Saturday, 7 December 2024
बैलेट पेपर से चुनाव कराने का प्रयास
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों का एक समूह मतपत्रों से पुनर्मतदान कराने पर जोर दे रहा था, लेकिन पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने मंगलवार को अपनी योजना रद्द कर दी। इस सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चन्द्र पवार), राकांपा-एसपी के विजयी उम्मीदवार ने यह सनसनीखेज जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि अगर वे मतदान की अपनी योजना पर आगे बढ़े तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, सोलापुर जिले के मालशिरस क्षेत्र के मरकड़वाड़ी गांव के निवासियों ने बैनर लगाकर दावा किया था कि तीन दिसम्बर को पुनर्मतदान कराया जाएगा। इसके लिए उन्होंने बाकायदा मतपत्र भी छपवाए थे और वे चाहते थे कि मतपत्र से पुनर्मतदान कराया जाए। ताकि ईवीएम के परिणामों से उनको मिलाया जा सके। यह गांव मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहां से राकांपा उम्मीदवार उत्तम जानकार ने भाजपा के राम सतपुते को 13,147 मतों से हराया था। चुनाव के नतीजे 23 नवम्बर को घोषित किए गए थे और इस सीट से जानकार विजयी रही। आमतौर पर हारने वाले उम्मीदवार ही ईवीएम के परिणाम को चुनौती देता है। यहां तो जीते हुए उम्मीदवार के वोटरों ने ही ईवीएम परिणाम को चुनौती दे डाली? मरकड़वाड़ी निवासियों ने दावा किया कि उनके गांव में जानकर को सतपुते के मुकाबले कम वोट मिले, जो संभव नहीं था। स्थानीय लोगों ने ईवीएम पर संदेह जताया। एक अधिकारी ने बताया कि मालशिरस उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) ने कुछ स्थानीय लोगों की पुनर्मतदान की योजना के कारण किसी भी संघर्ष या कानून-व्यवस्था सबकी स्थिति से बचने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (जो पहले 144 होती थी) के तहत दो से पांच दिसम्बर तक क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी। गांव में मंगलवार सुबह अत्याधिक संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया, क्योंकि कुछ ग्रामीणों ने मतपत्रों से पुनर्मतदान के लिए इंतजाम किए थे। डीएसपी नारायण शिरगावकर ने कहा कि हमने ग्रामीणों को कानूनी प्रक्रिया समझाई और चेतावनी भी दी ]िक अगर एक भी वोट डाला गया तो मामला दर्ज हो जाएगा। जानकार ने बताया कि पुलिस प्रशासन के रुख को देखते हुए ग्रामीणों ने मतदान प्रक्रिया रोकने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, हालांकि हम अन्य तरीके से अपना विरोध जारी रखेंगे। हम सब मुद्दे को निर्वाचन आयोग और न्यायपालिका जैसे विभिन्न अधिकारियों के समक्ष ले जाने का प्रयास करेंगे और जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम नहीं रुकेंगे। इससे पूर्व स्थानीय निवासी रंजीत ने दावा किया कि मतदान के दिन गांव में 2000 मतदाता थे और उनमें से 1900 ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। गांव ने पहले भी हमेशा जानकर का समर्थन किया है, लेकिन इस बार ईवीएम के जरिए हुई मतगणना के अनुसार जानकर को 843 वोट मिले, जबकि भाजपा के महायुते को 1003 वोट मिले। यह संभव नहीं है और हमें ईवीएम के इन आंकड़ों पर भरोसा नहीं है, इसलिए हमने मतपत्रों के जरिए पुनर्मतदान कराने का फैसला किया ताकि ईवीएम की धांधली का भांडा फोड़ सकें। खबर है कि महाराष्ट्र के अन्य गांवों में भी ऐसी वोटिंग की योजनाएं चल रही हैं। इससे पता चलता है ईवीएम की विश्वसनीयता का।
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