Saturday, 2 March 2024

आप-कांग्रेस गठबंधन से भाजपा सतर्क


राजधानी में आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन से भाजपा नेतृत्व सतर्क हो गया है। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में योग्य प्रत्याशियों की तलाश शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) ने तो अपने चार लोकसभा प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर दिए हैं। दिल्ली की सातों सीटों पर पुन जीत का लक्ष्य रखते हुए योग्य प्रत्याशियों के चयन के लिए संबंधित संसदीय क्षेत्र के पदाधिकारियों से बात कर रिपोर्ट बनाई जा रही है। नमो एप पर सांसदों के कामकाज को लेकर आम जनता से प्रतिक्रिया ली जा रही है। इसे भी टिकट बंटवारे का आधार बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और जनता से दूरी बनाने वाले सांसदों की मुश्किल बढ़ सकती है। आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन होने से लोकसभा चुनाव में लड़ाई आमने-सामने की हो गई है। इसे ध्यान में रखकर पार्टी प्रत्याशियों का चयन करेगी। कई सांसदों को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के साथ उनके संबंध एवं क्षेत्र में उनकी सक्रियता की जानकारी एकत्रित की जा रही है। खबर है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर संभावित प्रत्याशियों के नाम के सुझाव के लिए प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में रायशुमारी की गई है। प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी को ऑब्जर्वर बनाया गया था। रायशुमारी करने वालों में पिछली बार विधानसभा चुनाव लड़े भाजपा प्रत्याशी, एमसीडी पार्षद, जिला अध्यक्ष, निवर्तमान जिलाध्यक्ष और जिला महामंत्री शामिल रहे। प्रत्येक लोकसभा सीट से 4 या 5 लोगों के नाम का सुझाव दिया था। लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह इतना अधिक था कि इससे अधिक नामों का सुझाव दिया गया। कुल मिलाकर 40-50 नामों के सुझाव मिले हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली संसदीय सीट के लिए संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार करने के लिए वेद व्यास महाजन और प्रदेश महामंत्री कवलजीत सहरावत को ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया था। सूत्रों का कहना है कि यहां से जिन नामों के सुझाव मिले हैं उनमें दो चर्चित नाम हैं इनमें से एक केन्द्राrय मंत्री का भी नाम है। नार्थ-ईस्ट दिल्ली संसदीय क्षेत्र में संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार करने के लिए प्रदेश मंत्री हरीष खुराना और प्रदेश महामंत्री योगेश चंदोलिया को ऑब्जर्वर बनाया गया था। प्रत्येक संसदीय सीट पर संभावितों के नाम के सुझाव देने के लिए 15 से 18 लोगों के टीम बनाई गई थी। ईस्ट दिल्ली संसदीय क्षेत्र के लिए ऑब्जर्वर पूर्व मेयर राजा इकबाल सिंह व अन्य एक पदाधिकारी को बनाया गया था। साउथ दिल्ली सीट के लिए ऑब्जर्वर अशोक देवराहा और जयभगवान अग्रवाल को बनाया गया था। सभी सातों सीटों के लिए कुल मिलाकर 40-45 नामों के सुझाव आए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार सातों सीटों से जितने नाम लोगों के आए हैं, उन नामों की सूची एक पैकेट में प्रदेश अध्यक्ष को भेज दी गई है। यहां से ये लिस्ट प्रदेश प्रभारी को भेजी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक प्रभारी नामों की सूची केन्द्राrय नेतृत्व को भेजेंगे। इसमें देखने वाली बात यह है कि दिल्ली में 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट के प्रत्याशी बदले गए थे। फिलहाल अंतिम मोहर लगने से पहले तक वर्तमान सांसद भी आश्वस्त नहीं हैं कि उन्हें इस बार टिकट मिलेगी भी या नहीं।

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