल रही है। 
-अनिल नरेन्द्र

Saturday, 4 October 2025

बंदियों की रिहाई तक बातचीत नहीं

कारगिल डेपोटिक अलायंस (केडीए) ने मंगलवार को कहा कि बंदियों की रिहाई तक केंद्र सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी। संगठन ने गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच की मांग की। वहीं केडीए ने लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के केंद्र के साथ बातचीत स्थगित करने के फैसले का भी समर्थन किया है। बीते 24 सितम्बर को हुई हिंसा में 4 लद्दाखियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए थे। मरने वालों में कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक त्सेवांग थारचिन भी शामिल थे। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि थारचिन के पिता का जो वीडियो सामने आया है। उससे पता चलता है कि पिता भी फौजी है, बेटा भी फौजी है, जिनके खून में देशभक्ति बसी है। फिर भी सरकार ने देश के वीर बेटे की गोलीमार कर जान ले ली, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो लद्दाख और अपने अधिकार के लिए खड़ा था। बता दें कि 24 सितम्बर को एलएबी द्वारा बुलाए गए बंद में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। 150 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया। आंदोलन का चेहरा बने सोनम वांगचुक को एनएसए में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में भेजा गया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने मंगलवार को कहा कि उनके पति सोनम वांगचुक को 26 सितम्बर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सोनम वांगचुक समेत अभी तक 60 भारतीयों को मैग्सायसाय अवार्ड मिला है। इनमें से 20 को भारत सरकार ने पदमश्री, पद्मभूषण भी दिया है। तो क्या सरकार एंटी नेशनल को भी ये सभी अवार्ड देती है। नवभारत टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट में डॉक्टर गीतांजलि ने सीधा सवाल किया कि अगर सोनम एंटी नेशनल थे तो यही सरकार उन्हें इतना पुरस्कृत क्यों कर रही थी। अभी एक महीने से ऐसा क्या हुआ? जो अच्छा काम कर रहा है उसको टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने अपने इंस्टीट्यूट को मिले कथित डोनेशन के बारे में कहा कि वह डोनेशन नहीं, बल्कि बाहर की यूनिवर्सिटी ने उनकी रिसर्च खरीदी थी। गीतांजलि ने कहा कि सरनेम और उनके हिमालय इंस्टीट्यूट ऑफ अल्ट्रनेटिव लद्दाख (एचआईएएल) के बारे में जो नैरेटिव फैलाया जा रहा है, वह सब सरासर गलत है। सीबीआई और आईटी से लेकर सभी को उन्होंने सुबूत दिए हैं कहीं भी कुछ नहीं मिला। गीतांजंलि ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी सिस्टम लद्दाख में दिखा तो हमारा सवाल यह है कि आपने यह सेफ्टी प्रोटोकॉल कैसे ब्रीच होने दिया? इसका जवाब हम नहीं बल्कि केन्द्राrय गृह मंत्रालय को देना चाहिए। उन्होंने सोनम के राजनीति में आने की बात को भी दरकिनार करते हुए कहा कि हर बार जब भी चुनाव आते हैं तो सभी राजनीतिक पार्टी उन्हें अप्रोच करती हैं लेकिन वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि तीन बार तो मेरे सामने ही उन्होंने इसे रिजेक्ट किया है। सरकार को हिंसा और डर की राजनीति बंद करके संवाद करना चाहिए। सोनम वांगचुक को देशद्रोही मानने को कोई भी तैयार नहीं है। जो आदमी भारतीय सेना के लिए सोलर टेंट बना सकता है ताकि हमारे सैनिक कड़ाके की ठंड से बच सकें वो देशद्रोही कैसे हो सकता है? चीन से सीधे टक्कर लेने वाले लद्दाखियों से ज्यादा देशभक्त देश में और कौन हो सकता है? आज लद्दाख में क्या स्थिति हैं भाषा की यह रिपोर्ट दर्शाती है। हितधारकों का कहना है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बड़े पैमाने बुकिंग पर रद्द होने से उद्योग को सर्वाधिक झटका लगा था, लेकिन अब लेह में हुई हिंसा से हिंसक पर्यटकों का भरोसा डगमगा गया है। एलएबी द्वारा बंद के दौरान हुई झड़पों के बाद 24 सितम्बर को लेह शहर में अनिश्चितकाल कर्फ्यू लगा दिया गया था जिसमें अब थोड़ी राहत दी गई है। लेह एपेक्स बॉडी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे में छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन कर रही है। लद्दाख में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। इस वजह से सारी बुकिंग रद्द होने लगी है और स्थायी हितकारियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री अपने कमरों में बंद हैं। केंद्र सरकार को लद्दाख की एहमियत समझनी चाहिए। वह चीन और पाकिस्तान से लगता बार्डर क्षेत्र है। लद्दाखियों ने हमेशा देश की सुरक्षा में अगली पंक्ति में भाग लिया है। केंद्र सरकार को तुरन्त शांति बहाल करनी चाहिए। सभी कैदियों को रिहाकर सारे केस वापस लेने चाहिए। ऐसा एपेक्स बॉडी का कहना है। उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्र सरकार इस ज्वलंत स्थिति का अविलम्ब समाधान करेगी। -अनिल नरेन्द्र

