Tuesday 24 September 2024

आस्था पर घात


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू के एक बयान ने गुरुवार को भूचाल ला दिया है। दरअसल नायडू ने एक दिन पहले बताया था कि तिरुपति स्थित तिरुमला मंदिर में मिलने वाले प्रसादम लड्डू में एनिमल फैट (पशु चर्बी) के अंश मिले हैं। जिस घी को शुद्ध देसी घी बताकर लड्डुओं में मिलाया जा रहा था उसमें फिश ऑयल और एनिमल फैट है। जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उससे करार खत्म कर ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। एक साल पहले ही कंपनी को सप्लाई का टेंडर मिला था। नायडू ने वाईएसआरसीपी और पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर श्रद्धालुओं की आस्था और तिरुमला मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जगमोहन सरकार ने प्रसादम की पवित्रता खंडित की है। बता दें कि तिरुमला मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्म स्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इस सनसनीखेज खबर ने करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था पर घात लगाई है। यहां के लड्डू बहुत प्रसिद्ध हैं। तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाने को लेकर बवाल अयोध्या तक पहुंच गया है। यहां के संतों का आरोप है कि तिरुपति के एक लाख लड्डू राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी बांटे गए थे, जिससे पवित्र कार्यक्रम में अयोध्या पहुंचे लाखों लोगों की आस्था और सनातन धर्म पर चोट पहुंची है। राम जन्म भूमि मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि तिरुपति लड्डू में मिलावट के पीछे अंतर्राष्ट्रीय साजिश नजर आती है। दरअसल आंध्र प्रदेश सरकार ने घी सप्लाई का काम 29 अगस्त को केएमएफ को फिर से दिया है। केएमएफ नंदिनी ब्रांड का देसी घी सप्लाई करता है। उधर टीटीडी ने घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है, तिरुमला मंदिर का प्रशासन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) संभालता है। मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुरानी किचन में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं। लड्डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध देसी घी होता है। हर महीने 1400 टन घी मंदिर में लगता है। मंदिर भगवान वैसे चलता है। पर धंधा करने वाले की श्रद्धा न तो भगवान के प्रति है और न भक्तों के प्रति। वे तमाम मंदिर जो अपने यहां से प्रसाद वितरित करते हैं या बेचते हैं, उन सबकी गुणवत्ता जांच की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए। दोषियों को बचाने या अपराध छिपाने से काम नहीं चलेगा। तमाम मंदिरों को गुणवत्ता जांच से गुजरना चाहिए। बहरहाल तिरुपति में लड्डुओं का वितरण तत्कालिक प्रभाव से रौंद दिया गया है। अशुद्ध मिलावटी आपूर्ति के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को काली सूची में डालना और उस पर जुर्माना लगाना ही पर्याप्त नहीं है। मिलावटी विरोधी कानूनों के सबसे कड़े प्रावधान उस पर लागू होने चाहिए और सजा ऐसी मिलनी चाहिए कि एक मिसाल बन जाए। यह काम स्वयं मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सुनिश्चित करना चाहिए। इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल घी की गुणवत्ता को लेकर श्रद्धालुओं की चिंताओं के बीच तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने कहा कि इस पवित्र प्रसाद की शुमिता बहाल कर दी गई है, मीडिया पर एक पोस्ट पर कहा कि मिलावटी लड्डू की पवित्रता अब बेदाग है।

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