Thursday, 2 October 2025

कप हमने जीता, ट्राफी लेकर भागे पाकिस्तानी


लेकर भागे पाकिस्तानी एशिया कप में भारत की बादशाहत बरकरार रही। रविवार को दुबईं में खचाखच भरे स्टेडियम में टीम इंडिया ने पाक को पांच विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप अपने नाम किया। यह मैच जितना रोमांचक फील्ड पर था उतना ही रोमांचक मैच खत्म होने के बाद रहा। कांटे का मुकाबला देखने को मिला। आखिरी ओवर तक यह नहीं पता लग रहा था कि जीत किसकी होगी? इस मुकाबले में पाकिस्तान ने इस एशिया कप की सबसे शानदार ओपनिंग की। पाकिस्तान का एक समय में 113 रन पर सिर्प एक विकेट थी। लेकिन अंतिम ओवरों में उन्होंने 33 रन ही बनाकर अपनी 9 विकटें गंवा दी। भारतीय गेंदबाजों में सबसे सफल रहे वुलदीप यादव जिन्होंने वुल 30 रन देकर 4 विकटें लीं, पर महत्वपूर्ण पल तब था जब वरुण चव्रवर्ती ने ओपनिंग जोड़ी को तोड़कर साहिबजादा फरहान को आउट किया। यह गेम का टर्निग प्वाइंट था। पाकिस्तान 19.1 ओवर में वुल 146 रन ही बना पाया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ओपनर अभिषेक शर्मा दूसरी बॉल पर ही आउट हो गए, जिससे सबसे ज्यादा उम्मीद थी। कप्तान सूर्यंवुमार यादव एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए और 1 रन ही बनाकर निकल लिए। भारत अब मुश्किल में था। पाकिस्तान का पलड़ा भारी हो गया था पर तिलक वर्मा, संजू सैमसन और शिवम दूबे ने मोर्चा संभाला और अंतिम ओवर में तिलक के छक्के और रिंवू सिंह के चौके ने एशिया कप भारत के नाम कर दिया। बेशक मैदान में व्रिकेट का मैच तो यहीं खत्म हो गया पर एक दूसरा नाटक आरंभ हो गया। भारत ने जैसा पूर्व मैचों में हुआ था पाकिस्तानी खिलािड़यों से हाथ नहीं मिलाया।

यही नहीं टीम इंडिया ने एशिया कप ट्राफी भी नहीं ली। दरअसल फाइनल के बाद टीम इंडिया ने साफ मना कर दिया था कि वह पाकिस्तानी सरकार के मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे, लेकिन एशियन व्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष होने के नाते ट्राफी देने की जिद पर अड़े रहे। इसके चलते पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन भी काफी देरी से शुरू हुईं। जब भारतीय टीम के मेडल और ट्राफी लेने की बात आईं तो साइमन डूल ने कहा कि देवियों और सज्जनों, मुझे एशियाईं व्रिकेट परिषद ने सूचित किया है कि भारतीय व्रिकेट टीम आज अपने पुरस्कार नहीं ले पाएगी तो मैच के बाद की प्रस्तुती यहीं समाप्त होती है। भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से इंकार किया तो मोहसिन नकवी ट्रॉफी और मेडल लेकर अपने होटल चले गए। हालांकि उन्हें ऐसा करने का कोईं अधिकार नहीं था। यह ट्रॉफी न तो उनकी थी न ही पाकिस्तान की। बीसीसीआईं के सचिव देवजीत सैकिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम ऐसे व्यक्ति से ट्रॉफी स्वीकार नहीं कर सकते जो ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता है जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है और खुलेआम परमाणु बम हम पर गिराने की वकालत करता है। टीम इंडिया के इस पैसले का पूरे देश ने तहेदिल से स्वागत किया है। ट्रॉफी से कहीं ज्यादा तिरंगा, आत्मसम्मान मैटर करता है। ट्रॉफियां तो आती-जाती रहती हैं। भारतीय कप्तान सूर्यंवुमार यादव ने मैच के बाद एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया। पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर नौंवी बार यह खिताब जीतने के बाद सूर्यंवुमार यादव ने घोषणा की वह टूर्नामेंट में खेले गए अपने सभी मैचों की पूरी फीस भारतीय सेना को दान कर देंगे।

यह उनके लिए और पूरी टीम के लिए भावनात्मक और देशभक्ति पूर्ण पल था। भारतीय व्रिकेट वंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआईं) ने टीम के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए खिलािड़यों और सपोर्ट स्टाफ के लिए 21 करोड़ रुपए की घोषणा की है। अगर यह ट्रॉफी भारत के पक्ष में आईं तो हमें वुछ खिलािड़यों के विशेष योगदान की सराहना करनी होगी। वुलदीप यादव ने इस फाइनल मैच में न केवल 30 रन देकर 4 विकेट ही लिए बल्कि भारत की तरफ से टी-20 फाइनल में सबसे बेस्ट बॉलिंग करने वाले गेंदबाज बन गए। उन्होंने एक साथ इरफान पठान, चहल, हार्दिक और आरपी सिंह का रिकार्ड तोड़ दिया। अगर हम बल्लेबाजी की बात करें तो तिलक वर्मा का योगदान कभी न भूलने वाली पारी थी। भारत की जीत का तिलक असल में तिलक वर्मा को लगाना चाहिए। भारत की जीत के हीरो तिलक वर्मा रहे। पूरे टूर्नामेंट में भारत ने पाक पर जीत की हैट्रिक लगाईं। तिलक वर्मा ने भारत की पारी तब संभाली जब टीम इंडिया हार के कगार पर खड़ी थी और पाकिस्तानियांे को लग रहा था कि वह जीत गए हैं। तिलक 69 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं शिवम दूबे ने 33 रन बनाए।

147 रन का टारगेट भारतीय टीम ने 20वें ओवर की चौथी बॉल पर रिंवू सिंह के चौके के साथ हासिल कर लिया। हम टीम इंडिया को तहेदिल से बधाईं देते हैं और धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने तिरंगे की शान बचाईं।

——अनिल नरेन्द्र 

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