Thursday 12 May 2022

टेनी अगर संयम बरतता तो किसानों की जान न जाती

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्प टेनी के आशीष मिश्र उर्प मोनू की कथित संलिप्तता वाली लखीमपुर खीरी हिंसा के चार आरोपियोंöलवकुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। इस बीच आशीष मिश्र की जमानत याचिका पर सुनवाई 25 मई तक के लिए टाल दी गई। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने चारों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि यह सभी मुख्य आरोपी आशीष के साथ सक्रिय रूप से योजना बनाने एवं इस जघन्य अपराध को अंजाम देने में शामिल रहे हैं। अदालत ने कहा कि मामले के सभी आरोपी राजनीतिक रूप से अत्याधिक प्रभावशाली हैं। अत जमानत पर छूटने के बाद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। पीठ ने एसआईटी (विशेष जांच दल) के इस निष्कर्ष को भी ध्यान में रखा कि यदि केंद्रीय मंत्री टेनी ने कुछ दिन पहले किसानों के खिलाफ जनता के बीच कुछ कटु वक्तव्य न दिए होते तो ऐसी घटना न होती। पीठ ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे हुए राजनीतिक व्यक्तियों को भी जनता के बीच मर्यादित भाषा में बयान देने चाहिए और उन्हें अपने पदों की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। अपने आदेश में पीठ ने कहा कि जब उस क्षेत्र में धारा 144 लागू थी तो केंद्रीय मंत्री के गांव में कुश्ती प्रतियोगिता को रद्द न किया जाना प्रशासनिक अनदेखी है। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि उपमुख्यमंत्री को क्षेत्र में धारा 144 लागू होने का ज्ञान न रहा होगा तो भी केंद्रीय मंत्री ने कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल होने का निर्णय लिया। दूसरी ओर मामले के मुख्य आरोपी आशीष की जमानत अर्जी जस्टिस कृष्ण बहल की एकल पीठ के सामने लगी थी, किन्तु उस पर सुनवाई नहीं की गई। गौरतलब है कि आशीष की मंजूर जमानत उच्चतम न्यायालय ने 18 अप्रैल को खारिज कर दी थी तथा मामले को वापस उच्च न्यायालय को नए सिरे से सुनवाई के लिए पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना तब हुई जब केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना से गुस्साए किसानों ने चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। -अनिल नरेन्द्र

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