Tuesday 20 April 2021

हम चुनाव नहीं चाहते थे, पर ज्यूडिशियरी और आयोग ने नहीं सुनी

राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों (सहाड़ा, सुजानगढ़, राजसमंद) उपचुनाव के शनिवार को वोट पड़ गए। सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को ज्यूडिशियरी और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हम कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए कहते हैं और दूसरी ओर चुनावों में लाखों लोगों की भीड़ की रैलियां और रोड शो होते रहे। ऐसा सब बिहार चुनाव से हो रहा है। राजनेता चाहते तो वर्चुअल रैली जैसे विकल्पों का इस्तेमाल कर भीड़ इकट्ठा होने से रोक सकते थे। सीएम ने सोशल मीडिया पर ज्यूडिशियरी और चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि ज्यूडिशियरी और चुनाव आयोग भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने राज्यों के विरोध के बावजूद पंचायतों, स्थानीय निकायों व राज्यों के विधानसभा चुनाव करवाने के आदेश दे दिए। चुनाव आयोग चाहता तो आपातकाल की स्थिति में चुनाव आगे बढ़ा सकता था। कोविड-19 की भयानक स्थिति में आपातकाल माना जा सकता था। नेताओं ने जमकर कोविड-19 की परवाह किए बगैर प्रचार किया, रोड शो किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने ठीक कहा कि कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए हम राजनेता भी कुछ हद तक दोषी हैं। अब कोरोना का नया रूप प्रकट हुआ है और देश में भयावह स्थिति बनती जा रही है एवं लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाने जैसे सख्त फैसले करने पड़ रहे हैं। कटु सत्य यह है कि देश के पांच राज्यों में चुनावों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कई गुना बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। विधानसभा चुनाव के प्रचार और रैलियों के कारण केरल, असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और तमिलनाडु कोरोना के हॉट स्पॉट बनकर उभरे हैं। 15 अप्रैल को खत्म हुए एक पखवाड़े में मिले नए संक्रमितों की संख्या में पिछले पखवाड़े (16 मार्च से 31 मार्च) के मुकाबले सबसे अधिक 625 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी असम में दर्ज की गई। यह बढ़ोत्तरी पश्चिम बंगाल में 504 प्रतिशत, केरल में 125 प्रतिशत और पुडुचेरी में 195 प्रतिशत रही। असम में 16 से 31 मार्च के बीच केवल 537 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। मतलब उस दौरान स्थिति काफी बेहतर थी। लेकिन एक से 15 अप्रैल के बीच संक्रमितों की संख्या में 625 प्रतिशत इजाफा हुआ है। बंगाल में संक्रमितों की संख्या में 504 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो चुकी है। राज्य में 16 से 31 मार्च तक केवल 32 मरीजों की मौत हुई, लेकिन एक से 15 अप्रैल के अंदर कुल 149 मरीजों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु में संक्रमण दर शुक्रवार को 4.6 प्रतिशत रही जो बहुत ज्यादा है। एक से 15 अप्रैल के बीच संक्रमितों की संख्या में पिछले पखवाड़े (16 से 31 मार्च) के मुकाबले 190.9 प्रतिशत दर्ज की गई। यही हाल केरल और पुडुचेरी का भी हुआ। अभी तो रैलियां, रोड शो चल रहे हैं। इनमें संक्रमितों का पता तो थोड़ी देर बाद चलेगा। कोरोना महामारी के चलते राज्यों के चुनाव स्थगित होने चाहिए थे। पर राजनेताओं को सत्ता बचाने, सत्ता में आने की इतनी मजबूरी थी कि उन्होंने जनता में इसके दुप्रभाव की परवाह नहीं की। ज्यूडिशियरी भी इन राजनेताओं के इशारों पर चली और उसने भी कहीं भी चुनाव स्थगित करने का निर्देश नहीं दिया। अब इनकी लापरवाही का असर पूरे देश को भुगतना पड़ सकता है।

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