जैसे-जैसे बिहार चुनाव में मतदान की तिथि करीब आती जा रही है चुनाव में वैसे-वैसे तेजी आ रही है। जैसे मैंने कुछ दिन पहले लिखा था कि मतदान आते-आते तक बिहार चुनाव में हमें कई राउंड का दंगल नजर आएगा। यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। इसके परिणाम के दूरगामी नतीजे होंगे। न केवल इनका असर राज्यों के विधानसभा चुनाव जो निकट भविष्य में होने वाले हैं उन पर पड़ेगा बल्कि कहें की सत्ता पर भी सीधा असर पड़ सकता है। बिहार चुनाव में पहला राउंड प्रशांत किशोर ने जीता जब उन्होंने सबसे पहले अपनी पार्टी जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। अब दूसरा राउंड इंडिया यानि महागठबंधन के नाम गया है। क्योंकि उन्होंने अपना मुख्यमंत्री चेहरा सार्वजनिक कर दिया है। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव को बिहार में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया है। साथ ही महागठबंधन ने घोषणा की है कि बिहार में उनकी सरकार बनने पर एक से ज्यादा उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें से एक डिप्टी सीएम विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी होंगे। अशोक गहलोत ने कहाö तेजस्वी एक नौजवान हैं, इनका लंबा भविष्य है, जिनका लंबा भविष्य होता है जनता उसका साथ देती है। ये नौजवान हैं और कमिटमेंट रखते हैं। पिछली बार इन्होंने जो नौकरी के स्लोगन दिए थे, जो वादे किए थे उसमें खरे उतरे। इस प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव, मनोज झा, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, पवन खेड़ा, मुकेश सहनी व तमाम वाम दल के नेता मौजूद थे। इन सब नेताओं का एक साथ मंच पर होना यह संकेत देने का प्रयास था कि महागठबंधन में सब एक हैं, सब ठीक है। पिछले कुछ समय से यह संकेत मिल रहे थे कि महागठबंधन में जबरदस्त खींचतान व सीटों को लेकर टकराव है। खींचतान तो कुछ कम हुई पर सीट बंटवारे में अभी भी रार है। ऐसा माहौल बना दिया गया था जैसे महागठबंधन में आपस में फूट डालने और माहौल खराब करने के मकसद से प्रायोजित कैंपेन चलाया गया। ऐसा माहौल बना दिया गया जैसे आपस में फूट पड़ गई है। अशोक गहलोत ने हालांकि यह माना कि 243 सीटों में 5-7 सीटों पर स्थानीय नेताओं और समीकरणों के कारण कई बार फ्रैंडली फाइट जैसी स्थिति बन जाती है। यह बहुत छोटी संख्या है परन्तु इसे लेकर मीडिया में महागठबंधन के खिलाफ कैंपेन चला दिया गया। बता दें कि बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए 6 और 11 नवम्बर को वोट डाले जाएंगे और 14 नवम्बर को नतीजों का ऐलान होगा। ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन में अभी भी कुछ सीटों पर टकराव मौजूद है। 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल आमने-सामने हैं। इनमें से 6 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, यही नहीं झारखंड में कांग्रेस, आरजेडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की गठबंधन सरकार चल रही है लेकिन मांगे पूरी नहीं होने पर जेएमएम ने बिहार चुनाव से खुद को बाहर कर लिया है। अभी तो चुनाव प्रचार जोर पकड़ने वाला है। अभी तो 14 नवम्बर तक कई और राउंड होने वाले हैं। अभी तो राउंड टू ही हुआ है। जैसे-जैसे प्रचार बढ़ेगा आपको मैं स्थिति से अवगत कराता रहूंगा।
-अनिल नरेन्द्र
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