Thursday, 2 October 2025

कप हमने जीता, ट्राफी लेकर भागे पाकिस्तानी


लेकर भागे पाकिस्तानी एशिया कप में भारत की बादशाहत बरकरार रही। रविवार को दुबईं में खचाखच भरे स्टेडियम में टीम इंडिया ने पाक को पांच विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप अपने नाम किया। यह मैच जितना रोमांचक फील्ड पर था उतना ही रोमांचक मैच खत्म होने के बाद रहा। कांटे का मुकाबला देखने को मिला। आखिरी ओवर तक यह नहीं पता लग रहा था कि जीत किसकी होगी? इस मुकाबले में पाकिस्तान ने इस एशिया कप की सबसे शानदार ओपनिंग की। पाकिस्तान का एक समय में 113 रन पर सिर्प एक विकेट थी। लेकिन अंतिम ओवरों में उन्होंने 33 रन ही बनाकर अपनी 9 विकटें गंवा दी। भारतीय गेंदबाजों में सबसे सफल रहे वुलदीप यादव जिन्होंने वुल 30 रन देकर 4 विकटें लीं, पर महत्वपूर्ण पल तब था जब वरुण चव्रवर्ती ने ओपनिंग जोड़ी को तोड़कर साहिबजादा फरहान को आउट किया। यह गेम का टर्निग प्वाइंट था। पाकिस्तान 19.1 ओवर में वुल 146 रन ही बना पाया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ओपनर अभिषेक शर्मा दूसरी बॉल पर ही आउट हो गए, जिससे सबसे ज्यादा उम्मीद थी। कप्तान सूर्यंवुमार यादव एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए और 1 रन ही बनाकर निकल लिए। भारत अब मुश्किल में था। पाकिस्तान का पलड़ा भारी हो गया था पर तिलक वर्मा, संजू सैमसन और शिवम दूबे ने मोर्चा संभाला और अंतिम ओवर में तिलक के छक्के और रिंवू सिंह के चौके ने एशिया कप भारत के नाम कर दिया। बेशक मैदान में व्रिकेट का मैच तो यहीं खत्म हो गया पर एक दूसरा नाटक आरंभ हो गया। भारत ने जैसा पूर्व मैचों में हुआ था पाकिस्तानी खिलािड़यों से हाथ नहीं मिलाया।

