Wednesday 14 April 2021

पहली और दूसरी डोज में कितना अंतर होना चाहिए?

अमेरिका में कोरोना वायरस की चौथी लहर की आशंका के साथ वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर पर विशेषज्ञांs में फिर से बहस छिड़ गई है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है, पहली और दूसरी डोज के बीच समय बढ़ाने से पहली डोज लेकर सुरक्षित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन कुछ विशेषज्ञों को भय है कि इससे वायरस के नए खतरनाक स्वरूप को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। अमेरिका में वैक्सीन की दो डोज में तीन से चार सप्ताह का अंतर है। ब्रिटेन में अधिकतर लोगों को तेजी से वैक्सीन लगाने के लिए दूसरी डोज में 12 सप्ताह का अंतराल रखा गया है। कनाडा में एक सरकारी समिति ने दूसरी डोज के चार माह बढ़ाने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक डोज से ही संक्रमण का खतरा 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ सोचते हैं, अमेरिका को भी कनाडा, ब्रिटेन के रास्ते पर चलना चाहिए। पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डा. एजेकील इमैनुअल का कहना है, अमेरिका में अगले कुछ सप्ताह तक पूरी वैक्सीन पहली डोज वालों को लगाई जाए। यूएसए टुडे में प्रकाशित लेख में डा. इमैनुअल और उनके सहयोगियों ने लिखा है, ऐसा करने में मिशीगन मिनिसोटा जैसे स्थानों में चौथी लहर रोकी जा सकेगी। दूसरी ओर राष्ट्रपति जो बिडेन की सरकार के स्वास्थ्य सलाहकारों सहित अन्य विशेषज्ञों की दलील है, डोज में देर करने का प्रस्ताव खराब है। उन्हेंने चेतावनी दी है कि इस कारण पहले से सक्रीय वायरस का नया स्वरूप और अधिक फैलेगा। फूड एंड ड्रग्स एडमिनिसेट्रेशन के पूर्व प्रमुख साइंटिस्ट लुसियाना बोरियो का कहना है कि दूसरी डोज की तारीख आगे बढ़ाना खतरनाक है। इस बहस के बीज दिसम्बर में पड़ गए थे। जब फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन के ट्रायल में दूसरी डोज दो सप्ताह बाद वालंटियर्स को बहुत अधिक सुरक्षा मिल गई थी। यह पहली डोज से अधिक थी। उसी माह ब्रिटेन में फाइजर बायोएनटेक और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनों को मंजूरी दी थी। दोनें वैक्सीन की दूसरी डोज 12 हफ्ते बाद लगाई गई गई थी। क्लीनिकल ट्रायल से पता लगा है कि पहली डोज से कई सप्ताह तक बचाव की क्षमता मिलती है। बीमारी नियंत्रण और रोकथाम सेंटरों (सीडीसी) ने बताया है कि मॉडर्ना या फाइजर-बायोएनटेक की पहली डोज के दो सप्ताह बाद किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है। ब्रिटेन में शोधकर्ताओं का कहना है कि पहली डोज से सुरक्षा चक्र कम से कम बारह सप्ताह तक बना रहता है। विशेषज्ञ डा. इमैनुअल का कहना है कि ब्रिटेन में अधिक लोगों को पहली डोज देने के कारण संक्रमण में 95 प्रतिशत गिरावट आई है। वायरस का अध्ययन करने वाली साइंटिस्ट डा. कोवे और उनके साथियों का कहना है कि कुछ लोगों को बहुत अधिक सुरक्षा देने की बजाए अधिक लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाकर वायरस के फैलाव को रोकना संभव है।

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