Thursday 13 April 2023
भिडरावाले जैसा दिखने का जुनून
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रामुख अमृतपाल सिह अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। इसी बीच उसे लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। अमृतपाल ने भारत आने से पहले भिडरावाले की तरह दिखने के लिए अमेरिका के जॉर्जिया में सर्जरी कराईं थी। इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि अमृतपाल के साथियों ने किया है, जो फिलहाल डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। सूत्रों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक के साथियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि अमृतपाल करीब दो महीने तक जॉर्जिया में रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने खुलासा किया है कि अमृतपाल ने यह सर्जरी भिडरावाले की तरह दिखने के उद्देश्य से कराईं थी। अमृतपाल 18 मार्च से फरार है। उसके चाचा हरजीत सिह और दलजीत सिह कलसी समेत उसके आठ करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ भेजा जा चुका है। हाल ही में खुफिया अधिकारियों की एक टीम उनसे पूछताछ करने वहां गईं थी, जहां से सनसनीखेज खुलासा हुआ। पंजाब में पिछले वुछ दिनों से उसे जरनैल सिह भिडरावाले-2.0 तक कहा जा रहा है। दरअसल भिडरावाले ने 1980 के दशक में सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग उठाईं थी और पूरे पंजाब में कोहराम मचा दिया था। ठीक उसी तर्ज पर अमृतपाल सिह पर तुलनात्मक रूप से भारी पगड़ी बांधता है और भीड़ को उकसाने वाले बयान देकर माहौल गरम कर देता है। पाक खुफिया एजेंसी आईंएसआईं के इशारे पर गत 29 सितम्बर 2022 को वारिस पंजाब दे संगठन की पहली वर्षगांठ पर मोंगा जिले के रोडे गांव में एक बड़ा कार्यंव््राम आयोजित किया गया था। इसी प्राोग्राम में अमृतपाल को संगठन का प्रामुख नियुक्त किया गया था। माना जाता है कि कार्यंव््राम स्थल का चयन काफी रणनीतिक था, क्योंकि यह जरनैल सिह भिडरावाले का पैतृक गांव है। भिडरावाले की तरह अमृतपाल भी नीली गोल पगड़ी पहनता है। अपने सपेद कपड़ों में एक छोटी-सी वृपाण रखता है और भड़काऊ भाषण भी देता है। इससे कट्टरपंथी सिख युवाओं के बीच लोकप््िराय हो रहा है। अमृतपाल सिह जो संगठन वारिस पंजाब दे संचालित करता है, वो एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था। बाद में 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गईं थी। दीप सिद्धू किसान आंदोलन में सव््िराय रहा और लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने से चर्चा में आया था। दीप सिद्धू के निधन के बाद इस संगठन की कमान वुछ महीने पहले ही दुबईं से लौटे अमृतपाल सिह ने संभाल ली और वो इसका प्रामुख बन गया। उसने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाईं थी। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिह ने वारिस पंजाब दे वेबसाइट बनाईं और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया।
——अनिल नरेन्द्र
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