Thursday, 20 April 2023
मिलिए अतीक के हत्यारों से
वुख्यात अपराधी अतीक को सबके सामने गोली मारने वाले लड़कों की खुद की हिस्ट्री है। इन तीन हत्यारों ने पुलिस, मीडिया के सामने अतीक और उसके भाईं अशरफ को गोलियों से भून दिया। मौके पर पुलिस ने तीनों को दबोच लिया। लवलेश तिवारी, मोहित उर्प सन्नी और अरुण मौर्यं उर्प कालिया, तीनों के खिलाफ कईं आपराधिक मामले चल रहे हैं। लवलेश तिवारी, बांदा नगर कोतवाली क्षेत्र के क्यातेरा इलाके का रहने वाला है और उसका परिवार किराये के मकान में रहता है। उसके पिता का नाम यज्ञ तिवारी है और वह एक निजी स्वूल में बस चलाते हैं। लवलेश की मां का नाम आशा तिवारी है। लवलेश चार भाइयों में तीसरे नम्बर पर है। लखनऊ विश्वविदृालय में पहले वर्ष में विफलता के बाद लवलेश ने पढ़ाईं छोड़ दी थी।
लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी की मानें तो लवलेश ने दो साल पहले ही एक लड़की को बीच चौराहे पर थप्पड़ मार दिया था। लवलेश तिवारी के ऊपर चार मुकदमे दर्ज हैं। हमीरपुर जिले के वुरारा थाना क्षेत्र के वार्ड नम्बर 11 कस्बा वुरारा निवासी मोहित सिह उर्प सन्नी का पुराना आपराधिक इतिहास लूट, आयुद्ध अधिनियम और हत्या के प्रायासों से भरा पड़ा है। मोहित के खिलाफ लूट और हत्या के प्रायास समेत वुछ 14 अभियोग पंजीवृत हैं।
सन्नी पर वुरारा थाने में वर्ष 2016 में पहला मामला लूट और हमले का दर्ज हुआ था और आखिरी मामला 2019 में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किया गया। सन्नी सिह के भाईं पिंटू ने कहा कि मेरा भाईं वुछ नहीं करता था। उस पर वुछ मामले हैं। सूत्रों का दावा है कि सन्नी के सम्पर्व लॉरेंस बिश्नोईं गिरोह से भी हैं। अरुण मौर्यं उर्प कालिया का घर सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता गांव में है। अरुण के पिता का नाम हीरा लाल था। अरुण उर्प कालिया छह साल से बाहर रह रहा है। घर पर दो बड़े भाईं रहते हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है। मां-बाप की 15 साल पहले ही मौत हो चुकी है।
चाचा ने बताया कि अरुण काफी पहले ही गांव छोड़कर चला गया था, तब से वह नहीं आया। उसकी खेती पड़ी हुईं है यहां। अरुण शातिर अपराधी है।
इसने जीआरपी थाने के एक पुलिसकमा की हत्या कर दी थी। इसके बाद यह फरार हो गया था, तब से अरुण घर नहीं आया है। हालांकि यह तीनों आपराधिक प्रावृत्ति के हैं पर इसमें संदेह है कि इन्होंने अकेले अतीक और उसके भाईं पर हमला नहीं किया। इनके पीछे कौन है या कौन-सी ताकतें हैं, यह शायद ही पता चले। बेशक जांच हो रही है पर उसमें सच्चाईं निकले यह मुश्किल लगता है। कहानी असल क्या है यह जांच से पता चलेगा। यह तीनों हिस्ट्रीशीटर हैं। जिस किसी ने इन्हें चुना है वह जानता था कि यह अतीक की हत्या को अंजाम दे सकते हैं। गोली मारने के बाद इन तीनों ने भागने की कोशिश भी नहीं की। बड़ी आसानी से पुलिस की पकड़ में आ गए। यह भी शक पैदा करता है। देखें, जांच में क्या निकलता है? के हत्यारों से
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