Wednesday 21 April 2021

वोटर की जान से ज्यादा जरूरी रैली, रोड शो

रविवार को पश्चिम बंगाल के चुनावी माहौल में एक नया रंग मिल गया। कोरोना के बढ़ते कहर के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बंगाल में बाकी चरणों में प्रचार नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने राज्य में होने वाली बाकी सभी रैलियों को रद्द कर दिया है। राहुल ने रविवार को ट्वीट कियाöकोविड की स्थिति को देखते हुए मैं बंगाल में अपनी सभी रैलियों को स्थगित कर रहा हूं। मैं सभी नेताओं को सलाह दूंगा कि मौजूदा हालात में बड़ी रैलियों के परिणामों पर गहराई से विचार करें। सोचना चाहिए कि इन रैलियों से जनता का देश को कितना खतरा है। कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने भी कहाöपीएम को दिल्ली में रहकर काम करना चाहिए और मुख्यमंत्रियों के साथ समन्वय कर कोरोना से निपटना चाहिए। राहुल ने एक अन्य ट्वीट के जरिये मोदी पर निशाना साधा, जिसमें मोदी ने कहा था कि उनकी रैली में बंगाल में इतनी भीड़ है कि जहां तक नजर जा रही है, लोग ही लोग दिख रहे हैं। पीएम के भाषण का यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल है और इसी सन्दर्भ में राहुल ने लिखाöबीमारों और मृतकों की भी इतनी भीड़ पहली बार देखी है। वरिष्ठ तृणमूल नेता और राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि पार्टी कोई बड़ी रैली नहीं करेगी। चट्टोपाध्याय भवानीपुर सीट से चुनावी मैदान में हैं। दरअसल बंगाल में रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग पर निशाना साधा जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने कोरोना महामारी के प्रबंधन में ढिलाई को लेकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि पिछले 10 दिनों में जिस गति से कोरोना संक्रमण और मौत का आंकड़ा बढ़ा है, उससे ज्यादा रफ्तार बंगाल में भाजपा की रैलियों की रफ्तार बढ़ी है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के रोजाना दो लाख से अधिक मामले आ रहे हैं और भाजपा बंगाल चुनाव में जनसैलाब वाली रैलियों में व्यस्त है। चड्ढा ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी से महामारी की लड़ाई में देशवासियों का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनसैलाब वाली रैलियों के जरिये सुपर प्रैडर इवेंट आयोजित किए जा रहे हैं। देश के किसी भी नागरिक या सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है तो उसका तुरन्त उत्तर आता है कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में तो सभी राजनीतिक दल और उसके नेता-कार्यकर्ता कोरोना के सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि राहुल रैली करें या न करें फर्क नहीं पड़ता है। उनकी रैली में भीड़ भी नहीं आती, अब सूरत बचाने को ऐसा कर रहे हैं। वैसे चुनाव आयोग के पास संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए रैलियों पर पाबंदी लगाने का अधिकार है। इस अधिकार के तहत वह पश्चिम बंगाल के चुनाव में रैलियों, रोड शो और सभाओं पर तुरन्त प्रतिबंध लगाकर एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता था। अगर चुनाव आयोग ऐसा करता तो पूरे देश में उसकी प्रशंसा होती और इस आरोप से भी बच जाता कि वह भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है। केंद्र सरकार को भी कोरोना की गंभीर स्थिति को समझना चाहिए। भाजपा और टीएमसी दोनों को जनहित को चुनाव हित से उपर रखना चाहिए।

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