Thursday, 5 June 2025
यूक्रेन ने रूस में 4000 किमी घुसकर मारा
करीब तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन ने रविवार को रूस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला (ड्रोन) किया। इसमें यूक्रेन के अनुसार रूस के सैन्य विमान तबाह करने का दावा किया गया है। हमले से हुए नुकसान की अनुमानित लागत 1.5 अरब पाउंंड (करीब 1.72 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा बताई गई है। यूक्रेन ने इस अभियान को ऑपरेशन स्पाइडर वेब का नाम दिया। उधर रूस पर हुए इस हमले को रूस का पर्ल हार्बट कहा जा रहा है। इस बीच रूस ने भी यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला ड्रोन से किया है। 472 ड्रोन और 7 मिसालें दागी गईं। इस हमले में यूक्रेन के 12 सैनिक मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए। रूसी मीडिया और युद्ध समर्थकों ने इसे रूस के लिए एविएशन का सबसे बड़ा काला दिन बताया और पुतिन से परमाणु हमले की मांग की। ड्रोन को ट्रकों में कंटनेर के जरिए रूस के अंदर ले जाया गया। एक ट्रक मुरमांस्क के ओलेनेर्गस्क में पेट्रोल पंप पर रूका था, जहां से ड्रोन निकालकर एयरबेस की ओर बढ़े। ड्रोन एफपी की तकनीक से लैस थे और सैटेलाइट से नियंत्रित हो रहे थे। बाद में इस कंटेनर को भी उड़ा दिया गया। रूस के बेलाया एयरबेस समेत कई एयरफील्डस को निशाना बनाया गया। हमला रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र में हुआ जो यूक्रेन से 4 हजार किलोमीटर दूर है। जिन विमानों पर यूक्रेन ने हमला किया, वे परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थे। रूस की परमाणु नीति के अनुसार अगर किसी हमले से उसकी परमाणु क्षमता प्रभावित होती है तो वह परमाणु जवाब दे सकता है। इसीलिए पुतिन के समर्थक खुलेआम मांग कर रहे हैं कि रूस यूक्रेन पर परमाणु जवाबी हमला करे। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता होनी है। इससे पहले इस तरह का बड़ा हमला रूस पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा सकता है। कुछ अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार आर्कटिक में स्थित रूस के परमाणु बेस पर भी हमला हुआ है। यह बेस रूस की उत्तरी पलीर का मुख्यालय है। कोला प्रायद्वीप पर हुए विस्फोटों के बाद काले धुएं का वीडियो भी सामने आया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि वहां क्या निशाना बना। एक यूक्रेनी सैन्य अफसर ने बताया कि यह ऑपरेशन करीब डेढ़ साल की तैयारी के बाद अंजाम दिया गया। इसकी योजना खुद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की निगरानी में बनाई गई। इन हमले में इस्तेमाल ड्रोन यूक्रेन में विकसित और निर्मित थे, जो रूस की सीमा पर सटीकता से निशाना बनाने में सफल रहे। यह हमला रूसी डिफेंस को कमजोर करने के लिए था। इसके जरिए रूसी वायुसेना को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान होने का भी दावा किया जा रहा है। इस हमले में मिग और सुखोई जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान, निगरानी विमान और कुछ परिवहन विमानों को नष्ट करने की बात भी सामने आई है। रूस को जो नुकसान पहुंचा हो शायद विश्लेषक उसका आंकलन कर रहे हों या न कर रहे हों। लेकिन ऑपरेशन स्पाइडर वेब से एक महत्वपूर्ण संदेश सिर्फ न रूस बल्कि यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों को भी गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा कर रहे थे कि वह यूक्रेन-रूस युद्ध को रूकवाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। यह तो उल्टा बढ़ गया है और निहायत खतरनाक दौर में पहुंच गया है। ऊपर वाला दोनों रूस-यूक्रेन को सद्बुद्धि दे और इस युद्ध को रोकने का हरसंभव प्रयास करें।
-अनिल नरेन्द्र
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