यही नहीं टीम इंडिया ने एशिया कप ट्राफी भी नहीं ली। दरअसल फाइनल के बाद टीम इंडिया ने साफ मना कर दिया था कि वह पाकिस्तानी सरकार के मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे, लेकिन एशियन व्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष होने के नाते ट्राफी देने की जिद पर अड़े रहे। इसके चलते पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन भी काफी देरी से शुरू हुईं। जब भारतीय टीम के मेडल और ट्राफी लेने की बात आईं तो साइमन डूल ने कहा कि देवियों और सज्जनों, मुझे एशियाईं व्रिकेट परिषद ने सूचित किया है कि भारतीय व्रिकेट टीम आज अपने पुरस्कार नहीं ले पाएगी तो मैच के बाद की प्रस्तुती यहीं समाप्त होती है। भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से इंकार किया तो मोहसिन नकवी ट्रॉफी और मेडल लेकर अपने होटल चले गए। हालांकि उन्हें ऐसा करने का कोईं अधिकार नहीं था। यह ट्रॉफी न तो उनकी थी न ही पाकिस्तान की। बीसीसीआईं के सचिव देवजीत सैकिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम ऐसे व्यक्ति से ट्रॉफी स्वीकार नहीं कर सकते जो ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता है जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है और खुलेआम परमाणु बम हम पर गिराने की वकालत करता है। टीम इंडिया के इस पैसले का पूरे देश ने तहेदिल से स्वागत किया है। ट्रॉफी से कहीं ज्यादा तिरंगा, आत्मसम्मान मैटर करता है। ट्रॉफियां तो आती-जाती रहती हैं। भारतीय कप्तान सूर्यंवुमार यादव ने मैच के बाद एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया। पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर नौंवी बार यह खिताब जीतने के बाद सूर्यंवुमार यादव ने घोषणा की वह टूर्नामेंट में खेले गए अपने सभी मैचों की पूरी फीस भारतीय सेना को दान कर देंगे।

यह उनके लिए और पूरी टीम के लिए भावनात्मक और देशभक्ति पूर्ण पल था। भारतीय व्रिकेट वंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआईं) ने टीम के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए खिलािड़यों और सपोर्ट स्टाफ के लिए 21 करोड़ रुपए की घोषणा की है। अगर यह ट्रॉफी भारत के पक्ष में आईं तो हमें वुछ खिलािड़यों के विशेष योगदान की सराहना करनी होगी। वुलदीप यादव ने इस फाइनल मैच में न केवल 30 रन देकर 4 विकेट ही लिए बल्कि भारत की तरफ से टी-20 फाइनल में सबसे बेस्ट बॉलिंग करने वाले गेंदबाज बन गए। उन्होंने एक साथ इरफान पठान, चहल, हार्दिक और आरपी सिंह का रिकार्ड तोड़ दिया। अगर हम बल्लेबाजी की बात करें तो तिलक वर्मा का योगदान कभी न भूलने वाली पारी थी। भारत की जीत का तिलक असल में तिलक वर्मा को लगाना चाहिए। भारत की जीत के हीरो तिलक वर्मा रहे। पूरे टूर्नामेंट में भारत ने पाक पर जीत की हैट्रिक लगाईं। तिलक वर्मा ने भारत की पारी तब संभाली जब टीम इंडिया हार के कगार पर खड़ी थी और पाकिस्तानियांे को लग रहा था कि वह जीत गए हैं। तिलक 69 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं शिवम दूबे ने 33 रन बनाए।

147 रन का टारगेट भारतीय टीम ने 20वें ओवर की चौथी बॉल पर रिंवू सिंह के चौके के साथ हासिल कर लिया। हम टीम इंडिया को तहेदिल से बधाईं देते हैं और धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने तिरंगे की शान बचाईं।

——अनिल नरेन्द्र 

Tuesday, 30 September 2025

शाहरुख खान बनाम समीर वानखेड़े

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ड्रग्स से जुड़े अपराधों की जांच करने वाली एक केंद्रीय एजेंसी है। इसके पूर्व अधिकारी आईआरएस एवं एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में अभिनेता शाहरुख खान और गौरी खान के स्वामित्व वाली कंपनी रेड चिलीज के प्रोडक्शन में बनी और नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की गई वेब सीरीज द वैड्स ऑफ बॉलीवुड में झूठा, भावनापूर्ण और मानहानि वाला कंटेंट पेश करने के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने दो करोड़ रुपए का मुआवजा भी मांगा है। जिसे वे टाटा मैमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करना चाहते हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि यह राशि कैंसर रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल में इस्तेमाल की जाएगी। बता दें कि मामला क्या है? दरअसल इस वेब सीरीज में समीर वानखेड़े का कहना है कि इसमें दिखाए गए दृश्य उन्हें बदनाम करने की कोशिश है क्योंकि इसमें एक अधिकारी को ऐसा दिखाया गया है जैसे वह बॉलीवुड सितारों के पीछे पड़ा रहता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि यह सीरिज जानबूझकर समीर वानखेड़े की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के इरादे से बनाई गई है। इसमें यह भी पा है कि यह सीरीज ऐसे समय तैयार की गई है जब वानखेड़े और शाहरुख खान के बेटे आर्यन से जुड़ा मामला बाम्बे हाईकोर्ट और एनडीपीएस की विशेष अदालत में विचाराधीन है। साल 2021 में आर्यन खान के खिलाफ शुरू हुआ था यह मामला। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को लेकर यह विवाद 4 साल पहले 21 अक्टूबर 2021 में तब शुरू हुआ था जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने मुंबई कॉर्डेलिया ाtढज जहाज पर एक रेव पार्टी की जानकारी मिलने पर छापेमारी की थी। एनसीबी के उस समय के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और अधीक्षक वीवी सिंह की टीम ने इस छापे का नेतृत्व किया था। छापेमारी में आशीष रंजन जांच अधिकारी के रूप में मौजूद थे। एनसीबी ने 3 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। 25 दिन जेल में बिताने के बाद 28 अक्टूबर 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्यन को जमानत दी थी। हालांकि इस छापेमारी और इसमें शामिल अधिकारियों पर सवाल खड़े हुए और 25 अक्टूबर 2021 को एनसीबी की ओर से एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। इस दल ने मुंबई और दिल्ली में एनसीबी के अधिकारियों सहित स्वतंत्र गवाहों से भी पूछताछ की और वानखेड़े और अन्य अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर कई अहम सवाल उठ गए। जांच दल ने पूछताछ के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक प्राथमिकी दर्ज की। इसमें समीर वानखेड़े, विश्व विजय सिंह और अन्य के खिलाफ आरोप लगाए गए। समीर वानखेड़े इस विवाद से पहले भी अक्सर गौसवी, सैनविल डिसूजा और एक अज्ञात के खिलाफ भी आरोप लगाए गए। मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग में काम करते हुए उन्होंने कई बॉलीवुड सितारों के खिलाफ कार्रवाई की थी। जिसमें उनकी कड़ी छवि बनी। हालांकि आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद उनका नाम और काम दोनों ज्यादा सुर्खियों में आए। उस समय महाराष्ट्र सरकार के मंत्री रहे नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि वे बॉलीवुड सितारों को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रच रहे हैं और उनके नाम से फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं। नवाब मलिक ने इन आरोपों को सोशल मीडिया पर भी उठाया, जिससे विवाद और बढ़ गया। वानखेड़े के वकील आदित्य गिरी ने दावा किया कि वेब सीरीज के एक किरदार को अश्लील इशारा करते हुए दिखाया गया है। यह इशारा सत्यमेव जयते का नारा लगाने के बाद बीच वाली उंगली दिखाते हुए किया गया है। इस तरह का चित्र राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है। वानखेड़े की ओर से इस याचिका में कहा गया है कि इस सीरीज की अवधारणा और ािढयान्वयन जानबूझकर वानखेड़े की प्रतिष्ठा को कलंकित करने के इरादे से किया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पावार को समीर वानखेड़े की मानहानि याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। जस्टिस पुष्पेन्द्र कुमार ने कहा कि मांगी गई राहतें दिल्ली में विचार योग्य नहीं हैं। हालांकि कोर्ट ने वानखेड़े को याचिका में संशोधन कर दोबारा दाखिल करने की इजाजत दे दी। सुनवाई के दौरान रेड चिलीज की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और नेटफ्लिक्स की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए। -अनिल नरेन्द्र

