Friday 4 October 2024

वांगचुक को हिरासत में लेने पर सियासी संग्राम

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 700 किलोमीटर लंबी दिल्ली चलो यात्रा को लेकर सोनम वांगचुक को दिल्ली के सिंघु बार्डर पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने से नाराज सोनम वांगचुक मंगलवार को अनशन पर बैठ गए। दरअसल, सोनम वांगचुक सवा सौ साथियों के साथ सोमवार देर रात करीब 11 बजे सिंघु बार्डर पहुंचे थे। इस दौरान आउट नार्थ जिला पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया और वापस जाने के लिए कहा। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने सोनम वांगचुक और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस सोनम और उनके 40 साथियों को बवाना थाने ले गई। इसके अलावा अन्य को अलग-अलग थानों में रखा गया। सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने के बाद सियासत गर्मा गई है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी वांगचुक से मिलने बवाना थाने पहुंचीं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया है। इधर इस मुद्दे पर आक्रामक कांग्रेस ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए इसे तानाशाही रवैया करार दिया। मुख्यमंत्री आतिशी ने वांगचुक की गिरफ्तारी और पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की कि लद्दाख और दिल्ली के एलजी राज खत्म हो और दोनों को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। चुनी हुई सरकार की प्रतिनिधि को वांगचुक से मिलने नहीं देना निंदनीय है। आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी भाजपा और केंद्र पर हमला बोला। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोका जाता है तो कभी लद्दाख के लोगों को। दिल्ली आने का अधिकार सभी को है। निहत्थे शांतिपूर्ण लोगों से आखिर इन्हें क्या डर लग रहा है? वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए वांगचुक को हिरासत में लेने के कदम को अस्वीकार्य करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लद्दाख के लोगों की आवाज सुननी पड़ेगी। लद्दाख में वांगचुक के लिए जनसमर्थन की लहर बढ़ी है और संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी समुदायों की सुरक्षा की व्यापक मांग हो रही है। मगर मोदी सरकार अपने करीबी दोस्तों को लाभ पहुंचाने के लिए लद्दाख के परिस्थितिकी रूप से संवेदनशील हिमालयी ग्लेशियरों का दोहन करना चाहती है। राहुल गांधी ने कहा कि पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक पदयात्रा कर रहे सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोगों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और कई अन्य को दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिए जाने के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया। अदालत ने मामले को मंगलवार सूचीबद्ध करने से इंकार करते हुए इस बात पर सहमति व्यक्त की कि यदि अपराह्न साढ़े तीन बजे तक उसके काम की स्थिति सामान्य हो जाती है तो मामले को जल्द की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। उधर वांगचुक अपने साथियों के साथ बवाना थाने में बेमियादी अनशन पर बैठ गए हैं। वांगचुक को बुधवार को रिहा कर दिया गया।

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