Saturday 23 April 2011

एनडी तिवारी, बूटा सिंह, सिब्ते रजी के बाद अब इकबाल सिंह

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
प्रकाशित: 23 अप्रैल 2011
-अनिल नरेन्द्र

 पुडुचेरी के उपराज्यपाल इकबाल सिंह पर लगे आरोपों ने एक बार फिर कांग्रेस और केंद्र सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया है। यह पहला मौका नहीं कि जब राज्यपालों की वजह से केंद्रीय नेतृत्व की असहज स्थिति बनी है। यूपीए सरकार को तीसरी बार इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उपराज्यपाल इकबाल सिंह से पहले एनडी तिवारी, सिब्ते रजी और बूटा सिंह सरकार की फजीहत करवा चुके हैं। पुडुचेरी के उपराज्यपाल इकबाल सिंह से बुधवार को राज भवन में हसन अली मामले में पूछताछ की गई। संसदीय इतिहास में अपने तरह की यह पहली घटना है। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एनडी तिवारी राज भवन में कथित दूरसंचार की वजह से विवादों में रहे वहीं सिब्ते रजी और बूटा सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से विवादों में आए और बाद में उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी। बिहार के राज्यपाल रहते हुए बूटा सिंह अपने बेटे स्वीटी और लवली की वजह से विवादों में रहे।
हवाला कारोबारी और देश में सबसे अधिक कर के बकायेदार हसन अली से करीबी संबंध होने के कारण उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी विजय शंकर पांडे का मायावती सरकार ने प्रमुख सचिव सहित मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़े सभी पदों से मुक्त कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक हसन अली के काले धन के रहस्यों तक पहुंचने के लिए निदेशालय के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में अमलेंदू पांडे ने पूछताछ के दौरान इकबाल सिंह और विजय शंकर पांडे का नाम लिया है। इकबाल सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक टीवी चैनल ने कुछ ऐसे दस्तावेज उजागर किए जिससे यह पता चलता है कि इकबाल सिंह जो कि हसन अली से रिश्तों को लेकर पहले ही बेनकाब हो चुके हैं, ने अपने पुत्रों के साथ मिलकर एक ट्रस्ट बनाया तथा एक एमबीबीएस कॉलेज चलाने के लिए भारी घपला किया। उन्होंने इसमें अपने दो पुत्रों को भी शामिल किया। उनके दोनों पुत्र अभय सिंह और अमर ज्योति सिंह एक कॉलेज ट्रस्ट बना रहे थे। इस काम में एलजी साहब ने अपने ओएसडी जेपी सिंह और उनके पुत्र के अलावा अपने नजदीकी तेजिन्द्र सिंह और उसके पुत्र को भी शामिल किया। योजना के अनुसार तेजिन्द्र सिंह ने पुडुचेरी के स्वास्थ्य सचिव को एक पत्र लिखकर उक्त ट्रस्ट द्वारा एमबीबीएस कॉलेज चलाए जाने के लिए इजाजत मांगी। इधर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कर चोरी के आरोपी हसन अली खान से कथित तौर पर संबंध रखने के मामले में इकबाल सिंह से पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय को हरी झंडी दे दी है।
इस बीच भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि श्री इकबाल सिंह को बर्खास्त करने के लिए यह सबूत पर्याप्त हैं। अन्नाद्रमुक विधायक अनबाज हगन ने कहा कि उपराज्यपाल ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। वैसे केंद्र-राज्य संबद्ध समिति राज्यपाल का पद ही खत्म करने की सिफारिश कर चुकी है। सरकारिया आयोग सक्रिय राजनीति में रहने वाले लोगों को फौरन राज्यपाल नियुक्त न करने की सिफारिश करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भरोसे में लेने की सलाह दे चुकी है। सरकारिया आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले व्यक्तियों को ही राज्यपाल बनाया जाना चाहिए।

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