मणिपुर में बिगड़ते हालात के बीच सत्तारूढ़ राजग के fिवधायकों ने अपनी ही सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। मणिपुर हिंसा की आग में अब मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार झुलसती नजर आ रही है। भाजपा सरकार पर सियासी संकट कम होता नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कुर्सी भी खतरे में आ रही है। राज्य की स्थिति का आकलन करने के लिए सीएम बीरेन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को बुलाई गई बैठक में 37 में से 19 विधायक (भाजपा के) नहीं शामिल हुए। मैतई समाज में आने वाले एक कैबिनेट मंत्री भी बैठक में शामिल नहीं हुए। उधर विधायकों ने एक महत्वपूर्ण बैठक कर प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया गया है, कहा कि यदि इन प्रस्तावों को लागू नहीं किया गया तो राजग के सभी विधायक मणिपुर के लोगों के परामर्श के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा। अब तो पहली बार मंत्रियों-विधायकों के घरों पर बड़े स्तर पर हमले हुए हैं। गत रविवार शाम इंफाल पश्चिम में भीड़ ने एक भाजपा विधायक का घर फूंक दिया। वहीं, जिरीबाम में भाजपा-कांग्रेस के दफ्तर और एक निर्दलीय विधायक की बिल्डिंग में तोड़-फोड़ की। दो दिन में तीन मंत्रियों सहित 9 विधायकों के घर पर हमला हो चुका है। शनिवार को भीड़ ने एनसीपी विधायक शमशेर सिंह को घर से निकालकर पीटा था। दहशत के चलते कई मंत्री विधायकों ने परिजनों को राज्य से बाहर भेज दिया है। वहीं सीएम एन बीरेन सिंह के आवास पर भी सुरक्षा बड़ा दी गई है। इंफाल घाटी के छह पार्टी के घर जिलों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है और कई जिलों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। इस बीच 565 दिन से जारी हिंसा की आंच राज्य की भाजपा सरकार तक पहुंच गई। सरकार में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है। राज्य विधानसभा में एनपीपी के 7 विधायक हैं। राज्य के एक विधायक ने बताया कि भाजपा के 14 और 5 अन्य विधायक इस्तीफा देने की तैयारी में हैं। एक दिन पहले ही विधानसभा स्पीकर सहित भाजपा के 19 विधायकों का एक पत्र सामने आया था, जिसमें बीरेन सिंह को तत्काल पद से हटाने की मांग की गई थी। एनपीपी के एक विधायक ने बताया कि हम कुछ दिन केंद्र के फैसले का इंतजार करेंगे। बीरेन fिसंह की जगह नया नेता नहीं बना तो हम फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे, क्योंकि सरकार अल्पमत में है। दूसरी ओर, मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष कैशाममेघाचंद्रा ने भी कहा है कि अगर जनता कहेगी तो हमारे सभी विधायक इस्तीफा देंगे। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पांच विधायक हैं। देखना यह है कि अब केंद्र सरकार मणिपुर को लेकर कैसा फैसला करती है।
-अनिल नरेन्द्र
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