Thursday, 18 December 2025

नरसंहार करने वाले पिता-पुत्र


ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार को जश्न मना रहे बान्डी बीच पर लोगों पर दो आतंकियों ने हमला कर दिया। इस दौरान 44 साल के अहमद अल अहमद ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों से भिड़ गया और कई जानें बचाई। हुआ यूं कि रविवार को सिडनी के बान्डी बीच पर यहूदियों के हनुक्का पर्व पर लोग पर्व का मजा उठा रहे थे। हनुक्का यहूदियों का सालाना त्यौहार है। इस दौरान दो बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी। गोलियों की आवाजें सुनकर बीच पर अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। इस अंधाधुंध फायरिंग में अब तक 16 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। आतंकियों की निशानदेही हो चुकी है। एपी की रिपोर्ट के अनुसार इस आतंकी घटना को अंजाम देने वाले बाप और बेटे हैं, जिनमें से एक की तो मौके पर ही मौत हो गई। आस्ट्रेलिया जांच एजेंसियों ने आरोपी के बैकग्राउंड की जांच शुरू कर दी है। शूटिंग में शामिल पिता (50 वषीय) की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसका 25 वषीय बेटा गंभीर हालत में अस्पताल में भती है, सिडनी अटैक में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। आस्ट्रेलिया की जांच एजेंसियां इस घटना को लेकर बहुत गंभीर है। अहम बात यह भी है कि हमले में शामिल पिता-पुत्र की पहचान पाकिस्तानी मूल के रूप में हुई है। वहीं अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने भी दोनों आतंकियों को पाकिस्तानी नागरिक बताया है। हमलावर पाकिस्तानी नागरिक थे और सिडनी में रह रहे थे। जांच में यह भी सामने आया है कि गोलीबारी के बाद पास ही एक सड़क पर एक कार से कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लेसिव डिवाइस यानी विस्फोटक बरामद किए गए, जिससे आशंका है कि हमले की साजिश इससे काफी ज्यादा तबाही फैलाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की थी। ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी एसियो ने पुष्टि की है कि हमलावरों में से एक पहले से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में संदिग्ध था, लेकिन उसे तत्काल खतरे के रूप में लिस्ट नहीं किया गया था। इधर दोनों आतंकी गोलियां बरसा रहे थे उधर 44 साल के अहमद अल अहमद ने अपनी जान की परवाह किए बिना हिम्मत दिखाते हुए पीछे से आतंकी पर झपट्टा मारा और उससे बंदूक छीन ली, जिससे कई लोगों को सुरक्षित निकालने का मौका मिल गया। लोग अहमद अल अहमद को ऑस्ट्रेलिया का नया हीरो कह रहे हैं। अहमद जब आतंकी साजिद से मुठभेड़ करने जा रहा था, तब उनके भाई ने उन्हें रोका था। तब उन्होंने कहा था कि अगर मुझे कुछ हुआ तो परिवार को बताना कि मैं लोगों की जान बचाते हुए मारा गया। अहमद फल-सब्जी की दुकान चलाता है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस हमले की निंदा हुई है और ऑस्ट्रेलिया की सरकार से लेकर मुस्लिम-अरब देशों की ओर से भी आतंकवाद और हिंसा के सभी रूपों को खारिज किया है। मगर यह भी सच है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना और विरोध के बावजूद किसी समुदाय से नफरत की भावना में डूबे को रोक पाना एक मुश्किल चुनौती है। यह स्वाभाविक है कि इस आतंकी हमले की वैश्विक स्तर पर निंदा होगी और शोक-संवेदनाएं व्यक्त की जाएंगी, लेकिन इतना पर्याप्त नहीं है। दुनिया भर में जिहादी आतंक का खतरा जिस तरह उभर रहा है उसका मुकाबला तभी किया जा सकता है जब पूरा विश्व समुदाय मिलकर इस उठते खतरे का ईमानदारी से सामना करे और मिलकर मुकाबला करने के लिए कदम उठाएं। बान्डी बीच के हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है। दोनों ही आतंकी पाकिस्तानी मूल के निकले। यह किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान विश्व की सबसे बड़ी आतंकी फैक्ट्री है जहां साल दर साल हजारों आतंकी तैयार किए जाते हैं। भारत तो बार-बार इस बात को कहता रहता है पर दुनिया मानने को तैयार नहीं, पहलगाम हमला भी इसी तरह के आतंकियों ने किया था पर दुनिया मानने को तैयार नहीं थी। अब तो ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में यह हमला हुआ है, अब विश्व को इस पर क्या कहना है?
-अनिल नरेन्द्र

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