Saturday, 27 September 2025

बिहार में भ्रष्टाचार पर उठते सवाल

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जंगलराज बनाम विकास के नैरेटिव की जंग के बीच अब भ्रष्टाचार यानी करप्शन का मुद्दा गरमा गया है। चारों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला आरंभ हो चुका है। पहले बात करते हैं जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की। प्रशांत किशोर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं पर कई आरोप लगाए हैं। वे लगातार इन आरोपों को दोहरा रहे हैं तो अब सत्तारूढ़ गठबंधन के लोग भी इन आरोपों को लेकर सवाल पूछने लगे हैं। बिहार में भाजपा और उसके सहयोगी दल विपक्ष को घेरने के लिए जंगलराज का मुद्दा उठा रहे हैं। सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों से जंगलराज की याद दिलाई जा रही है। पार्टी के एक नेता के मुताबिक जिन लोगों ने बिहार में जंगलराज का दौर देखा है। उन्हें फिर से उस दौर की याद दिलाई जा रही है। साथ ही नई पीढ़ी को भी बता सकें कि बिहार किस दौर से गुजरा था और अगर विपक्ष सत्ता में फिर आया तो वह दौर फिर लौट सकता है। एक तरफ जहां भाजपा इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है वहीं राजनीति में एक नया मुद्दा भी जुड़ता जा रहा है, जो भाजपा को ही नहीं पूरे एनडीए की चिंता बढ़ा सकता है। जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर हत्या और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है तो जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी पर भी 200 करोड़ की बेमानी संपत्ति का आरोप लगाया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर दिलीप जायसवाल से पैसे लेकर फ्लैट खरीदने का आरोप जड़ा है तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाया है। प्रशांत किशोर जिस आक्रामक तरीके से लगातार इन आरोपों को उठा रहे हैं और इन पर जवाब मांग रहे हैं उससे राज्य की राजनीति में जंगलराज बनाम विकास की जगह अभी सबसे ज्यादा चर्चा इसी पर होने लगी है। इस पूरी बहस को और हवा दी भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने जिन नेताओं पर आरोप लगाए हैं उन्हें जवाब देना चाहिए और जवाब नहीं आने से भाजपा का ग्राफ गिर रहा है। जेडीयू नेता व प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कहा कि आरोपों पर अशोक चौधरी को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी अग्नि परीक्षा से गुजर रही है और इस तरह के गंभीर आरोप सामान्य बात नहीं है। आरोपों का बिंदुवार जवाब देना चाहिए। उधर बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को कानूनी नोटिस भेजा। साथ ही कहा कि वह बिना शर्त माफी मांगे या 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहें। बता दें कि हाल ही में पटना में प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी करीब 200 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन की कथित रूप से अनियंत्रित खरीद-परोख्त में शामिल हैं। ग्रामीण कार्य विभाग का प्रभार संभाल रहे अशोक चौधरी ने नोटिस से किशोर से कहा है कि वह या तो अपने आरोपों को साबित करने के लिए सुबूत दें या फिर सार्वजनिक तौर पर बिना शर्त माफी मांगे। बिहार विधानसभा चुनावों की किसी भी समय घोषणा हो सकती हैं, ऐसे में इस प्रकार के आरोप एनडीए के लिए शुभ नहीं माने जा सकते। -अनिल नरेन्द्र

