Sunday 25 January 2015

जनार्दन द्विवेदी को निपटाने में लगा कांग्रेस का एक गुट

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे जनार्दन द्विवेदी के कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने को लेकर कांग्रेस पार्टी में भूचाल आ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उपजे इस विवाद को देखते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने द्विवेदी के बयान की निंदा की और उनके खिलाफ पार्टी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात तक कही लेकिन बृहस्पतिवार देर शाम जनार्दन द्विवेदी की पार्टी की अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष एके एंटोनी से मुलाकात के बाद यह तय हो गया कि उन पर कार्रवाई नहीं होगी। दरअसल किसी सन्दर्भ में मोदी की तारीफ द्विवेदी कर बैठे। द्विवेदी ने कहा कि वह सामाजिक स्तर पर लोगों को समझाने में सफल रहे हैं। वह (मोदी) भारतीय लोगों के बेहद करीब हैं। द्विवेदी ने मोदी की जीत को भारतीयता की जीत बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने मौजूदा वक्त को कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण बताया और चुनाव नतीजों को भाजपा या मोदी की जीत से अधिक कांग्रेस की हार करार दिया। जाहिर है कि उनकी इस अवधारणा की आंच सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर जाती है। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर भी यह कहकर मोदी की तारीफ कर चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री के दायित्व को मजबूती से निभा रहे हैं। जनार्दन द्विवेदी की सफाई के बावजूद पार्टी में उनके बयान को तूल देना दर्शाता है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है। यह कांग्रेस में पुरानी पीढ़ी बनाम नई पीढ़ी के बीच की तकरार मानी जा रही है। दरअसल कांग्रेस के कई पुराने नेताओं ने द्विवेदी को निपटाने के लिए हाथ लगे मौके की तरह लिया है। यही वजह है कि द्विवेदी के कथित बयान को कांग्रेस के कुछ नेता अधिक उछाल रहे हैं। द्विवेदी के यह साफ किए जाने पर कि उनके लिए भारतीयता का प्रतीक हमेशा से गांधी-नेहरू रहे हैं, इस अध्याय को समाप्त नहीं किया जा रहा है। न ही कांग्रेस ने इस पर गौर किया है कि द्विवेदी के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिसके लिए उन्होंने (द्विवेदी) बयान चलाने वाली अंग्रेजी वेबसाइट पर लिखा भी। कांग्रेस में जनार्दन द्विवेदी अधिक सतर्पता बरत कर बोलने वाले नेताओं में से हैं लेकिन पार्टी में इस बार उनके विरोधी जिस तरह से लामबंद हुए हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने पहले भी अनाप-शनाप बोला है और पार्टी ने उनके बयानों से दूरी बनाई है लेकिन ऐसा कड़ा रुख इससे पहले कभी नहीं दिखाया। जिस तरह सफाई दिए जाने के बाद द्विवेदी पर हमले हो रहे हैं उससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस के अंदर एक गुट द्विवेदी से पुराने बदले निकलाने का प्रयास कर रहा है और उनकी व्यक्तिगत हैसियत को पार्टी, खासकर अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी होने को तबाह करने पर तुला है। सार्वजनिक तौर पर अजय माकन द्वारा उन पर कार्रवाई का संकेत देना उजागर करता है कि पार्टी में शह और मात का कैसा खेल चल रहा है।
-अनिल नरेन्द्र


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