Saturday 10 April 2021

वाजे से वसूली करवाते थे महाराष्ट्र के दो मंत्री

महाराष्ट्र में वसूली का बवंडर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। अनिल देशमुख के बाद महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री अनिल परब पर वसूली कराने का आरोप लगा है। 100 करोड़ रुपए की उगाही मामले में गृहमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अनिल देशमुख के साथ शिवसेना नेता व संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। निलंबित पुलिस सब-इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने देशमुख पर नौकरी में बनाए रखने के लिए दो करोड़ रुपए मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। वहीं अनिल देशमुख ने सैफी बुरहानी ट्रस्ट से 50 करोड़ की डील करने को कहा था। पत्र में वाजे ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नाम से गुटखा व्यापारी से 100 करोड़ रुपए वसूलने के लक्ष्य का भी आरोप लगाया। वाजे के वकील ने बुधवार को विशेष कोर्ट में पेश पत्र में दावे किए हैं। वाजे का दावा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार नहीं चाहते थे कि वह पुलिस में बने रहें। दोबारा ड्यूटी ज्वाइन करने पर पवार ने मुझे फिर निलंबित करने को कहा था। इसकी एवज में ही देशमुख ने दो करोड़ रुपए मांगे थे। मैंने असमर्थतता जताई, तो वह बाद में लेने को तैयार हो गए। देशमुख ने कहा था कि 1650 बार व रेस्टोरेंट हैं। प्रति बार व रेस्टोरेंट से तीन से साढ़े तीन लाख रुपए वसूल करो। मैंने उन्हें बताया कि करीब 200 बार ही हैं और मैं यह वसूली नहीं कर सकता। देशमुख के बंगले से निकलने पर उनके पीए ने मंत्री की मांग मानने की सलाह दी थी। बाद में मैंने यह जानकारी तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को दी। उन्होंने कहा कि अवैध काम मत करना। हालांकि कोर्ट ने पत्र को स्वीकार नहीं किया और इसे ठीक से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। हालांकि वाजे ने पत्र में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से सीधे निर्देश मिलने का जिक्र नहीं किया। लेकिन लिखा हैöदर्शन घोड़ावत नामक व्यक्ति ने कहा था कि वह अजीत का करीबी है। घोड़ावत ने कुछ लोगों के नाम दिए और कहा कि लिस्ट में दर्ज व्यापारियों से 100 करोड़ रुपए वसूली करो।

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