Saturday, 4 October 2025

बंदियों की रिहाई तक बातचीत नहीं

कारगिल डेपोटिक अलायंस (केडीए) ने मंगलवार को कहा कि बंदियों की रिहाई तक केंद्र सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी। संगठन ने गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच की मांग की। वहीं केडीए ने लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के केंद्र के साथ बातचीत स्थगित करने के फैसले का भी समर्थन किया है। बीते 24 सितम्बर को हुई हिंसा में 4 लद्दाखियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए थे। मरने वालों में कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक त्सेवांग थारचिन भी शामिल थे। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि थारचिन के पिता का जो वीडियो सामने आया है। उससे पता चलता है कि पिता भी फौजी है, बेटा भी फौजी है, जिनके खून में देशभक्ति बसी है। फिर भी सरकार ने देश के वीर बेटे की गोलीमार कर जान ले ली, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो लद्दाख और अपने अधिकार के लिए खड़ा था। बता दें कि 24 सितम्बर को एलएबी द्वारा बुलाए गए बंद में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। 150 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया। आंदोलन का चेहरा बने सोनम वांगचुक को एनएसए में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में भेजा गया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने मंगलवार को कहा कि उनके पति सोनम वांगचुक को 26 सितम्बर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सोनम वांगचुक समेत अभी तक 60 भारतीयों को मैग्सायसाय अवार्ड मिला है। इनमें से 20 को भारत सरकार ने पदमश्री, पद्मभूषण भी दिया है। तो क्या सरकार एंटी नेशनल को भी ये सभी अवार्ड देती है। नवभारत टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट में डॉक्टर गीतांजलि ने सीधा सवाल किया कि अगर सोनम एंटी नेशनल थे तो यही सरकार उन्हें इतना पुरस्कृत क्यों कर रही थी। अभी एक महीने से ऐसा क्या हुआ? जो अच्छा काम कर रहा है उसको टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने अपने इंस्टीट्यूट को मिले कथित डोनेशन के बारे में कहा कि वह डोनेशन नहीं, बल्कि बाहर की यूनिवर्सिटी ने उनकी रिसर्च खरीदी थी। गीतांजलि ने कहा कि सरनेम और उनके हिमालय इंस्टीट्यूट ऑफ अल्ट्रनेटिव लद्दाख (एचआईएएल) के बारे में जो नैरेटिव फैलाया जा रहा है, वह सब सरासर गलत है। सीबीआई और आईटी से लेकर सभी को उन्होंने सुबूत दिए हैं कहीं भी कुछ नहीं मिला। गीतांजंलि ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी सिस्टम लद्दाख में दिखा तो हमारा सवाल यह है कि आपने यह सेफ्टी प्रोटोकॉल कैसे ब्रीच होने दिया? इसका जवाब हम नहीं बल्कि केन्द्राrय गृह मंत्रालय को देना चाहिए। उन्होंने सोनम के राजनीति में आने की बात को भी दरकिनार करते हुए कहा कि हर बार जब भी चुनाव आते हैं तो सभी राजनीतिक पार्टी उन्हें अप्रोच करती हैं लेकिन वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि तीन बार तो मेरे सामने ही उन्होंने इसे रिजेक्ट किया है। सरकार को हिंसा और डर की राजनीति बंद करके संवाद करना चाहिए। सोनम वांगचुक को देशद्रोही मानने को कोई भी तैयार नहीं है। जो आदमी भारतीय सेना के लिए सोलर टेंट बना सकता है ताकि हमारे सैनिक कड़ाके की ठंड से बच सकें वो देशद्रोही कैसे हो सकता है? चीन से सीधे टक्कर लेने वाले लद्दाखियों से ज्यादा देशभक्त देश में और कौन हो सकता है? आज लद्दाख में क्या स्थिति हैं भाषा की यह रिपोर्ट दर्शाती है। हितधारकों का कहना है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बड़े पैमाने बुकिंग पर रद्द होने से उद्योग को सर्वाधिक झटका लगा था, लेकिन अब लेह में हुई हिंसा से हिंसक पर्यटकों का भरोसा डगमगा गया है। एलएबी द्वारा बंद के दौरान हुई झड़पों के बाद 24 सितम्बर को लेह शहर में अनिश्चितकाल कर्फ्यू लगा दिया गया था जिसमें अब थोड़ी राहत दी गई है। लेह एपेक्स बॉडी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे में छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन कर रही है। लद्दाख में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। इस वजह से सारी बुकिंग रद्द होने लगी है और स्थायी हितकारियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री अपने कमरों में बंद हैं। केंद्र सरकार को लद्दाख की एहमियत समझनी चाहिए। वह चीन और पाकिस्तान से लगता बार्डर क्षेत्र है। लद्दाखियों ने हमेशा देश की सुरक्षा में अगली पंक्ति में भाग लिया है। केंद्र सरकार को तुरन्त शांति बहाल करनी चाहिए। सभी कैदियों को रिहाकर सारे केस वापस लेने चाहिए। ऐसा एपेक्स बॉडी का कहना है। उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्र सरकार इस ज्वलंत स्थिति का अविलम्ब समाधान करेगी। -अनिल नरेन्द्र

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