Tuesday, 26 November 2024

क्या पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे?


वो साल 2022 का अत्तूबर महीना था, जब अमेरिका के ख़ु]िफया अधिकारियों के कान अचानक खड़े हो गए। उन अधिकारियों ने रूस के सैन्य अधिकारियों की गुप्त बातचीत सुन ली थी। तब ये चिंताएं सामने आई थीं कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन यूक्रेन के किसी सैन्य ठिकाने को परमाणु हथियारों से निशाना बना सकते हैं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यूक्रेन पर रूसी हमले के 1,000 से ज्यादा दिन पूरे हो चुके हैं और चर्चा एक बार फिर परमाणु हथियारों की हो रही है। पुतिन ने रूस की परमाणु नीति को बदल दिया है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि यूक्रेन ने अमेरिका से मिली एटीएसीएमएस मिसाइलों को रूस पर दागा है। पिछले दिनों राष्ट्रपति पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नीति में बदलाव को मंज़ूरी दे दी है। रूस की नई परमाणु नीति में कहा गया है कि कोई ऐसा देश जिसके पास खुद परमाणु हथियार न हों, लेकिन वो देश किसी परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ मिलकर हमला करता है, तो इसे रूस संयुक्त हमला मानेगा। यूक्रेन के पास तो परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन अमेरिका के पास हैं और इस युद्ध में अमेरिका और ब्रिटेन दोनों यूक्रेन के साथ हैं। साथ ही 32 देशों का सैन्य संगठन नाटो भी यूक्रेन को समर्थन दे रहा है। रूस की परमाणु नीति में ये भी कहा गया है कि अगर रूस को पता चला कि दूसरी तऱफ से रूस पर मिसाइलों, ड्रोन और हवाई हमले हो रहे हैं तो वो परमाणु हथियारों से जवाब दे सकता है। यूक्रेन अब तक रूस पर कई बार हवाई हमले करते आया है जिसमें ड्रोन भी शामिल है, लेकिन अब उसने हमलों के लिए अमेरिकी मिसाइलों का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कुछ और स्थितियों की बात रूस की परमाणु नीति में की गई है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी ने नया सैन्य संगठन बनाया, पुराने संगठन को और बढ़ाया, रूस की सीमा के करीब कोई सैन्य बुनियादी ढांचे को लाया गया या रूस की सीमा के आस-पास कोई सैन्य गतिविधियां की, तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। रूस परमाणु हमले को लेकर पहले भी अमेरिका और ब़ाकी देशों को आगाह कर चुका है। देखा जाए तो रूस के पास ही सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार भी हैं। वैसे तो कोई देश अपने हथियारों के बारे में पूरी जानकारी नहीं देते हैं। लेकिन, अब तक अलग-अलग एजेंसियों के हवाले से जितना पता चला है, उसके अनुसार रूस के पास ही सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार हैं। ये लगभग 5,977 हैं। ये अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के परमाणु हथियारों को मिलाने के बाद भी उससे कुछ ज़्यादा ही हैं। कुछ विशेषज्ञो मानते हैं कि अगर रूस को बार-बार झटका लगता रहा या अपनी हार का डर हुआ, तो शायद टैक्टिकल हथियार का इस्तेमाल करे। हालांकि, हो सकता है कि ऐसा करने के लिए चीन भी रूस का साथ न दे। पुतिन की इस नई नीति से फिर से पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी जाते-जाते आग में घी डाल दिया है। ऊपर वाला महर करे और सभी पक्षों को सद्बुद्धि दे और पूरे विश्व को किसी परमाणु युद्ध में न धकेले।

-अनिल नरेन्द्र

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