Saturday, 23 November 2024

गौतम अडाणी पर धोखाधड़ी, रिश्वत का केस


गौतम अडाणी पर अमेरिका में धोखाधड़ी का अभियोग लगाया गया है। पर उन अमेfिरका में एक कंपनी को कांट्रैक्ट दिलाने के लिए 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और इस मामले को छिपाने का आरोप लगाया गया है। बुधवार को न्यूयार्क में दायर किया गया। आपराधिक मामला, भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक 62 साल के गौतम अडाणी के लिए एक बड़ा झटका है। गुरुवार दोपहर अडाणी ग्रुप ने एक बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया और उन्हें बेबुनियाद बताया। आपको पूरा मामला विस्तार से बताते हैं कि आखिर धोखाधड़ी के आरोप किस सिलसिले में हैं? जांच के घेरे में कौन-कौन आए हैं। गौतम अडाणी पर क्या आरोप लगे? अमेरिका की सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन यानि एसईसी ने 20 नवम्बर को इस मामले में गौतम अडाणी के भतीजे सागर अडाणी समेत ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत अन्य फर्म अश्योर ग्लोबल पावर लिमिटेड के कार्यकारी सिरोल कोपनसे के खिलाफ रिपोर्ट में बताया गया है कि गौतम अडाणी, सागर के साथ 7 अन्य प्रतिवादियों ने अपने रिन्यूवल एनर्जी कंपनी को कांट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। दरअसल यूनाइटेड स्टेटस अटार्नी ऑफिस अमेरिका कानून लागू करने वाली एजेंसी है। इसके मुताबिक 2020 से 2024 के बीच अडाणी को भारत में अपने ही सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार से कांट्रेक्ट चाहिए थे। जिसके लिए अडाणी ने भारतीय अधिकारियें को 265 मिलियन डॉलर के रिश्वत देने की बात कही। अडाणी को इस प्रोजेक्ट से 20 साल में लगभग दो बिलियन डॉलर से ज्यादा का मुनाफा कमाने की उम्मीद थी। आरोप है कि अडाणी ने इस पैसे को जुटाने के लिए अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला और उनसे 175 मिलियन डॉलर लिए। इन पैसों को रिश्वत के लिए इस्तेमाल किया गया था। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के पास इन आरोपों को सिद्ध करने के पुख्ता सुबूत हैं। सफाई दी जा रही है कि जब अपराध भारत में हुआ है तो केस अमेरिका में कैसे चल सकता है। भारतीय अदालतों में चलना चाहिए। इसका जवाब यह है कि अडाणी ने पैसे जुटाने के लिए अमेरिकी निवेशकों और अमेरिकी बैंकों से झूठ बोलकर, गलत आंकड़े देकर पैसा उगाया जो अमेरिका में अपराध है। अमेरिकी न्याय विभाग ने स्वयं कहा है कि अभियोग में लगाए गए आरोप फिलहाल आरोप हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाते, तब तक शामिल लोगों को निर्दोष माना जाता है। अडाणी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे। भारत में लंबे समय से विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती रही हैं कि राजनीतिक संबंध के कारण अडाणी को फायदा मिलता रहा है। आम धारणा बनी हुई है कि मोदी जी, अमित शाह और गौतम अडाणी के करीबी रिश्ते हैं। हालांकि अडाणी इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति अटार्नी जनरल की नियुक्त करता है। यह मामला तब आया जब डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ हफ्ते पहले ही चुनाव जीता है। ट्रंप ने अमेरिकी जस्टिस fिडपार्टमेंट में आमूलचूल परिवर्तन की बात कही है। पिछले हफ्ते गौतम अडाणी ने न केवल डोनाल्ड ट्रंप की जीत की बधाई ही दी थी। साथ-साथ यह आश्वासन भी दिया कि उनका समूह अमेरिका में 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा और 15000 नौकरियां भी देंगे। देखें, यह केस आगे कैसे बढ़ता है।

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