Thursday, 25 September 2025

पाक-सऊदी में सैन्य समझौता

पाकिस्तान और सऊदी अरब में एक अहम और कुछ मायनों में महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। पाकिस्तान एक सैन्य परमाणु शक्ति है बेशक वह एक संघर्ष करती अर्थव्यवस्था है। वहीं सऊदी अरब आर्थिक रूप से ताकतवर है लेकिन सैन्य रूप से कमजोर है। सऊदी अरब और पाकिस्तान दोनों ही सुन्नी बहुल देश हैं और दोनों के बीच मजबूत संबंध रहे हैं। सऊदी ने कई बार आर्थिक संकट के समय पाकिस्तान की मदद की है और पाकिस्तान भी बदले में सऊदी को सुरक्षा सहयोग का भरोसा देता रहा है। अब पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच स्ट्रैटिजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट हुआ है। इसके मुताबिक, किसी एक के प्रति दिखाई गई आाढामकता दूसरे के खिलाफ मानी जाएगी। कुछ वैसा ही समझौता जैसा नाटो के सदस्य देशों के बीच है। यह डिफेंस एग्रीमेंट यह भी कहता है कि अगर एक देश पर हमला हुआ तो दूसरा देश उसे खुद पर भी हमला मानेगा। यानि अब अगर पाकिस्तान या सऊदी अरब पर कोई हमला होता है तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। दोनों देशों की थल, वायु और नौ सेनाएं अब और अधिक सहयोग करेंगी और खुफिया जानकारियां साझा करेंगी। चूंकि पाकिस्तान एक परमाणु संपन्न देश है। ऐसे में इसे खाड़ी में सऊदी अरब के लिए सहयोग का भरोसा भी माना जा सकता है। हाल ही में इजरायल ने कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर हमले किए थे। इससे अरब जगत में उथल-पुथल और बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस समझौते के बाद कहा, हमारे भाईचारे के रिश्ते ऐतिहासिक मोड़ पर हैं, हम दुश्मनों के खिलाफ एकजुट हैं। पाक के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा, पाकिस्तान सऊदी से मिले पैसे से अमेरिकी हथियार खरीद पाएगा। भले ही यह कहा जा रहा हो कि यह समझौता पाकिस्तान और सऊदी अरब के लंबे ऐतिहासिक रिश्तों का परिणाम है, लेकिन भारत के लिए यह डिवेलपमेंट चिंता बढ़ाने वाला जरूर है। सऊदी अरब खाड़ी में भारत के करीबी सहयोगियों में से एक है। व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा सहयोग समेत कई क्षेत्रों में दोनों के बीच पिछले दो दशकों में संबंध गहरे हुए हैं। खासकर ाढाउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के दौर में नई तरह की गर्मजोशी देखने को मिली है। पीएम मोदी इस साल अप्रैल में ही अपने तीसरे सऊदी दौरे पर गए थे। जहां दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी थी। यह समझौता जितना पश्चिम एशिया के लिए, उतना ही भारत समेत समूचे दक्षिण एशिया के लिए भी चिंतनीय है। सर्वाधिक शंकाएं तो समझौते के इस प्रावधान को लेकर है कि दोनों में से किसी भी देश पर कोई हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। क्या इसका अर्थ यह है कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा होती है तो सऊदी अरब और पाकिस्तान एक साथ खड़े होंगे? चार महीने पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा संघर्ष हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बार्डर पर अब भी तनाव बना हुआ है। ऐसे में यह आशंका दरकिनार नहीं की जा सकती कि भारत और पाकिस्तान के तनाव में इस समझौते की वजह से सऊदी अरब भी पार्टी बन जाए। हालांकि समझौते का एक और अहम एंगल भी है, हाल में इजरायल ने कतर पर एक एयर स्ट्राइक कर हमास नेताओं को निशाना बनाने का प्रयास किया था। इसे लेकर मुस्लिम वर्ल्ड में काफी गुस्सा है। इस हमले के बाद दोहा में इस्लामिक अरब देशों का एक आपातकालीन शिखर सम्मेलन बुलाया गया था। जहां यह चर्चा भी उठी थी क्या नाटो जैसा कोई संयुक्त सुरक्षा बल बनाया जा सकता है? यह समझौता उसी का नतीजा भी हो सकता है। देखा जाए तो भारत और सऊदी अरब के बीच गहरे सामाजिक सांस्कृतिक संबंध तो हैं ही, यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सऊदी अरब भारत का 5वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। खाड़ी देशों में लाखों भारतीय नौकरियां करते हैं। इस समझौते के बाद भारत की चिंता का जन्म होना स्वाभाविक है। ऐसा समझौता रूस ने उत्तर कोरिया के साथ किया था। हमारे रूस से अच्छे संबंध हैं जबकि नार्थ कोरिया से उतने अच्छे नहीं हैं। क्योंकि वह चीन के नजदीक है। बावजूद इसके रूस से हमारे रिश्तों पर नैगेटिव असर नहीं पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि हमें सऊदी अरब से कोई खतरा नहीं है, लेकिन इससे पाकिस्तान को जो फायदा और मजबूती मिलेगी उसे वह भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है। इस रक्षा समझौते से पूरे क्षेत्र में असंतुलन पैदा हो सकता है। भारत ने कहा है कि वह इसके असर को देखेगा। सरकार को अपनी चिंताओं को लेकर सऊदी अरब से खुलकर बात करनी चाहिए। पाकिस्तान के इस्लामिक नाटो सरीखे विचार को खाड़ी देशों ने तवज्जो न भी दी हो, लेकिन उपर्युक्त समझौता भारत से कूटनीतिक सतर्कता बनाए रखते हुए बहुपक्षीय विदेशी नीति को मजबूत करने की मांग तो करता ही है। -अनिल नरेन्द्र

