Tuesday, 30 September 2025

शाहरुख खान बनाम समीर वानखेड़े

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ड्रग्स से जुड़े अपराधों की जांच करने वाली एक केंद्रीय एजेंसी है। इसके पूर्व अधिकारी आईआरएस एवं एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में अभिनेता शाहरुख खान और गौरी खान के स्वामित्व वाली कंपनी रेड चिलीज के प्रोडक्शन में बनी और नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की गई वेब सीरीज द वैड्स ऑफ बॉलीवुड में झूठा, भावनापूर्ण और मानहानि वाला कंटेंट पेश करने के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने दो करोड़ रुपए का मुआवजा भी मांगा है। जिसे वे टाटा मैमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करना चाहते हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि यह राशि कैंसर रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल में इस्तेमाल की जाएगी। बता दें कि मामला क्या है? दरअसल इस वेब सीरीज में समीर वानखेड़े का कहना है कि इसमें दिखाए गए दृश्य उन्हें बदनाम करने की कोशिश है क्योंकि इसमें एक अधिकारी को ऐसा दिखाया गया है जैसे वह बॉलीवुड सितारों के पीछे पड़ा रहता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि यह सीरिज जानबूझकर समीर वानखेड़े की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के इरादे से बनाई गई है। इसमें यह भी पा है कि यह सीरीज ऐसे समय तैयार की गई है जब वानखेड़े और शाहरुख खान के बेटे आर्यन से जुड़ा मामला बाम्बे हाईकोर्ट और एनडीपीएस की विशेष अदालत में विचाराधीन है। साल 2021 में आर्यन खान के खिलाफ शुरू हुआ था यह मामला। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को लेकर यह विवाद 4 साल पहले 21 अक्टूबर 2021 में तब शुरू हुआ था जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने मुंबई कॉर्डेलिया ाtढज जहाज पर एक रेव पार्टी की जानकारी मिलने पर छापेमारी की थी। एनसीबी के उस समय के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और अधीक्षक वीवी सिंह की टीम ने इस छापे का नेतृत्व किया था। छापेमारी में आशीष रंजन जांच अधिकारी के रूप में मौजूद थे। एनसीबी ने 3 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। 25 दिन जेल में बिताने के बाद 28 अक्टूबर 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्यन को जमानत दी थी। हालांकि इस छापेमारी और इसमें शामिल अधिकारियों पर सवाल खड़े हुए और 25 अक्टूबर 2021 को एनसीबी की ओर से एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। इस दल ने मुंबई और दिल्ली में एनसीबी के अधिकारियों सहित स्वतंत्र गवाहों से भी पूछताछ की और वानखेड़े और अन्य अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर कई अहम सवाल उठ गए। जांच दल ने पूछताछ के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक प्राथमिकी दर्ज की। इसमें समीर वानखेड़े, विश्व विजय सिंह और अन्य के खिलाफ आरोप लगाए गए। समीर वानखेड़े इस विवाद से पहले भी अक्सर गौसवी, सैनविल डिसूजा और एक अज्ञात के खिलाफ भी आरोप लगाए गए। मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग में काम करते हुए उन्होंने कई बॉलीवुड सितारों के खिलाफ कार्रवाई की थी। जिसमें उनकी कड़ी छवि बनी। हालांकि आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद उनका नाम और काम दोनों ज्यादा सुर्खियों में आए। उस समय महाराष्ट्र सरकार के मंत्री रहे नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि वे बॉलीवुड सितारों को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रच रहे हैं और उनके नाम से फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं। नवाब मलिक ने इन आरोपों को सोशल मीडिया पर भी उठाया, जिससे विवाद और बढ़ गया। वानखेड़े के वकील आदित्य गिरी ने दावा किया कि वेब सीरीज के एक किरदार को अश्लील इशारा करते हुए दिखाया गया है। यह इशारा सत्यमेव जयते का नारा लगाने के बाद बीच वाली उंगली दिखाते हुए किया गया है। इस तरह का चित्र राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है। वानखेड़े की ओर से इस याचिका में कहा गया है कि इस सीरीज की अवधारणा और ािढयान्वयन जानबूझकर वानखेड़े की प्रतिष्ठा को कलंकित करने के इरादे से किया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पावार को समीर वानखेड़े की मानहानि याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। जस्टिस पुष्पेन्द्र कुमार ने कहा कि मांगी गई राहतें दिल्ली में विचार योग्य नहीं हैं। हालांकि कोर्ट ने वानखेड़े को याचिका में संशोधन कर दोबारा दाखिल करने की इजाजत दे दी। सुनवाई के दौरान रेड चिलीज की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और नेटफ्लिक्स की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए। -अनिल नरेन्द्र

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