Thursday 22 April 2021

प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू

दिल्ली में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी का संक्रमण लगातार भयावह स्थिति पैदा कर रही है। दिल्ली में कोरोना के मरीजों के कारण सभी अस्पतालों में आईसीयू बैड फुल हो चुके हैं। कोरोना के गंभीर मरीज को लेकर परिजन इस अस्पताल से लेकर उस अस्पताल में आईसीयू के लिए चक्कर काटते रहे, पर ऐप और अस्पताल में आईसीयू बैड नहीं होने के कारण अस्पताल मरीज को भर्ती करने के बजाय किसी और अस्पताल में मरीज को ले जाने की सलाह दे रहे हैं। जीटीबी, एलएनजेपी सहित कई अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं करने पर बरामदे व अस्पताल परिसर में बैठने की बातें सामने आ रही हैं। दिल्ली में पूर्णबंदी की घोषणा होने के साथ ही प्रवासी मजदूरों का पलायन भी शुरू हो गया है। पहले ही दिन मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अपील बेअसर होती दिखी। लॉकडाउन के साथ ही मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से अपील की थी कि वह दिल्ली छोड़कर न जाएं। उन्होंने कहा कि यह छोटा लॉकडाउन है। उम्मीद है कि इसे आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केजरीवाल ने प्रवासियों से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह निर्णय तब लेना पड़ा, जब मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था। यह फैसला हमारे लिए कठिन था। केजरीवाल ने कहा कि आपके आने-जाने में आपका समय, पैसा और काफी ऊर्जा खत्म हो जाएगी। आप दिल्ली में ही रहिए। मुझे उम्मीद है कि यह छोटा लॉकडाउन है और छोटा ही रहेगा। सरकार आपका ख्याल रखेगी। पर केजरीवाल की भावुक अपील के बावजूद प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। आनंद विहार बस अड्डे पर भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर बना फुटओवर ब्रिज लोगों की भीड़ से भरा नजर आ रहा है। लोग दीवार फांद कर बस अड्डे में दाखिल होने लगे हैं। यहां से ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश व बिहार जा रहे हैं। बस टर्मिनल पर देर रात तक उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती गई। मजदूरों को भरोसा नहीं कि एक सप्ताह बाद दिल्ली में सब कुछ सामान्य हो जाएगा। सबको इसके लंबा चलने का डर सता रहा है। यही डर है कि मजदूरों का पलायन होने लगा है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का कौशांबी बस अड्डे से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली बसें पूरी भरकर जा रही हैं। बसों में लोग बाहर लटक कर गए। इससे यह साफ है कि प्रवासी मजदूरों के बीच घर लौटने की होड़ मच गई है। अन्य बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर पहुंच रहे हैं। स्टेशनों पर प्रवासियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। लोगों ने कहा कि अब यहां काम नहीं मिल रहा, राशन में परेशानी होने लगी है, लिहाजा वह घर लौट रहे हैं। दिल्ली के तमाम बस स्टैंडों पर मजदूरों की भीड़ देखी जा रही है। दिल्ली से हजारों मजदूर अपने घर लौटने के लिए लोग सिर पर सामान रखे और महिलाएं गोद में बच्चे लिए नजर आ रही हैं। मजदूर बच्चों को गोद, कंधे और सामान सिर पर लिए आनंद विहार बस टर्मिनल और कौशांबी बस डिपो के बीच दौड़ते नजर आ रहे हैं और सभी मजदूरों में होड़ है कि जल्दी से अपने गांवों को वापस पहुंचें। साल 2020 में लॉकडाउन की परेशानी देख चुके मजदूर दिल्ली छोड़कर अपने गांव पहुंचना चाहते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मजदूरों के पलायन की स्थिति एक बार फिर देखने को मिल रही है। मजदूर भी क्या करें उन्हें 2020 के लॉकडाउन का भूत सता रहा है। वह दोबारा उस स्थिति से नहीं निपटना चाहते। इन्हें रोकने का प्रयास होना चाहिए, सारी सुविधाएं देने का आश्वासन देना होगा ताकि वह दिल्ली में ही टिके रहें।

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