Thursday, 28 November 2024

भाजपा विफल, नहीं चला घुसपैठ का मुद्दा

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भाजपा झारखंड की चुनावी परीक्षा में बुरी तरह फेल हो गई। राज्य में कथित घुसपैठ और आfिदवासियों से जुड़े भाजपा के मुद्दे लोगें पर अपेक्षा के अनुरूप असर नहीं छोड़ सके। झारखंड में भाजपा की करारी हार हुई है। भाजपा ने चुनाव के आगाज के साथ ही बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बनाने की कोशिश की। रोटी, बेटी, माटी सब घुसपैठ ले जाएंगे यह कहना था असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का, लेकिन सतोल में जहां पर यह मुद्दा बन नहीं पाया। वहीं राज्यभर में भाजपा के खिलाफ ही अल्पसंख्यक और आदिवासियों के वोटों के ध्रुवीकरण का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। पार्टी के पुराने आदिवासी चेहरे अपनी खोई हुई स्वीकृति को पाने के लिए व्यापक जनसमर्थन जुटाने में सफल नहीं हो पाए। साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री के लिए कोई चेहरा पेश नहीं करना भी भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। झारखंड में भाजपा का चुनाव प्रचार कथित घुसपैठियों और आदिवासियों के इर्द-गिर्द रहा। भाजपा ने दावा किया था कि अगर वह राज्य में सत्ता में आई तो विदेशी घुसपैठियों को वापस भेजा जाएगा। साथ ही राज्य की जमीन को घुसपैठियों के कब्जे से मुक्त कराएंगे। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रचार अभियान के केंद्र बिंदु महिलाएं, युवा, किसान और आदिवासी शामिल रहे। खासकर महिलाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई मैय्या सम्मान योजना का लाभ झामुमो को मिला। भाजपा नेताओं के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की मैय्या सम्मान योजना, जो वंचित महिलाओं को 1000 रुपए प्रदान करती है, सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में रही। महिला मतदाताओं का रूझान झामुमो की ओर रहा। जीत के बाद झामुमो के सीएम हेमंत सोरेन काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने पार्टी की जीत का श्रेय पत्नी कल्पना सोरेन को दिया। एक्स पर पत्नी कल्पना सोरेन और बच्चों के साथ फोटो साझा करते हुए उन्होंने लिखा-हमारे स्टार कैंपेनर का स्वागत है। जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा कि इस जीत में कल्पना सोरेन और उनकी टीम का बड़ा योगदान है। लोकसभा चुनाव में झामुमो ने पांच सीट जीती थी अगर मैं बाहर होता तो और बेहतर प्रदर्शन करती। उस वक्त मेरी पत्नी कल्पना सोरेन ने वन मैन आर्मी की तरह काम करते हुए पूरा जिम्मा संभाला। इस चुनाव में हमने साथ मिलकर काम किया। इसके लिए पहले ही पूरा होम वर्क कर लिया था, जमीन पर जुटकर काम किया। हम वह संदेश देने में सफल रहे जो हम देना चाहते थे। इसी के साथ भाजपा के अंदर यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि झारखंड में चुनाव हरवाने का जिम्मेदार कौन है? उत्तर है असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा। उन्होंने इतना घटिया प्रचार किया, ऐसे-ऐसे बेतुके भाषण दिए, मुद्दे उठाए जिससे पार्टी को भारी नुकसान हुआ। उत्तर पूर्व में आज जो स्थिति बनी हुई है उसके लिए भी हिमंत बिस्वा सरमा ही जिम्मेदार हैं। आज की तारीख में हेमंत सरमा भाजपा के लिए एक लाइविलिटी बन गए हैं।

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