Thursday, 5 December 2024
महाराष्ट्र में ईवीएम पर बढ़ता बवाल
महाराष्ट्र में ईवीएम मशीनों और उनके द्वारा निकले विधानसभा चुनाव में नतीजों पर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। अब तो महाराष्ट्र में कई स्थानों पर जनता, उम्मीदवार सड़कों पर उतर आए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में पूरे चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग जो हुआ है वह पहले कभी किसी विधानसभा या राष्ट्रीय चुनाव में नहीं देखा गया। पवार ने यह बयान 90 वर्ष से ऊपर की आयु के समाजसेवी बाबा आढ़ाव से मुलाकात के दौरान दिया। बाबा आढ़ाव महाराष्ट्र में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कfिथत रूप से ईवीएम के दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आढ़ाव (90) ने गुरुवार को समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के पुणे स्थित निवास फुले वाडा में अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन किया। शरद पवार ने कहा कि देश में हाल में चुनाव हुए हैं और लोगों में उन्हें लेकर बेचैनी है। उन्होंने कहा कि बाबा आढ़ाव का आंदोलन इसी बेचैनी का प्रतिनिधित्व करता है। लोगों में यह सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र में हाल में हुए चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और बड़ी मात्रा में धन का इस्तेमाल हुआ है जो पहले कभी नहीं देखा गया। स्थानीय स्तर के चुनावों में ऐसी बातें सुनने को मिलती रहीं पर धन की मदद से पूरे चुनावी तंत्र पर कब्जा और सत्ता का दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा। पवार ने कहा कि लोग दिवंगत समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण को याद कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि किसी को आगे आकर कदम उठाना चाहिए। कदम उठा भी लिया गया है। महाराष्ट्र में हार का सामना करने वाले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवारों ने अपने क्षेत्रों में ईवीएम और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) इकाइयों में सत्यापन की मांग करने का फैसला ले लिया है। कई हारे हुए उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट के ईवीएम सत्यापन के फैसले पर चुनाव आयोग में ईवीएम की कंट्रोल यूनिट पर पुन गिनती कराने की अपनी याचिका दायर भी कर दी है। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि दर्जनों हारे हुए उम्मीदवार ने पुन गिनती की फीस भी जमा कर दी है। अकेले बारामति के हारे उम्मीदवार पवार के भतीजे ने भी 9 लाख रुपए फीस जमाकर दी है। महाराष्ट्र में कई और अन्य दर्जनों उम्मीदवारों ने भी ऐसा ही किया है। लोकतंत्र में शिकायतों का सत्यापन होना जरूरी है और चुनाव आयोग को इसमें पूरा सहयोग करना चाहिए न कि खानापूर्ति करके छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए। मुंबई के शिव सेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया कि डाले गए वोट और ईवीएम में गिने गए वोट की संख्या में विसंगतियां हैं। विधायक ने कहा, लगभग सभी उम्मीदवारों ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया है। मराठी के एक समाचार पत्र ने 95 विधानसभा क्षेत्रों की एक सूची बकायदा छापी है जहां पर चुनावी धांधली के आरोप लग रहे हैं। वोटों की मिसमैच के आरोप लग रहे हैं। चुनाव आयोग ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि आयोग हर सवाल का जवाब देगा। देखें, आगे क्या होता है।
-अनिल नरेन्द्र
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