पाकिस्तान ने अपनी सेना और इसके प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी पर बयान जारी किया है। पाकिस्तान ने कहा है कि सेना और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर जयशंकर का बयान भड़काऊ, बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना है। बता दें कि जयशंकर ने हिन्दुस्तान टाइम्स समिट के दौरान आसिम मुनीर के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि पाकिस्तान में आज जो हो रहा है वो इसके 80 साल पुराने इतिहास का प्रतिबिंब है। जयशंकर ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान में किसी न किसी तरीके से सेना ही शासन करती है। कभी सेना खुलकर काम करती है, कभी पर्दे के पीछे से। बीबीसी के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा है कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश है और उसकी सभी संस्थाएं जिनमें सशस्त्र बल भी शामिल हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा के मजबूत स्तंभ हैं। यह संस्थाएं देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता ने कहा मई 2025 के संघर्ष ने साफतौर पर पाकिस्तानी सेना की पेशेवर क्षमता और मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके संकल्प को साबित कर दिया है। कोई भी दुप्रचार अंिभयान इस सच्चाई को नकार नहीं सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की संस्थाओं और नेतृत्व को बदनाम करने की भारतीय नेतृत्व की कोशिश एक सुनियोजित दुप्रचार अभियान का हिस्सा है। इसका मकसद क्षेत्र में भारत की अस्थिर करने वाली बयानबाजी शांति और स्थिरता के प्रति भारत की गंभीरता की कमी दर्शाती है। बता दें कि हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि जिस तरह अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी जैसी बातें की जाती हैं। उसी तरह अपने सैन्य नेता और उतने अच्छे सैन्य नेता नहीं होने की बात भी की जाती है। हिन्दुस्तान टाइम्स समिट में जयशंकर से यह भी पूछा गया था कि पाकिस्तान में नए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस के हाथ में जिस तरह सत्ता का बहुत ज्यादा केंद्रीकरण देखा जा रहा है। उस पर आप क्या-क्या आंकलन है? आसिम मुनीर का इतनी गहराई से सत्ता में फंसे होने का भारत को फायदा है या नुकसान? जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए पाकिस्तानी सेना हमेशा एक वास्तविकता की तरह रही है। अगर हम बात करें फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की तो केवल हम ही नहीं उनके हाथ में भी इतनी शक्ति आने से संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित है। पाकिस्तान में हाल में हुए संविधान संशोधन को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार एजेंसी के उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने चेतावनी दी है कि 27वें संशोधन न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर कर सकती है। टर्क ने एक बयान में कहा कि यह बदलाव उन जरूरी कानूनी नियमों को भी कमजोर कर सकता है, जिनसे देश में कानून-व्यवस्था बनी रहती है। बता दें कि पाकिस्तान में हालिया संवैधानिक बदलावों के बाद अब सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में स्थापित हो गए हैं। उन्हें गत दिनों चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (सीडीएफ) बनाया गया है और इसी के साथ सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और मिसाइल नियंत्रण भी उनके हाथ आ गया है। नया तंत्र उन्हें वास्तविक परमाणु बटन का नियंत्रक बना रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार परमाणु हथियारों के नियंत्रण को इतनी स्पष्टता से सेना को सौंपा गया है कि इससे न केवल सैन्य प्रतिष्ठान की ताकत चरम पर पहुंच गई है, बल्कि जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान की राजनीति, सामरिक नीतियों और क्षेत्रीय शक्ति समीकरणों में सबसे निर्णायक और प्रभावशाली व्यक्तित्व बना दिया है।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment