Tuesday, 8 April 2025

जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकी घटनाएं

भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में पिछले दो हफ्ते से चरमपंथ विरोधी अभियान जारी है। इस चरमपंथ विरोधी अभियान में अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के 4 जवान शहीद हो चुके हैं और 5 घायल हो चुके हैं। दो चरमपंथियों को मार गिराया गया है। अभियान कठुआ के कई इलाकों में सुरक्षाकर्मी चला रहे हैं और इस अभियान की जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी और आईजी खुद निगरानी कर रहे हैं। ऑपरेशन के दूसरे दिन पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात की एक तस्वीर मीडिया में आई है। उस तस्वीर में डीजीपी खुद हाथ में एके-47 लेकर सर्च अभियान में शामिल नजर आए थे। बीते तीस सालों में ऐसा पहली बार देखा गया जब पुलिस के डीजीपी पद के अधिकारी ने खुद सर्च ऑपरेशन में हिस्सा लिया हो। जब तक सभी चरमपंथी मारे नहीं जाते तब तक यह अभियान जारी रहेगा। यह अभियान ऐसी जगह चलाया जा रहा है जो पूरा इलाका जंगलों से घिरा है, जिस वजह से समय लग रहा है और मुश्किलें आ रही हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये 5 चरमपंथियों का ग्रुप था जो पहले एक साथ थे और पहली मुठभेड़ के बाद से अलग हो गए। उनका कहना था कि दो तो मारे जा चुके हैं और तीन जो बाकी हैं उनके खिलाफ यह अभियान चलाया जा रहा है, उनका यह भी कहना था कि घने जंगलों और बड़ी-बड़ी चट्टानों की वजह से उन तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं और घने जंगलों की वजह से ड्रोन्स से भी कोई खास मदद नहीं मिल सकती है। ये पूछने पर कि अभी इस अभियान में और कितना समय लग सकता है तो उनका कहना था कि इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। ये बात सच है कि पिछले दो सप्ताह से अभियान चलाया जा रहा है और अभी तक पूरी कामयाबी नहीं मिली है। जम्मू में बीते चार सालों से (साल 2021) से एक के बाद एक चरमपंथी घटनाएं हो रही हैं। इससे पहले जम्मू दशकों तक शांत रहा। लेकिन धीरे-धीरे चरमपंथ ने जम्मू के दूसरे इलाकों में भी अपना सिर उठाना शुरू कर दिया। हालांकि साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक पूरे जम्मू-कश्मीर में साल 2021 की तुलना में साल 2024 में घटनाएं कम हुई हैं, साल 2021 में जम्मू-कश्मीर में कुछ घटनाओं की संख्या 153 थी, जबकि साल 2024 में दो घटनाएं दर्ज हुई हैं। -अनिल नरेन्द्र

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