Tuesday, 24 December 2024
भागवत का बयान स्वागतयोग्य
मंदिर-मस्जिद के रोज नए विवाद निकालकर कोई नेता बनना चाहता है तो ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें दुनिया को दिखाना है कि हम एक साथ रह सकते हैं। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन के दौरान कही। इसके लिए श्री भागवत ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी है। भागवत के भाषण की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि इस वक्त देश में संभल, मथुरा, काशी जैसी कई जगहों को मस्जिदों के प्राचीन समय से मंदिर होने के दावे किए जा रहे हैं। इनके सर्वे की मांग हो रही है और कुछ मामले तो अदालतों में लंबित भी हैं। भागवत ने कहा, हमारे यहां हमारी ही बातें सही, बाकी सब गलत, यह नहीं चलेगा। अलग-अलग मुद्दे रहे तब भी हम सब मिलजुलकर रहेंगे। हमारी वजह से दूसरों को तकलीफ न हो इस बात का ख्याल रखेंगे। जितनी श्रद्धा मेरी खुद की बातों में है, उतनी श्रद्धा मेरी दूसरों की बातों में भी रहनी चाहिए। उन्होंने वहां कि रामकृष्ण मिशन में आज भी 25 दिसम्बर (बड़ा दिन) मनाते हैं, क्योंकि यह हम कर सकते हैं। क्योंकि हम हिंदू हैं और हम दुनिया में सब के साथ मिलजुलकर रह रहे हैं। यह सौहार्द अगर दुनिया को चाहिए तो उन्हें अपने देश में यह मॉडल लाना होगा। उनका कहना है मंदिर और मस्जिद का संघर्ष एक सांप्रदायिक मुद्दा है और जिस तरह से ये मुद्दे उठ रहे हैं, कुछ लोग नेता बनते जा रहे हैं। अगर नेता बनना ही इसका मकसद है तो इस तरह का संघर्ष उचित नहीं है। लोग महज नेता बनने के लिए इस तरह के संघर्ष शुरू कर रहे हैं, तो यह सही नहीं है। संघ प्रमुख के इस बयान के मुरीद हुए मुस्लिम धर्म गुरु। मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने इस बयान पर खुशी जताई। मुस्लिम जगत के इन नेताओं ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में ऐसा बयान आना बेहद मायने रखता है। मुस्लिम धर्म गुरु कल्बे सिब्ते नूरी ने कहा कि भागवत का बयान बहुत सकारात्मक है। 18-20 करोड़ मुसलमानों को अलग-थलग करके भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता। डॉ. नूरी ने भाजपा नेताओं से आग्रह किया कि वो आरएसएस प्रमुख के संदेश को आगे बढ़ाएं और देश का माहौल खराब करने की कोशिशों को रोकें। कैराना से सपा सांसद इकरा हसन ने भी आरएसएस प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। इकरा ने कहा, पहली बार उनके बयान से इत्तेफाक रखती हूं। वर्तमान की जरूरत भी यही है कि इस तरह के मुद्दे बंद हों। सपा सांसद अफजल अंसारी ने कहा भागवत के बयान का स्वागत करते हैं। कुछ नेता मशहूर होने के लिए और सस्ते ढंग से एक धर्म विशेष का नेता बनने की कोशिश करते हैं। अब भागवत बोले हैं, हम स्वागत करते हैं। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी भागवत के कहे का हवाला देते हुए एक्स पर लिखा है, आरएसएस चीफ मोहन भागवत कहते हैं कि यहां सब बराबर हैं। इस देश की रीत ये रही है और यहां सब अपनी मर्जी से पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इससे बेहतर बयान और क्या हो सकता है। उम्मीद है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोदने वाले भी मोहन भागवत जी के बयान को मानेंगे और सम्मान करेंगे।
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