Friday 27 May 2011

आंख की पुतली का हाल देख तिलमिला उठे करुणानिधि

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 27th May 2011
अनिल नरेन्द्र
तमिल भाषा में कनिमोझी का मतलब होता है आंख की पुतली। डीएमके सुप्रीमो एम. करुणानिधि ने अपनी इस बेटी का नाम बड़े प्यार से रखा था, क्योंकि काली पुतली वाली यह बच्ची उन्हें बहुत भाती थी। तभी तो वह जब तिहाड़ में अपनी आंख की इस पुतली बेटी से मिलने गए तो गले से कनि को लगाकर उनकी आंखें भर आईं। कनि उनके गले से लगकर रोने लगी। कनिमोझी को सहारा देने के लिए पिता करुणानिधि पूरे लाव-लश्कर के साथ तिहाड़ जेल गए। उनके साथ उनकी पत्नी, दामाद और पोता भी था। पार्टी के आठ सांसद भी जेल परिसर तक आए थे। लेकिन उन्हें जेलर के कमरे तक जाने की इजाजत नहीं मिली। अन्दर माता-पिता, बेटी, दामाद के आंसू निकल रहे थे तो बाहर कुछ और ही नजारा था। तिहाड़ की सुरक्षा में तमिलनाडु पुलिस की ड्यूटी रहती है, जो कुछ सिपाही अपने `देश' के सांसदों के साथ खड़े बतिया रहे थे। चार सिपाही और आठ सांसद रोने की मुद्रा में अलर्ट खड़े थे, जैसे ही सामने से करुणानिधि का काफिला आया, ये सांसद फूट-फूट कर रोने लगे। दो तमिल सिपाही भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। पास के खड़े एक नेता जी बोले, ये गम के नहीं बल्कि वफादारी के आंसू हैं। ऐसे वफादारी के आंसू कभी आपने भी देखे हैं? करुणानिधि बिना सोनिया से मिले वापस चले गए।
कांग्रेस और द्रमुक के रिश्ते टूटने के कगार पर हैं। तनातनी के इस माहौल में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने और आग लगा दी है। जयललिता ने स्वर्गीय राजीव गांधी की हत्या में द्रमुक का हाथ होने का आरोप लगा दिया है। मंगलवार को चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली ही प्रेस कांफ्रेंस में जयललिता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 1991 से मैं भी एलटीटीई के डर के साये में जी रही हूं। हम हमेशा से कहते रहे हैं कि राजीव गांधी की हत्या में द्रमुक परोक्ष रूप से शामिल था। जयललिता से पूछा गया था कि क्या लिट्टे के पूर्व नेता सी. पद्मानाभन उर्प केपी ने वाकई यह कहा था कि यदि मौका मिला तो तमिल लड़ाके जयललिता की हत्या कर देंगे। जयललिता ने कहा कि 2जी घोटाले में हो रही कानूनी कार्रवाई से लोगों का न्यायपालिका में विश्वास बहाल हुआ है। कनिमोझी की ओर से महिला होने का हवाला देकर अदालत से जमानत मांगने पर उन्होंने कहा, `यह तर्प बिल्कुल गलत है, राजनीति और अपराध के मामलों में महिला होने के कारण छूट नहीं मांगी जा सकती है।'
द्रमुक कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए बेताब है पर उसे समझ नहीं आ रहा कि वह करे तो क्या करे? अपने प्रिय सहयोगी ए. राजा और अब बेटी कनिमोझी के जेल में चले जाने से करुणानिधि एकदम तमतमाए बैठे हैं। जेल में बेटी से मिलने के बाद हर बार की तरह वह सोनिया गांधी से मिलने नहीं गए। खबर यह है कि होटल ताज मान सिंह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व महासचिव दिग्विजय सिंह से भी उन्होंने मिलने से मना कर दिया। कांग्रेस के साथ सात वर्षों की पुरानी दोस्ती में यह पहली बार हुआ है कि करुणानिधि दिल्ली आए और कांग्रेस के किसी भी नेता से मिले बिना वापस चले गए। करुणानिधि यह अच्छी तरह जानते हैं कि इस समय उनके 18 सांसद कांग्रेस का कुछ नहीं बिगाड़ सकते लिहाजा वे सही अवसर की तलाश में हैं। वैसे भी चुनाव हारने के बाद वह कितने मोर्चों पर एक साथ लड़ेंगे?
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