Thursday 7 November 2013

सचिन तेंदुलकर के रंग में रंगा कोलकाता का कोना-कोना

कोलकाता पूरी तरह से भारतीय किकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के रंग में रंग चुका है। आखिर यह सचिन का 199 वां टेस्ट मैच जो है। शहर के कोने-कोने में सचिन के कैरियर से जुड़ी तस्वीरें, कट-आउट, टिकटों पर उनकी तस्वीर, खास तैयार संगीत और ड्रेसिंग रूम पे बाहर उनका 5 फुट 4 इंच का मोम का बुत। सिटी ऑफ ज्वाय यानि कोलकाता में किकेट के भगवान के 199वें टेस्ट मैच को यादगार बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर की गईं। वेस्टइंडीज के खिलाफ ईडन गार्डन्स में 6 से 10 नवम्बर तक खेले जाने वाली सीरिज का पहला मैच सचिन के टेस्ट कैरियर का 199वें टेस्ट मैच है और इसे खास बनाने के लिए बंगाल किकेट संघ (कैब) ने कोई कसर नहीं रखी है। जमीन से लेकर आसमान तक सचिन के स्वागत की किकेट संघ ने तैयारी की है। जगमोहन डालमिया ने सचिन के लिए तैयार म्यूजिक एलबम भी रिलीज की है। इसमें 7 बंगाली और 4 हिंदी गाने हैं। सभी गाने सचिन के स्टेडियम में पवेश करने पर बजेंगे। भारतीय ड्रेसिंग रूम के दरवाजे के ठीक ऊपर पूर्व आस्ट्रेलियाई ओपनर बल्लेबाज मैथ्यू  हैडन की वह टिप्पणी अंकित है जिसमें उन्हेंने कहा था कि मैंने भगवान को देखा है। वह भारत की ओर से नम्बर 4 पर बल्लेबाजी करते हैं। कोलकाता में दीवाली नहीं बल्कि सचिन को ही त्यौहार के रूप में मनाया जा रहा है। कैब ने सचिन के सम्मान में की गई इन तैयारियों को सैल्यूट सचिन का नाम दिया है। बहुत मुश्किल होगा सचिन तेंदुलकर की भारतीय किकेट में जगह भरना। सचिन तेंदुलकर के बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने कहा कि कभी सोचा भी नहीं था कि 16 साल की उम्र में ही भारतीय टीम में जगह पा लेगा और इतने सारे रिकार्ड तोड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम तो पहले स्कूल, फिर जोनल, फिर अंडर 15, अंडर 19 और फिर सीनियर स्तर पर सोच रहे थे। यह तो कभी सोचा ही नहीं था कि सचिन इन सब को ब्लाग लगाकर महज सचिन 16 साल की उम्र में सीधे टीम इंडिया में ही पहुंच जाएगा। जब 1989 में पाकिस्तान दौरे के लिए उसका चयन हुआ तो पूरे परिवार के लिए गौरव का पल था। सचिन तेंदुलकर के बाद भारतीय किकेट को दोबारा अपनी छवि बनानी पड़ेगी। यह जिम्मेदारी मेरी नजरों में सिर्प दो ही मौजूदा खिलाड़ी उठा सकते हैं, कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली। टीम इंडिया के लिए यह अच्छा है कि शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली अच्छा पदर्शन कर रहे हैं। इसलिए संभव है कि सचिन की कमी इतनी न खले। आस्ट्रेलियाई टीम शेन वार्न, स्टीव वॉ, ग्लेन मेग्रा, गिलकिस्ट के बाद कितनी अधूरी लगने लगी है। सचिन के बारे में इतना कुछ कहा गया, लिखा गया है पर इससे उनका दिमाग खराब नहीं हुआ। वह आज भी जमीन पर हैं। भगवान की तरह पूजे जाने वाले सचिन को जिस तरह से देशवासियों का स्नेह मिला है पता नहीं और किसी खिलाड़ी को इतना स्नेह मिलेगा या नहीं?  पिछले कुछ समय से सचिन अपनी लय में नजर नहीं आ रहे। उम्मीद की जाती है कि रणजी ट्रॉफी की अंतिम पारी में जिस तरह का पदर्शन उन्होंने किया वैसा ही कोलकाता में और अपने कैरियर के अंतिम टेस्ट मुंबई में करेंगे और भारतीय किकेट को शानदार विदाई `तोहफा` देंगे। सचिन को सारे देश की तरह हम भी कहते हैं सैल्यूट टू यू सचिन।

-अनिल नरेन्द्र

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