Tuesday, 25 April 2023
अमरनाथ यात्रा से पहले दहशत पैलाना
पुंछ में सेना के उस वाहन को आतंकियों द्वारा हथगोला और रॉकेटों से उड़ा दिया। इस घटना के बाद सेना गुस्साईं हुईं है जिसमें सवार सैनिक रमजान के महीने में रोजा रखने वालों के लिए सामान लेकर जा रहे थे। इस हमले में पांच से सात आतंकी शामिल थे। सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की पड़ताल में यह सामने आया है। सूत्रों के अनुसार इनमें से चार आतंकी सीमापार यानि पाकिस्तान के हैं, जिन्होंने अपने पाकिस्तानी हैंडलरों के जरिये स्थानीय आतंकियों को शामिल कर करतूत को अंजाम दिया।
इस इनपुट के आधार पर पुंछ हमले के जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईंए) को सौंप दी गईं है। एनआईंए टीम का नेतृत्व डीआईंजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। सेना के बकौल सात से 10 पाक पस्त आतंकियों के दो गुटों ने इस वृत्य को अंजाम दिया है। जिनको ढेर करने की खातिर भट्टा दुराईं इलाके में सैकड़ों की संख्या में जवानों को उतारा गया है। उनकी मदद को न सिर्प खोजी वुत्ते, ड्रोन और लड़ावू हथियार लगाए गए हैं, बल्कि एनआईंए की टीम भी पहुंची है। इतना जरूर था कि इस वृत्य के खिलाफ पूरा जम्मूकश्मीर उबाल पर है और जगह-जगह पाकिस्तान विरोधी प्रादर्शनों की खबरें हैं। रक्षा सूत्रों ने इसे माना है कि हमले में वह ही आतंकी शामिल हैं जो पिछले करीब डेढ़ साल से इस इलाके में एक्टिव हैं और एक बार अक्तूबर 2021 में वह सेना के सैकड़ों जवानों को 20 से अधिक दिनों तक थका चुका है। तब भी सेना के नौ जवान मारे गए थे। हमले के बाद इलाके में हाईं अलर्ट जारी करने के साथ ही इस मार्ग पर आवाजाही बंद की जा चुकी है।
जबकि स्थानीय लोगों को तब तक घरों से बाहर न घूमने के निर्देश जारी किए गए हैं जब तक तलाशी अभियान समाप्त नहीं हो जाता है। पुंछ की इस घटना के बाद पूरा देश उबाल पर भी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आतंकियों ने सेना के वाहन पर पहले एक तरफ से फायरिग की, अफरातफरी मचने पर दूसरी तरफ और पीछे से भी फायरिग शुरू कर दी। स्टिकी बम (एंटी टैंक) को इस्तेमाल भी किया गया। सूत्रों के अनुसार सेना के वाहनों पर हमले का यह तरीका पूवरेतर के उग्रावादी संगठनों जैसा है। कश्मीर में संभवत: पहली बार सामने आया है। पुंछ के भट्टा दुराईं क्षेत्र में अक्तूबर 2021 में भी सेना पर आतंकियों ने हमला किया था। इसमें भी सेना के चार जवान शहीद हुए थे। लगभग एक पखवाड़े तक सर्च ऑपरेशन भी चला था। लेकिन अब तक कोईं गिरफ्तारी नहीं हो पाईं। दरअसल भट्टा दुराईं में घने जंगल हैं। यहां छिपने की कईं गुफानुमां जगह है। हालांकि एलओसी से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर है। वारदात के बाद सीमा के उस पार भागना आसान है। राजाैरी और पुंछ में अभी गजनवी फोर्स का आतंक है।
जैश के पिछलग्गू संगठन पीएएफएफ ने वारदात का जिम्मा लिया है, लेकिन आशंका है कि इसके पीछे लश्कर का हाथ हो सकता है। अमरनाथ यात्रा से पहले आमजन में दहशत पैदा करने की नीयत से इसे अंजाम दिया गया है।
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