Saturday, 14 May 2022

ताज महल या तेजो महालय?

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई थी। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आगरा में ताज महल के अंदर 22 कमरे खोलने का निर्देश देने की मांग की गई। जिसमें यह पता लगाया जा सके कि वहां हिन्दू मूर्तियों और शिलालेख हैं या नहीं? यह याचिका भाजपा के अयोध्या जिले के मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह की तरफ से दाखिल की गई थी। याचिका में ताज महल को तेजो महालय बताते हुए सरकार से तथ्य खोज समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि ताज महल परिसर का सर्वेक्षण जरूरी है, जिसमें शिव मंदिर होने की वास्तविकता का पता लगाया जा सके। समिति इन कमरों की जांच करे, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके कि वहां हिन्दू मूर्तियां या धर्मग्रंथों से संबंधित सुबूत हैं या नहीं? इतिहासकारों का हवाला भी दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि ताज महल की चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं, जो स्थायी रूप से बंद हैं। पीएनओक और कई इतिहासकारों का मानना है कि उन कमरों में शिव का मंदिर है। हालांकि यह कमरे पहले कभी खुले हैं या नहीं? इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। ताज महल के लंबे समय से हिन्दुवादी संगठन तेजो महालय होने का दावा कर रहे हैं। कई हिन्दुवादी संगठनों की ओर से सावन में ताज महल में शिव आरती करने का प्रयास भी किया गया है। पिछले दिनों जगद्गुरु परमहंस साची भी ताज महल को तेजो महालय होने के दावे के साथ शिव पूजा करने की बात पर अड़े हुए थे। यह काफी विवाद का विषय बना था।

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