Thursday, 10 April 2025

ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में विरोध

जहां लगभग सारी दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध हो रहा है वहीं उनके अपने देश अमेरिका में भी अब जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रंप के खिलाफ आलम यह है कि पिछले दिनों एक डेपोट सीनेटर ने अमेरिकी कांग्रेस में सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड बनाया। सीनेटर, कोरी बुकर सीनेट में लगातार 25 घंटे से अधिक समय तक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बोले। उन्होंने सोमवार शाम को अपना भाषण शुरू किया और मंगलवार शाम को समाप्त किया। बिना किसी ब्रेक के। एक व्याख्यान पीठ पर खड़े होकर दिए गए भाषण में असाधारण सहनशक्ति का प्रदर्शन किया। उन्होंने सीनेट के उस नीयत का लाभ उठाया जो सीनेटरों को ट्रंप की नीतियों के खिलाफ अभियान चलाने और उनकी छवि बनाने के लिए समय सीमा के बिना अनुमति देना है। अपने भाषण में कई जगहों पर नागरिक अधिकार नेता जॉन लुईस का हवाला देते हुए उन्होंने अंत में अपने शब्दों को दोहराया, अपनी परेशानी में पड़े। जरूरी परेशानी में पड़ने और अमेरिका की आत्मा को बचाने में मदद करो। वहीं दो दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के खिलाफ अमेरिका के सभी 50 राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको में भी प्रदर्शन आयोजित किया गया। इसमें 150 कार्यकर्ता समूहों ने विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया, जिसमें वाशिंगटन डीसी और राष्ट्रपति के फ्लोरिडा के पास बहुत संख्या में लोग शामिल हुए। हैंड्स ऑफ का नारा लगाते हुए भीड़ ट्रंप और सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के निदेशक एलन मस्क के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हैंड्स ऑफ का मतलब हमारे अधिकारों से दूर रहो। इस नारे का मकसद यह जताना है कि प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि उनके अधिकारों पर किसी का नियंत्रण हो। ट्रंप प्रशासन और डीओजीई के आलोचकों ने बजट कटौती और कर्मचारी बर्खास्तगी के माध्यम से संघीय सरकार के अधिकार और आकार को कम करने के प्रयासों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं। व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि 50 से अधिक देशों ने टैरिफ को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की मांग की है, ताकि अमेरिका का निर्यात टैरिफ को कम किया जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नई टैरिफ नीति के ऐलान के बाद दुनिया भर में खलबली मच गई है। प्रभावी देश इनसे निपटने की तैयारी में जुट गए हैं और उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति की इस योजना की आलोचना की है। कुल मिलाकर अमेरिका के अंदर और बाहर सभी जगह ट्रंप की नीतियों का विरोध हो रहा है। अमेरिका के प्रदर्शनों में लाखों लोगों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किए। नारे करने की बात यह है कि इतनी संख्या में सड़कों पर उतरने के बाद भी कहीं भी हिंसा नहीं हुई और न ही कोई गिरफ्तारी ही हुई। सब शांति से निपट गया। अमेरिका के अंदर ट्रंप और एलन मस्क का विरोध बढ़ता जा रहा है और लोग अपने को कोस रहे हैं कि उन्होंने कैसे खुराफाती इंसान को अपने देश की बागडोर संभाल दी है।

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