Saturday, 7 December 2024
सुखबीर बादल पर जानलेवा हमला
श्री अकाल तख्त साहिब में तनखैया घोषित हो चुके सुखबीर बादल और उनकी तत्कालीन कैबिनेट में रहे मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने बड़ा ऐलान किया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल को दिया गया। फक्र-ए-कौम सम्मान वापस लेने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उनके बेटे सुखबीर बादल को भी धार्मिक सजा सुनाई गई। दरअसल, ये मामला गुरमीत सिंह राम रहीम से जुड़ा हुआ है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि श्री अकाल तख्त साहिब से बनी पार्टी मुद्दों से हटकर बात करने लगी है। दरअसल जिस वक्त पंजाब में गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबियों के मामले हुए उस दौरान पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा, सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल कर लिया है कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी के लिए दबाव डाला। इस काम में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट रहे नेता 3 दिसम्बर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वो नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ होगा। सुखबीर सिंह बादल दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तनखैया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी। इसी दौरान जब सुखबीर सिंह बादल दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठे थे तभी उनपर एक जानलेवा हमला हुआ। बुधवार सुबह खालिस्तान समर्थक आतंकी ने सुखबीर को जान से मारने का प्रयास किया। सादी वर्दी में तैनात पुलिस के एएसआई की सतर्कता से वह सुरक्षित बच गए। एएसआई जसबीर सिंह ने आतंकी का हाथ पकड़ कर पिस्तौल ऊपर उठा दी। जिससे गोली दीवार पर लगी और कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिसकर्मियों ने आतंकी नारायण सिंह चौड़ा को मौके पर ही दबोच लिया। इस बीच सीएम भगवंत मान ने बादल पर हमले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने डीजीपी से रिपोर्ट भी तलब की है। कट्टरपंथी संगठन दल खालसा से जुड़ा चौड़ा गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और खालसा लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) से भी उसके संबंध रहे हैं। बेअदबी के आरोप में अकाल तख्स से मिली सजा के तौर पर दूसरे दिन सुबह नौ बजे शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल स्वर्ण मंदिर के द्वार पर व्हीलचेयर पर बैठकर पहरा दे रहे थे। आतंकी चौड़ा काफी घंटे से इधर-उधर घूम रहा था। करीब 9.30 बजे मौका पाकर वह सुखबीर के सामने आ गया और पाकेट से पिस्तौल निकाल ली। इससे पहले कि वह गोली चलाता एएसआई जसबीर ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान हुई हाथापाई में चौड़ा ने गोली चलाई, जो दीवार पर जा लगी। बादल को जेड प्लस सुरक्षा मिली है। इस हमले के पीछे प्राथमिक जांच के दौरान पुलिस को बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े इनपुट मिले हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अलगाववाद के मंसूबे को बढ़ावा देने के लिए सुखबीर पर यह हमला हुआ है, ताकि प्रदेश की न केवल शांति भंग की जा सके। बल्कि हमले के जरिए कट्टरपंथी खालिस्तानी और अलगाववादी विचारधारा को हावी दिखाया जा सके।
-अनिल नरेन्द्र
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