Tuesday, 23 September 2025

किर्क की हत्या ः अमेरिका में बढ़ती राजनीतिक हिंसा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क को गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात यूटा के ओरम स्थित यूटा वैली यूनिवर्सिटी में छात्रों की मीटिंग के ठीक दौरान हुई। इस हत्या ने एक बार फिर अमेरिका को हिलाकर रख दिया है। यूटा वैली यूनिवर्सिटी में उस समय करीब तीन हजार छात्र थे। जब हमलावर ने चार्ली पर निशाना साधा। अधिकारियों ने जांच में पाया कि स्नाइपर ने दूर एक इमारत की छत पर छिपकर जो करीब 180 मीटर दूर थी से सीधी एक गोली चलाई जो चार्ली की गर्दन में लगी और वहीं वह ढेर हो गए। कौन थे चार्ली किर्क? चार्ली एक अमेरिकी कंजरवेटिव और मीडिया पर्सनैलिटी थे। उन्होंने टर्निंग प्वांट यूएसए नाम का यंग कंजरवेटिव संगठन 18 साल की उम्र में ही स्थापित किया था। वह उसके को-फाउंडर थे। वह युवाओं को राजनीतिक रूप से सािढय बनाने, बहसों में हिस्सा लेने और रूढ़िवादी विचारों को प्रेरित करने के लिए जाने जाते थे। राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क के हत्यारे और हत्या की वजह के बारे में अब तक कुछ ठोस पता नहीं चला है लेकिन यह तय है कि उनकी लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही थी। ऐसे में एक सवाल यह भी है]िक उन्हें कहीं उनकी बढ़ती लोकप्रियता तो हत्या की वजह नहीं बनी? छत से गोली वैसे ही चलाई गई, जैसे जुलाई 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान पेनसिलवेनिया में डोनाल्ड ट्रंप पर चली थी। तब गोली ट्रंप का कान छूकर निकल गई थी। ट्रंप ने 31 वर्षीय किर्क को महान और दिग्गज बताया। वीडियो संदेश में उन्हें सत्य और स्वतंत्रता का शहीद बताया। हत्या के लिए उन्हेंने कट्टर वामपंथियों की बयानबाजी को दोषी ठहराया। चार्ली किर्क के आखिरी भाषण का 30 सेकेंड का वीडियो सामने आया है। सफेद टेंट में बैनर्स पर द अमेरिकन कमबैक और प्रूव मी रॉन्ग भी रांडा स्लोगन लिखे थे। माइक लेकर बैठे किर्क सवालों का जवाब दे रहे हैं। श्रोता ः 10 सालों में कितने ट्रांसजेंडर अमेरिकियों ने मास शूटिंग की है? किर्क ः बात ज्यादा। श्रोता ः क्या आपको पता है कि 10 सालों में कुल कितने मास शूटर रहे हैं। किर्क ः गैंग वायलेंस की गिनना है या नहीं? तभी गोली चलती है। गर्नर्ड किर्क के पास बैठी मैडिसन लैटिन ने कहा ः मैंने गोली की आवाज सुनी। उनके शरीर से खून निकला और वे गिर गए। फिर चीख-पुकार के बीच अफरातफरी मच गई। यह दुखद है कि अमेरिका में राजनीतिक हिंसा लगातार बढ़ रही है। दक्षिण पंथी व वामपंथी दोनों विचारधाराएं इससे प्रभावित हुई हैं। अमेरिकी इतिहास राजनीतिक हिंसा से भरा है। 60 के दशक में जान एफ कैनेडी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या हुई। हाल के वर्षों में यह भय बार-बार सामने आया। 2021 में ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हमला किया। 2021 में सांसदों को 9600 से ज्यादा धमकियां मिली। अगले साल नैंसी पेलोसी के पति पर हमला हुआ। उसी साल न्यूयार्क के गर्वनर पद के उम्मीदवार ली नेल्डिन को सभा में चाकू से मारने की कोशिश हुई। 2024 में प्रचार के दौरान खुद ट्रंप पर दो बार जानलेवा हमले हुए, जिनमें वे बाल-बाल बच गए थे। अमेरिका के इस यह गन कल्चर को नियंत्रित करने की कई राष्ट्रपति प्रयास कर चुके हैं पर अमेरिका की यह गन लॉबी इतनी शक्तिशाली है कि वह किसी भी प्रकार के कंट्रोल को पारित ही नहीं होने देती। चार्ली किर्क की हत्या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए सीधी चुनौती है। विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला ट्रंप, अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा झटका और चुनौती है। -अनिल नरेन्द्र