Wednesday, 11 May 2022

अमेरिकी खुफिया सेवा की सुरक्षा में सेंध

घटना थोड़ी पुरानी जरूर है पर है बहुत महत्वपूर्ण। अमेरिका में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के दो जासूस गिरफ्तार किए गए। दोनों अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा संचालन करने वाली सीकेट सर्विस सहित खुफिया और सुरक्षा तंत्र में सेंध लगा चुके थे। दुनिया की सबसे तेजतर्रार एजेंसी में सेंध से सनसनी फैल गई। सेंध पर एक नजर। सीकेट सर्विस को 2012 से 2017 तक व्हाइट हाउस में कई सुरक्षा चूक का सामना करना पड़ा। 2014 में एक घुसपैठिया बाढ़ से कूद कर व्हाइट हाउस में घुस गया था। बाद में पकड़ा गया। 2020 में फ्लोरिडा स्थित डोनाल्ड ट्रंप के रिसोर्ट में तीन युवा एके-47 राइफल के साथ घुस गए थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 2019 में चीन की यूजियांग डोनाल्ड ट्रंप के रिसोर्ट में अवैध रूप से दाखिल होने पर गिरफ्तार कर लिए गए थे। 2019 में चीन के शंघाई की रहने वाली एक अधेड़ महिला भी ट्रंप के रिसोर्ट तक पहुंच गई थी। उसने कुछ फोटो भी लिए थे। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया था। वाशिंगटन डीसी में रहने वाले 40 वर्षीय एरियन लाहेरजादेह और 35 वर्षीय हैदर अली सीकेट सर्विस का एजेंट बनकर जासूसी कर रहे थे। जासूसों ने एफबीआई, नौसेना और रक्षा अधिकारियों को भी झांसा दिया था। दोनों व्हाइट हाउस और पेंटागन के संवेदनशील दस्तावेज चुराने की फिराक में थे। इनके पास से आईफोन, सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, टीवी, असाल्ट राइफल, जेनेरेटर बरामद हुए हैं। इससे पता चलता है कि खतरा कितना बड़ा था। वाशिंगटन डीसी में यह जासूस जहां रहते थे, उस अपार्टमेंट में वीडियो सर्विलांस पर लगा रखा था। वहां रहने वाले इनके झांसे में आ चुके थे और वह किसी का भी फोन इस्तेमाल कर सकते थे। यह अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को महंगे गिफ्ट देते रहते थे। तारजादेह ने बाइडन की सुरक्षा में लगे एजेंट को 2000 डॉलर की असाल्ट राइफल खरीदने की पेशकश की थी। जासूसी के सम्पर्प वाले अपने चार एजेंटों को निलंबित करना पड़ा। कौन है आरोपी? एरियन और हैदर को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने खुद को अमेरिकी अधिकारी कहकर गलत पहचान बताई और अमेरिका की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की। तारजादेह और अली का पर्दाफाश तब हुआ जब उन्होंने एक हमले की जांच कर रहे अमेरिकी डाक निरीक्षक को कानून प्रवर्तन के सदस्य होने के बारे में झूठा बयान दिया। 1865 में गठित हुई यूएस सीकेट सर्विस का 1901 से राष्ट्रपति की सुरक्षा में पूर्णकालिक तैनाती की गई। -अनिल नरेन्द्र

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