Tuesday 18 April 2023

दया याचिकाओं में देरी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा—मौत की सजा पाए दोषी दया याचिकाओं पर पैसला होने में अत्याधिक देरी का फायदा उठा रहे हैं। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों और इन याचिकाओं को देखने वाले अधिकारियों से इन पर जल्द पैसला लेने का निर्देश दिया। जस्टिस एमआर शाह व जस्टिस सीटी रविवुमार की पीठ ने कहा—शीर्ष अदालत के अंतिम निष्कर्ष के बाद भी दया याचिका पर पैसला नहीं करने में अत्याधिक देरी हुईं है। इससे मौत की सजा का उद्देश्य विफल हो जाएगा। इसलिए जरूरी है कि राज्य सरकार और इन मामलों को देखने वाले अधिकारी पूरी कोशिश करें कि दया याचिकाओं पर जल्द से जल्द निपटारा हो। ताकि आरोपी को भी अपना हश्र पता चल सके और पीिड़त को न्याय भी मिल सके। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी महाराष्ट्र सरकार की बॉम्बे हाईं कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर आईं। हाईं कोर्ट ने एक महिला और उसकी बहन को दी गईं मौत की सजा को आजीवन कारावास में इस आधार पर बदल दिया था कि राज्यपाल की ओर से अभियुक्तों की दया याचिकाओं पर पैसला नहीं करने में एक अमान्य और अस्पष्ट देरी हुईं थी। दया याचिका लगभग सात साल 10 महीने तक लंबित रही थी। यही नहीं माननीय राष्ट्रपति के पास बहुत सी दया याचिकाएं पड़ी हुईं हैं जिन पर पैसला होना बाकी है। दया याचिकाओं के निपटारे के लिए एक समय सीमा तय होनी चाहिए।

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