Thursday 10 October 2024

ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड का एक साल

यह नाम था हमास के उस ऑपरेशन का जो उसने पिछले साल यानि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। पिछले साल सात अक्टूबर को हुए हमले को एक साल पूरा हो चुका है। एक साल हो गया जब हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों की हत्या कर दी थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया था। इजरायल ने इसके जवाब में गाजा में बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले करके गाजा को लगभग मिट्टी में मिला दिया। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसमें 41,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और लाखों लोग बेघर हो गए। इजरायल हमास युद्ध की वजह से फिलस्तीन का गाजा शहर आज मलबों के ढेर में तब्दील हो गया है। पिछले एक साल में इस शहर में 4.2 करोड़ टन से भी अधिक मलबा जमा हो गया है। इसमें टूटी और ध्वस्त दोनों इमारतें शामिल हैं। चिंता की बात है कि मलबा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के उपग्रह डाटा के मुताबिक गाजा की युद्ध पूर्व संरचनाओं में से दो तिहाई यानि 1,63,000 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं या ढह गई हैं। इनमें से करीब एक तिहाई ऊंची इमारतें थीं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने गाजा के आठ शरणाथी शिविरों के आंकलन का हवाला देते हुए कहा कि करीब 23 लाख टन मलबा दूषित हो सकता है। इसमें से कुछ नुकसानदायक भी है। धूल एक गंभीर चिंता है। यह पानी और मिट्टी को दूषित कर सकती है। फेफड़े की बीमारी का कारण बन सकती है। मलबे में ऐसे शव हैं, जो बरामद नहीं हुए हैं। फिलस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन शवों की संख्या करीब 10,000 है। कुछ बम भी हैं, जो फटे नहीं। यानि सात अक्टूबर के दिन ही पिछले साल हमास ने इजरायल पर हमला किया था और उसके बाद इजरायल ने हमास पर अटैक शुरू किया जो अब इजरायल के लिए सात फ्रंट वार में तब्दील हो गया है। एक साल से मध्य पूर्व में तनाव लगातार बढ़ ही रहा है और पिछले हफ्ते इजरायल पर ईरान की तरफ से हुए मिसाइल अटैक के बाद तो राकेट और मिसाइलों के हमलों से संकट और गहरा गया है। इजरायल ने अभी तक ईरान में जवाबी कार्रवाई की नहीं है लेकिन खतरा लगातार बना हुआ है। सवाल यह है कि अगर इजरायल ईरान पर हमला करता है तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई करेगा। हमास और हिज्बुल्लाह और हूती मिलकर एक साथ अटैक का प्लान कर रहे हैं। जिस तरह इजरायल छह फ्रंट पर एक साथ लड़ रहा है उससे किसी भी तरफ के अटैक की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए इजरायल ने अमेरिका और नाटो देशों की मदद से पुख्ता तैयारी कर रखी है। देखना यह है कि मध्य-पूर्व में जंग का विस्तार होता है या यह सीमित रहती है। सारा खेल पिछले साल 7 अक्टूबर को ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड से शुरू हुआ है।

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