Thursday, 29 May 2025

ट्रंप के पाक परस्त होने के पीछे


होने के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के व्रिप्टो कारोबार की गूंज अब पाकिस्तान पहुंच गईं है। रिपोट्र्स के मुताबिक, ट्रम्प और उनके परिवार द्वारा समर्थित व्रिप्टो फर्मो का नया ठिकाना अब पाकिस्तान बनने जा रहा है। इस वंपनी की कमान खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे सलमान शहबाज के हाथों में होगी। दुबईं में बनी एक संदिग्ध ब्लॉकचेन फर्म हाईंलैंड सिस्टम्स के जरिए यह सारा नेटवर्व खड़ा किया जा रहा है। हाईंलैंड सिस्टम्स की मदद से पाकिस्तान सरकार ब्लॉकचेन और व्रिप्टो माइनिग तकनीक विकसित करेगी। वंपनी में ट्रम्प के बेटे एरिक ट्रम्प और पाकिस्तान के टॉप मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स भी साझेदार हैं। दरअसल, ट्रम्प के करीबी निवेशक और व्रिप्टो लॉबी पहले से ही अमेरिका में रेगुलेशन की सख्ती से नाराज है। ऐसे में वे ऐसे देशों की तलाश में हैं, जहां नियम ढीले हों और सत्ता से सीधा तालमेल हो। पाकिस्तान इस समय वह गढ़ बनकर उभरा है। आर्थिक अस्थिरता और सरकार की अमेरिका के साथ संबंध सुधारने की तत्परता जैसे कारण पाक को ट्रम्प के वुनबे के लिए व्रिप्टो हब बनाने के लिए एक आदर्श देश बना रहे हैं। बता दें कि शहबाज सरकार व्रिप्टो को वैध करेंसी के रूप में मान्यता देने की भी योजना बना रही है।

वल्र्ड लिबटा फाइनेंशियल (डब्ल्यूएलएफ) ने शहबाज सरकार द्वारा गठित पाकिस्तान व्रिप्टो काउंसिल (पीकेके) से डील की है। डब्ल्यूएलएफ में ट्रम्प वुनबे की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के वुछ महीने पहले ही यह वंपनी लॉन्च हुईं थी। डब्ल्यूएलएफ ने मार्च में यूएसडी 1 नामक स्टेबलकॉइन लॉन्च किया, जो 18 हजार करोड़ के माव्रेट वैप तक पहुंच गया है। डब्ल्यूएलएफ में ट्रम्प खुद चीफ व्रिप्टो एडवोकेट हैं। उनके बेटे एरिक भी शीर्ष पोस्ट पर हैं। इसके अलावा ट्रम्प परिवार की वंपनियों के पास ट्रम्प मीमकॉइन का 80 प्रतिशत हिस्सा भी है, जिसकी वर्थ एक लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है। मेलानिया भी अलग मीमकॉइन लॉन्च कर चुकी हैं। वहीं, बेटे एरिक, दामाद जेरेड वुश्नर ने भी व्रिप्टो में बड़ा निवेश किया है। ट्रम्प वुनबे का व्रिप्टो में दांव अब उनके अचल संपत्तियों का बड़ा हिस्सा हो गया है। सलमान की अगुवाईं वाली एसएसआईं टेक्नोलॉजीज पाकिस्तान की सबसे बड़ी सोलर पैनल इंपोर्टर है। अब ये वंपनी हाईंलैंड सिस्टम्स के साथ मिलकर पाकिस्तान में व्रिप्टो माइनिग नेटवर्व तैयार करेगी। दरअसल, व्रिप्टो माइनिग में सबसे ज्यादा खर्च बिजली का होता है। इसी समस्या के समाधान के लिए एसएसआईं टेक्नोलॉजीज को इस नेटवर्व का अहम भागीदार बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, वंपनी पाकिस्तान के सिध और बलूचिस्तान में सोलर फर्म स्थापित करेगी, जिनकी बिजली से माइनिग ऑपरेशंस को चलाया जाएगा। पाकिस्तान व्रिप्टो अपनाने के मामले में अभी दुनिया में नौवें नंबर पर है। अमेरिका से व्रिप्टो ब्लॉकचेन और माइनिग तकनीक विकसित करने को लेकर हुईं डील के बाद इसमें और बढ़त के आसार हैं। अब धीरे-धीरे समझ आ रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान की ओर झुकने और भारत को दिन-रात कोसने का एक कारण। यह नहीं भूलना चाहिए कि ट्रंप के लिए सबसे बड़ा धंधा व्यापार है, पैसा है और यह जहां से भी अर्जित हो सके वे करेंगे।

——अनिल नरेन्द्र 

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