Tuesday, 26 November 2024

ट्रंप प्लान :अवैध प्रवासियों को निकालो


नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को खदेड़ने का ऐलान कर चुके हैं। इनमें भारतीय भी शामिल हैं। बता दें कि अमेरिका में डंकी रूट से भारतीयों की अवैध एंट्री का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी बार्डर पर इस साल 30 सितम्बर तक 90,415 भारतीय पकड़े जा चुके हैं। हर घंटे 10 भारतीयों को गिरफ्तार किया जा रहा है। पकड़े गए भारतीयों में से लगभग 50 प्रतिशत गुजराती हैं। दूसरे नंबर पर पंजाब के लोग पकड़े गए हैं। अमेरिकी बॉर्डर एंड कस्टम ने आशंका जताई हैं कि इस साल तक भारतीयों की संख्या एक लाख तक हो जाएगी। जबकि पिछले साल 93000 भारतीय ही पकड़े गए थे। बताया जा रहा है कि अमेरिका में इस समय लगभग 9 लाख अवैध प्रवासी हैं। ट्रंप का कहना है इन्हें भी डिपोर्ट किया जाएगा। लेकिन ये सब ट्रंप के लिए इतना आसान भी नहीं होने वाला है। ट्रंप को अमेरिकी इकानमी के मुद्दे से भी निपटना होगा। 9 लाख अवैध भारतीय प्रवासी अमेरिका में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए टैक्स के रूप में चुकाते हैं। इन्हें डिपोर्ट करने से फेडरल और स्टेट का टैक्स रैवेन्यू का नुकसान होगा। थिंक टैंक न्यू अमेरिका इकोनॉमी के अनुसार अवैध भारतीय प्रवासियों की खर्च क्षमता को भी जोड़ा जाए तो इन्हें डिपोर्ट करने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बड़ा असर पड़ सकता है। अमेरिका में मोटे तौर पर अवैध भारतीय प्रवासी लगभग 2 लाख करोड़ रुपए खर्च भी करते हैं। ये अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा है। इमीग्रेशन वकील कल्पना के अनुसार अमेरिका में आने वाले भारतीय प्रवासी दो तरीको का इस्तेमाल करते हैं। पहला अवैध दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और वीजा के साथ अमेरिका में आते हैं और फिर यहां पर ओवर स्टे कर जाते हैं। 2010 से 2020 के दौरान लगभग 4 लाख भारतीयों ने ओवर स्टे किया। अवैध प्रवासी जनगणना और सोशल सर्विस नेट से दूर रहते हैं। जिससे धरपकड़ न हो। दूसरा तरीका बार्डर पार कर अमेरिका पहुंचना होता है। मैक्सिको से अमेरिका में घुसना आसान होता है पर पकड़े जाने का खतरा ज्यादा है। कनाडा बार्डर में जान का जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन पकड़े जाने का खतरा कम होता है। ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल में अवैध प्रवासियों को रोकने और पहचान करने के लिए बड़ी तैयारी की है। इसमें वर्क प्लेस पर औचक छापों का प्लान बनाया है। वर्क प्लेस में अक्सर अवैध प्रवासी बिना डाक्यूमेंट के काम करते हैं। नियोक्ता भी इन लोगों को तयशुदा वेज से कम देते हैं। ट्रंप ने बार्डर पर सेना लगाने की बात भी कही है। सभी वहां बार्डर पर डेरा डाले हैं। अवैध प्रवासी अमेरिका के घरों में ऐसे काम करते हैं जो आमतौर पर अमेरिकन खुद नहीं करना चाहते। उदाहरण के तौर पर बाथरूम साफ करने, खाना बनाना, साफ-सफाई करना, मरीजों की देखभाल करना इत्यादि-इत्यादि। अगर अवैध प्रवासियों को निकाला जाएगा तो इन अमेरिकनों को खुद से यह सब काम करने होंगे जिनकी शायद अब उन्हें आदत नहीं रही। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप का डिपोर्ट का प्लान कितना सफल होगा। इस पर संदेह बना हुआ है। देखें, पदभार संभालने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप इस प्लान का कितना अमल करते हैं।

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