Tuesday, 13 May 2025

पाकिस्तान का भस्मासुर आसिम मुनीर


भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की सहमति शनिवार को शाम 5 बजे हुई। अभी जश्न मनाना आरंभ भी नहीं हुआ था कि इस कहानी और युद्ध विराम के तीन घंटे के अंदर पाकिस्तान ने भारत के विभिन्न राज्यों में ड्रोन हमले शुरू कर दिए और युद्ध विराम की धज्जियां उड़ा दी। पाकिस्तान ने ऐसा क्यों किया? इन पर आंकलन चल रहे हैं। पर हमारा मानना है कि इसके पीछे अगर कोई खासतौर पर जिम्मेदार है तो वह पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर और उनके सैन्य कमांडर हैं। पाकिस्तान की आतंरिक स्थिति ठीक नहीं है। क्या यह संभव है कि पाक सेना प्रमुख ने अपनी ही सरकार और प्रधानमंत्री के फैसले का विरोध करके हमले जारी रखे? जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी तो सेना प्रमुख उसका खुला उल्लंघन दर्शाता है कि पाक सेना प्रमुख प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की बात, उनके फैसले को नहीं मानते। दरअसल इस सारी लड़ाई के पीछे आसिम मुनीर ही हैं। उसने अपनी नीयत पहलगाम हमले से पहले ही जाहिर कर दी थी। जब उसने 17 अप्रैल को दिए गए अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान कश्मीर से लेकर जीवन शैली तक हर मामले में हिन्दुओं से अलग है। इस भाषण में जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। माना जा रहा है कि इसी भाषण के बाद पहलगाम हमला हुआ। इस हमले की सारी भूमिका मुनीर ने ही बनाई थी और इसको अंजाम भी उसने दिलवाया। भारत को याद रखना चाहिए कि कश्मीर पाकिस्तान के गले की नस नहीं है जैसा कि मुनीर यकीन दिलाते हैं। असल में नस तो ब्लूचिस्तान और सिंध हैं। कश्मीर तो बस उस नैरेटिव को बनाएं रखना चाहता है। अगर ऐसा न होता तो पहलगाम पर हमला क्यों करवाता जहां पर पर्यटकों को निशाना बनाकर कश्मीरियों की रोटी रोजी पर लात मार दी? कहा जा रहा है कि नवम्बर 2022 में सेना प्रमुख बने मुनीर नवम्बर 2025 के बाद किसी भी कीमत पर एक्सटेंशन पाने की जुगाड़ में हैं। भारत के साथ एक सीमांत सीमित युद्ध पर उसके खिलाफ एक बड़ा आतंकवादी हमला उन्हें उस मकसद तक पहुंचा सकता है। जाहिर है, पाकिस्तानी सेना भारत के खिलाफ सस्ते युद्ध के एक साधन के रूप में जिहाद का इस्तेमाल जारी रखने वाली है। पाकिस्तान की आतंरिक स्थिति ठीक नहीं है। इस समय पाकिस्तान में कई फैक्टर काम कर रहे हैं। चीन उसके पीछे सीधे तौर पर खड़ा होता ना दिखे पर वो अपने हथियारों के जरिए मुनीर की मदद कर रहा है। भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े युद्ध में अब खुलकर चीनी हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। लड़ाकू विमान से लेकर सर्विलांस यंत्र के साथ-साथ चीनी राइफलों का भी भारत सीमा पर इस्तेमाल हो रहा है। पाकिस्तान भारत का मुकाबला करने की कोशिश में चीन में निर्मित एसएच-15 आर्टिलरी का भी इस्तेमाल कर रहा है। इसी चाइनिज गन के सहारे पाकिस्तान भारत के पोस्ट और सीमावर्ती गांवों को निशाना बना रहा है। दूसरा फैक्टर है तुर्की पाकिस्तान ने भारत के अलग-अलग हिस्से में बड़े पैमाने पर ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है और कर रहे हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा गुरुवार की रात सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए 300 से 400 ड्रोन छोड़े गए। और ड्रोन से हमले अभी भी जारी हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की के एसिसगार्ड सोनगर ड्रोन हैं। सोनगर ड्रोंस हथियार ले जाने में सक्षम यूएवी यानि मानव रहित हवाई वाहन है जिसे तुर्की ने डिजाइन और विकसित किया। पता नहीं कि तुर्की ने कितने हजारों ड्रोन पाकिस्तान को दिए हैं जिनका पूरा इस्तेमाल जनरल मुनीर भारत के खिलाफ कर रहा है? तुर्की की सैन्य मदद के अलावा एक तीसरा फैक्टर भी पाकिस्तान में काम कर रहा है वह है हमास के लड़ाकू। कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए अब हमास भी एक्टिव है। हमास के अनुभवी कमांडर अब जैश-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर भारत पर हमले कर रहे हैं। जैश के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में हमास के लड़ाकू देखे गए हैं। जिस तरीके से भारत पर ड्रोन से हमले हो रहे हैं इसी तरह हमास इजरायल में ताबड़तोड़ हमले करता रहा है। इन हमलों के पीछे सीधे-सीधे हमास का हाथ नजर आ रहा है। इस साल 5 फरवरी को कश्मीर ]िदवस के मौके पर जैश और लश्कर के जलसे में भी हमास का पॉलिटिक्ल चीफ नजर आया था यह जलसा पीओके के रावलकोट में मनाया गया था। भारत के लिए यह एक खतरनाक और चिंताजनक संकेत हैं। कुल मिलाकर आज पाकिस्तान में सेना प्रमुख आसिम मुनीर की ही चल रही है। यह पाकिस्तान के लिए भस्मासुर साबित होगा। युद्ध विराम तोड़ने पर भारत जबरदस्त जवाबी कार्रवाई करेगा यह मुनीर जानता है। सेना में तख्ता पलट भी हो सकता है, शाहबाज शरीफ का तख्ता भी पलट सकता है। कुछ भी हो सकता है। हमें 24 घंटे चौंकन्ना रहना होगा। न हम अमेरिका पर विश्वास करें और पाकिस्तान की तो बात ही न करें। हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब देगी। जय हिंद!

-अनिल नरेन्द्र

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