Saturday, 23 March 2024

पुतिन की रिकार्ड तोड़ जीत

ब्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए हैं। अब उनका कार्यंकाल 2030 तक के लिए होगा। इस चुनाव में पुतिन को रिकार्ड 87 फीसदी वोट मिले। इसके पहले चुनाव में उन्हें 76.7 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि उनके सामने कोईं मजबूत प्रातिद्वंद्वी नहीं था। क्योंकि क्रेमलिन रूस के राजनीतिक तंत्र, मीडिया और चुनाव पर कठोर नियंत्रण रखता है। पािमी देशों के कईं नेताओं ने इस चुनाव की आलोचना की है। उनका कहना है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं हुए। चुनाव की आलोचना करने वालों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी शामिल हैं। उन्होंने पुतिन को ऐसा तानाशाह बताया है, जिस पर सत्ता का नशा हावी है। 71 साल के हो चुके पुतिन 1999 में पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे। जो जोसेफ स्टालिन के बाद रूस पर शासन करने वाले दूसरे नेता हैं। वो स्टालिन का भी रिकार्ड तोड़ देंगे। यूक्रेन के साथ रूस का युद्ध तीसरे साल में प्रावेश कर गया है। इस युद्ध में रूसियों की मौत लगातार हो रही है। वहीं इस युद्ध की वजह से पािम के देशों में रूस को अलग-थलग कर दिया है। पत्रकार ओद्रेईं सोलातोव निर्वासन में लंदन में रह रहे हैं। उन्हें 2020 में रूस छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। वह कहते हैं कि पुतिन जानते हैं कि देश में होने वाली हर तरह की राजनीतिक चर्चा को वैसे दबाया जाए। वह कहते हैं कि पुतिन इसमें बहुत अच्छे हैं। वह अपने राजनीतिक विरोधियों को हटाने में सच में बहुत अच्छे हैं। 2024 के चुनाव के मतपत्र पर केवल तीन अन्य उम्मीदवारों के नाम थे। इनमें से कोईं भी पुतिन के लिए वास्तविक चुनौती साबित नहीं हुआ। उन सभी ने राष्ट्रपति और यूक्रेन में जारी युद्ध दोनों के लिए समर्थन दिया। राष्ट्रपति के वास्तविक खतरों को या तो जेल में डाल दिया गया है या मार दिया गया है या किसी अन्य तरीके से हटा दिया गया है। हालांकि क्रेमलिन इसमें किसी भी तरह से शामिल होने से इंकार करता है। राष्ट्रपति चुनाव शुरू होने से ठीक एक महीने पहले पुतिन के सबसे कट्टर प्रातिद्वंद्वी 47 साल के एलेक्सी नवेलनी की जेल में मौत हो गईं थी। उल्लेखनीय है कि 1999 में तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के इस्तीपे के बाद पुतिन पहली बार कार्यंवाहक राष्ट्रपति बने और फिर 2000 में राष्ट्रपति बने थे। संवैधानिक बाधता के चलते जब 2008 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा, तब उन्होंने अपने साथी दिमित्री मेदवेदवे को राष्ट्रपति बनाया और खुद देश के प्राधानमंत्री बन गए। संविधान संशोधन के जरिए पुतिन फिर 2012 और 2018 में राष्ट्रपति बने। फिर 2020 में किए गए संविधान संशोधन में उनका 2036 तक राष्ट्रपति बनने का मार्ग खुल गया है। जाहिर है कि ज्यादातर तानाशाहों की तरह पुतिन भी लंबे समय तक सत्ता में रहना चाहते हैं। चुनाव परिणामों के तुरन्त बाद पुतिन ने अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पािमी देशों ने यूक्रेन में अपनी सेना तैनात की तो तीसरा विश्व युद्ध अवश्यभावी है। रूसी राष्ट्रपति की यह बड़ी चेतावनी पर प्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो के उस बयान के संदर्भ में आया जिसमें उन्होंने यूक्रेन में प्रांस और नाटो के सैनिकों को तैनात करने के बारे में कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पुतिन को क्रूर, हत्यारा, तानाशाह और युद्ध अपराधी बताया था। पुतिन अगले कईं वर्षो तक मजबूती के साथ सत्ता में बने रहेंगे और अमेरिका व पािमी देशों को इस बात का ध्यान रखना होगा।

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