Tuesday, 22 July 2025

मानसून सत्र: टकराव के पूरे आसार

सोमवार से संसद का मानसून सत्र आरंभ हो गया है। यह 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। इस एक महीने के लंबे सत्र की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव साफ दिखता नजर आ रहा है। तैयारी दोनों तरफ से पूरी है। विपक्ष ने जहां सरकार को विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है वहीं सत्तापक्ष ने भी विपक्ष की रणनीति को कुंद करने की तैयारी पूरी कर ली है। संसद सत्र से ऐन पहले इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक शनिवार देर शाम आयोजित की गई, जिसमें मानसून सत्र को लेकर तमाम विपक्ष ने साझा रणनीति और सरकार के एजेंडे पर विस्तृत चर्चा की। मीटिंग के बाद सीनियर कांग्रेस नेता और राज्यसभा में उपनेता विपक्ष प्रमोद तिवारी ने मीडिया को बताया कि विपक्ष ने तय किया है कि आगामी सत्र में वह आठ अहम मुद्दों पर पीएम मोदी और उनकी सरकार को घेरेंगे। इनसे सवालों के जवाब मांगे जाएंगे। इनमें पहलगाम आतंकी हमला व आपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाक सीजफायर के 24 बार से ज्यादा बार दावे, बिहार में एसआईआर की कवायद, मतदान अधिकारों पर संकट, डीलिमिटेशन एससी, एसटी और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, अहमदाबाद में प्लेन दुर्घटना, अघोषित आपातकाल, सरकार की विदेश नीति जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस वर्चुअल मीटिंग में 24 दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कुल मिलाकर बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण रही। जल्द ही इंडिया गठबंधन के नेता आपस में मिलकर एक बैठक करेंगे, जिसमें वह अपनी आगामी राजनीति को धार देंगे। कांग्रेस ने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद ठीक से चले, लेकिन इसके लिए सरकार को विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में मौजूद रहना चाहिए और खुद इन सवालों का जवाब देना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि देश में लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों पर खतरा मंडरा रहा है और ऐसे में विपक्ष की भूमिका और जिम्मेदारी और भी अहम हो जाती है। विदेश नीति पर भी चर्चा होगी। वहीं पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप से लेकर बिहार में वोटर लिस्ट रिविजन जैसे मुद्दों पर सत्तापक्ष भी अपनी रणनीति पर काम कर रहा है। पावार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुई बैठक में इस पर बात हुई। इसमें सरकार के सीनियर मंत्रियों को आर्म्ड फोर्सेस की तरफ से भी ब्रीफ किया गया। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के अलग-अलग पहलुओं के बारे में स्थिति साफ की गई। राजनाथ सिंह संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बयान दे सकते हैं। रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई, जिसमें सरकार की तरफ से साफ किया कि रक्षा मंत्री ऑपरेशन सिंदूर पर बयान देंगे। बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए भी सरकार की तरफ से तैयारी है। मामला कोर्ट में है। साथ ही सत्ता पक्ष की तरफ से बार-बार कहा जाता रहा है कि यह चुनाव आयोग का फैसला है। इसी मुद्दे के बहाने भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठियों के मसले पर विपक्ष को घेरने की कोशिश करेगी। अब देखना यह है कि क्या संसद चलेगी? उधर प्रधानमंत्री तो बीच में ही विदेशी दौरे पर जा रहे हैं तो वह तो जावब नहीं देंगे। तो फिर या तो राजनाथ सिंह या फिर अमित शाह को मोर्चा संभालना पड़ेगा। पूरे सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा सभापति जगदीश धनखड़ की भूमिका भी अहम होगी। देखना होगा कि यह इस सत्र में विपक्ष को कितना एकामोडेट करते हैं? अगर पिछले सत्रों को देखा जाए तो इनके रवैये में ज्यादा ढील की उम्मीद नहीं की जा सकती। वैसे सरकार इस समय चौतरफा दबाव में है। एक तरफ विपक्ष हावी होने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी तरफ भाजपा और एनडीए के अंदर भी सब ठीक नहीं है। आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी और नितिन गडकरी बार-बार ज्वलंत मुद्दे उठा रहे हैं। सरकार हर तरफ से दबाव में है। ऐसे में यह मानसून सत्र (अगर चला) बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। देखें क्या-क्या होता है? -अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment