Monday 2 September 2013

अंतत राक्षस आसाराम पुलिस शिकंजे में आ गया

अंतत शनिवार रात 12ः30 बजे दुष्कर्म के आरोपी अपने आपको संत कहने वाला क्रिमिनल आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर ही लिया। आसाराम को देर रात कुटिया से निकाला और 8 कारों के काफिले के साथ एयरपोर्ट ले जाया गया। आसाराम और उनके गुंडों का ड्रामा आखिर तक चलता रहा। गिरफ्तारी से पहले सुबह इसी जोधपुर आश्रम में जमा भक्तों ने आईबीएन-7 टीवी के संवाददाता और कैमरामैन की जमकर पिटाई की ओर कैमरा भी तोड़ दिया। हमले में दोनों पत्रकार घायल हो गए। आसाराम के इस आचरण पर हमें कोई आश्चर्य नहीं हुआ। इससे पहले आसाराम ने खुद एक पत्रकार को भरी सभा में थप्पड़ जड़ दिया था। जोधपुर पुलिस ने शनिवार को जब आसाराम को ट्वेटा कार में बिठाया तो समर्थकों ने वहां भी हंगामा किया। लेकिन पुलिस नहीं मानी। लाठीचार्ज किया और समर्थकों को आश्रम से बाहर नहीं आने दिया। गाड़ी में आसाराम ने शर्म के मारे मुंह ढंक लिया था। मामले का राजनीतिकरण न हो इस पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेताओं को आसाराम के बचाव में नहीं आने की सख्त हिदायत देते हुए खुद एक समारोह में परोक्ष रूप से आसाराम पर हमला बोलते हुए महिलाओं की इज्जत नहीं करने वालों को राक्षस तक कह डाला। बेशक आसाराम अपने आपको निर्दोष बताएं या किसी साजिश का शिकार कटु सत्य तो यह है कि वे जानते हैं कि वह दोषी हैं। अगर ऐसा न होता तो वह गिरफ्तारी से पहले अग्रिम जमानत की पहले अर्जी न लगाते और फिर माहौल देखकर अर्जी वापस न लेते। वैसे यह पहली बार नहीं जब आसाराम पर आरोप नहीं लगे। विवादों से उनका पुराना रिश्ता है। 5 जुलाई 2008 को आसाराम के अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम से दो भाई दीपेश और अभिषेक बघेला गायब हो गए थे। दो दिन बाद रहस्यमय परिस्थितियों में उनके शव बरामद हुए। एक पूर्व साधक राजू ने आयोग के समक्ष स्वीकारा कि आश्रम में काले जादू की गतिविधियां होती हैं। 6 दिसम्बर 2009 को उसको गोली मार दी गई। इस मामले में आसाराम और दो अन्य के खिलाफ हत्या की कोशिश का आरोप दर्ज किया गया। इसके अलावा दर्जनों मामले आसाराम के खिलाफ चल रहे हैं। आसाराम के मुताबिक विश्वभर में उनके 7 करोड़ श्रद्धालु हैं। वर्तमान में उनके कुल 425 आश्रम हैं। 1170 बाल संस्कार केंद्र हैं और 50 रिहायशी स्कूल हैं। अब मामला अदालत में है। आसाराम कसूरवार हैं या नहीं यह अदालत में तय हो जाएगा। हमारा तो कहना है कि धार्मिक चोला पहनकर इस प्रकार के खुद को संत कहलाने वालों का पर्दाफाश होना ही चाहिए। यह धर्म के नाम पर कलंक है। अगर आसाराम पर आरोप साबित हो गए तो नप जाएंगे। आईपीसी की धारा 376 के तहत दुष्कर्म अपराध है। इस अपराध के साबित होने पर 7 साल की सजा हो सकती है। यह संज्ञेय अपराध है और सबूत जुटाने के लिए पूछताछ जरूरी होती है। इस मुकदमे की सुनवाई सत्र अदालत में होती है। पुलिस ने जोधपुर जिले की सीमाएं सील कर दी हैं। किसी भी अप्रिय घटना के अंदेशे के चलते आसाराम के समर्थकों को शहर में नहीं घुसने दिया जाएगा।

-अनिल नरेन्द्र

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