Thursday, 14 March 2024
अरुण गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया?
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने में अब वुछ ही दिन बाकी रह गए हैं, लेकिन उससे पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में इस बात की जानकारी दी गईं कि राष्ट्रपति ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। यह नौ मार्च से प्राभावी हो गया है। गोयल का कार्यंकाल पांच दिसम्बर 2027 तक था और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईंसी) राजीव वुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद वे अगले साल फरवरी में संभवत: सीईंसी का पदभार संभालते। इसी के साथ चुनाव आयोग में इस समय सिर्प मुख्य चुनाव आयुक्त ही बचे हैं। चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्त और एक मुख्य चुनाव आयुक्त होते हैं। एक चुनाव आयुक्त का पद पहले से ही खाली था तो अब अरुण गोयल के जाने से सिर्प मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव वुमार ही बचे हैं। तत्काल यह पता नहीं चल पाया है कि गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया? उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग (ईंसी) चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए देश भर में यात्रा कर रहा था और वुछ दिनों में लोकसभा चुनाव के कार्यंव््राम की घोषणा होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में गोयल ने हाल में तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रादेश और पािम बंगाल के दौरे किए थे। बंगाल के दौरे से लौटने के बाद गोयल ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव वुमार की अगुवाईं में चुनाव आयोग के द्वारा बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। तब एक अधिकारी ने कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से गोयल इसमें हिस्सा नहीं ले सके। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर बने नए कानून के अनुसार कानून मंत्री की अध्यक्षता में दो वेंद्रीय सचिवों वाली एक खोज समिति पांच नामों का चयन करेगी। फिर एक चयन समिति नाम को अंतिम रूप देगी। प्राधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में उनके (प्राधानमंत्री) द्वारा नामित एक वेंद्रीय मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता या सदन में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होंगे। विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीपे को लेकर तरह-तरह के सवाल दागकर सियासी गमा बढ़ा दी है। इस्तीपे के पीछे सरकार के दबाव से लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव वुमार से उनके मतभेद की खबरों के बीच विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्ष भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रोस समेत विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा है कि अरुण गोयल ने मोदी सरकार या मुख्य चुनाव आयुक्त जिसके साथ मतभेद के कारण इतना बड़ा कदम उठाया, जबकि उनका कार्यंकाल अभी चार साल बाकी था और मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की लाइन में थे। कांग्रोस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने तो गोयल के इस्तीपे की खबर आने के तत्काल बाद शनिवार रात ही इस पर सवाल उठाए तो एसोसिएशन फार डेमोव््रोटिक रिफाम्र्स ने कहा अरुण गोयल के इस्तीपे से पता चलता है कि वह ऊपर खाते किस दबाव में काम कर रहे थे।
कांग्रोस का कहना था क्या वास्तव में स्वतंत्र होकर काम करने के प्रायास में चुनाव आयुक्त या मोदी सरकार के साथ मतभेदों या व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया गया है? टीएमसी प्रावक्ता ने कहा कि पद बीच में छोड़ कर इस्तीफा देने के पीछे इस अचानक रहस्य की वजह क्या है? इस्तीफे के कारण का जल्द खुलासा होगा।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment