Tuesday, 18 April 2023
बाल विवाह निषेध कानून
सुप्रीम कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों को लागू करने के लिए वेंद्र के उठाए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सीजेआईं डीवाईं चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने वेंद्र सरकार से इस मुद्दे पर विभिन्न राज्यों के आंकड़ों को समेटने और उसके समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। पीठ सोसाइटी फॉर एनलाइटनमेंट एंड वालंटरी एक्शन की जनहित याचिका पर सुनवाईं कर रही थी। इसमें दावा किया गया कि बाल विवाह के एक सदी पहले बंद किए जाने और 2006 में नया कानून बनने के बावजूद 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी कराईं जा रही है। वेंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा—महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल तक बढ़ाने के प्रावधान वाला एक बिल 2001 में स्थायी समिति के पास लंबित है। इस पर पीठ ने कहा—यह बिल भी बाल विवाह निषेध अधिनियम के कार्यांन्वयन के मुद्दे को संबंधित नहीं करेगा। हम मंत्रालय को बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए अब तक उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हैं।
——अनिल नरेन्द्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment