Saturday, 5 July 2025

ईरान का मोसाद से बदला

इजरायल के ईरान पर हमले की शुरुआत के बाद सामने आई रिपोर्ट्स से स्पष्ट संकेत मिला कि युद्ध का मोर्चा आसमान में नहीं बल्कि जमीन में भी पहले से ही खुल चुका था। काफी समय से ईरान में गहरी खुफिया और ऑपरेशन घुसपैठ के जरिए इजरायल में तैयारी कर रहा था। हालांकि, ईरानी अधिकारी पहले भी ये आशंका जता चुके हैं कि इजरायल ईरानी सुरक्षा बलों में घुसपैठ कर सकता है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इजरायल आमतौर पर मोसाद के कामकाज पर टिप्पणी नहीं करता और ईरान में चली रही कार्रवाईयों में दूसरी खुफिया एजेंसियां भी शामिल हो सकती हैं। फिर भी ऐसा माना जाता है कि मोसाद ने ईरानी जमीन पर लक्ष्यों की पहचान और ऑपरेशनों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। कई मीडिया रिपोर्ट्स और कुछ इजरायली अधिकारियों की टिप्पणियों से साफ होता है कि ईरान के भीतर एंटी-सबमरीन सिस्टम, मिसाइल गोदाम, कमांड सेंटर्स और चुनिंदा टॉप मिलिट्री और साइंटिस्टों को निशाना बनाकर एक साथ और बेहद सटीक हमले किए गए। ये हमले उन खुफिया गतिविधियों के जरिए मुमकिन हो पाए, जो काफी समय से ईरान के अंदर सक्रिय थीं। इजरायल के हमलों ने न सिर्फ ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि देश के भीतर उनकी खुफिया क्षमताओं को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया। उधर इजरायल के साथ हाल के संघर्ष के बाद ईरान में गिरफ्तारियों और मौत की सजा देने का मोसाद से बदला लेने का सिलसिला शुरू हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि इजरायल के एजेंटों ने ईरानी खुफिया सेवाओं में अभूतपूर्व ढंग से घुसपैठ कर ली है। इन अधिकारियों को इस बात का शक है कि ईरान के हाई प्रोफाइल नेताओं की जिस तरह से हत्या हुई है, उसमें इजरायली सेना को दी खुफिया एजेंटों से मिली जानकारियों का हाथ रहा होगा। इजरायल ने हाल के संघर्ष में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के कई सीनियर कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी थी। ईरानी अधिकारियों ने इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दे दी है। तेहरान ने संघर्ष विराम के एक दिन बाद जहां 3 मोसाद जासूसों को फांसी दी वहीं सेना ने 700 से अधिक इराकी संबंध रखने वाले जासूसों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा ईरान ने यह भी कहा है कि सुरक्षा एजेंसियें ने हाल के हफ्तों में तेहरान और अन्य शहरों में मोसाद एजेंटों द्वारा संचालित कई भूमिगत ड्रोन सुविधाओं को भी नष्ट कर दिया है। इन तीन मोसाद एजेंटों को ईरानी शहर उरमिया में फांसी दी गई। ईरानी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मौत की सजा को बरकरार रखा जिसके बारे में उनका कहना है कि यह व्यापाक कानूनी कार्रवाई के बाद हुआ था। तीनों लोगों की पहचान इदरीस अली, आजाद शोजाई और रसूल अहमद रसूल के रूप में हुई है। उन पर आरोप था कि तीनों लोगों ने इजरायल की मोसाद के सहयोग करके प्रतिष्ठित ईरानी हस्तियों के लिए ईरान के अंदर ही बम और विध्वंस के सामान की तस्करी की। ईरानी टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार न्यायिक रिकार्ड बताते हैं कि इन व्यक्तियों ने पड़ोसी देश में एक प्रमुख मोसाद एजेंट के माध्यम से पेय पदार्थों की तस्करी की और तदनुसार किसी ईरानी व्यक्ति की हत्या कर सकते थे। जैसा मैंने कहा ईरान ने मोसाद से बदला लेना शुरू कर दिया है और घर के अंदर दुश्मनों की सफाई शुरू कर दी है। -अनिल नरेन्द्र

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